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एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना | 17 Jul 2021 | सामाजिक न्याय

यह एडिटोरियल दिनांक 15/07/2021 को ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “Easing access to entitlements” लेख पर आधारित है। यह ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ (ONORC) योजना से जुड़े लाभों और चुनौतियों से संबंधित है।

कोविड-19 महामारी ने अर्थव्यवस्था के लगभग प्रत्येक क्षेत्र के लिये ही ‘जीवन बनाम आजीविका’ की दुविधा उत्पन्न की है। प्रवासी श्रमिक समाज के उन सबसे कमज़ोर वर्गों में से एक हैं जो इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।

कोविड-19 महामारी की दो घातक लहरों के बाद बेरोज़गार प्रवासी श्रमिकों के समक्ष खाद्य सुरक्षा और आय सुरक्षा दो प्रमुख चिंताओं के रूप में उभरे हैं।

खाद्य सुरक्षा की समस्या से निपटने के लिये भारत सरकार ने ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ (One Nation One Ration Card- ONORC) योजना की शुरुआत की है। ONORC योजना किसी लाभार्थी को उसका राशन कार्ड कहीं भी पंजीकृत होने से स्वतंत्र रखते हुए देश में कहीं भी अपने कोटे का खाद्यान्न प्राप्त कर सकने की अनुमति देती है।

ONORC योजना की स्थिति

ONORC के लाभ

संबद्ध चुनौतियाँ

आगे की राह

निष्कर्ष

ONORC खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद से सार्वजनिक वितरण पारिस्थितिकी तंत्र में लाया गया एक दूरगामी सुधार है। यह बेरोज़गार प्रवासी श्रमिकों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करेगा और ‘सतत् विकास लक्ष्य 2: वर्ष 2030 तक भुखमरी की समाप्ति’ (SDG 2: Ending hunger by 2030) के तहत निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।

अभ्यास प्रश्न: ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद से सार्वजनिक वितरण पारिस्थितिकी तंत्र में लाया गया एक दूरगामी सुधार है। चर्चा कीजिये।