भविष्य में 'अग्निवीर' के लिये अवसर | 27 Jun 2022

यह एडिटोरियल 25/06/2022 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “Don’t Cry for Agniveers” लेख पर आधारित है। इसमें उन संभावित अवसरों की चर्चा की गई है जो सशस्त्र बलों में 4 वर्ष की सेवा के बाद ‘अग्निवीर’ को उपलब्ध कराए जाएँगे।

संदर्भ

हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ युद्ध की प्रकृति व्यापक रूप से बदल गई है। भारत को न केवल स्थल, जल और वायु से बल्कि साइबरटेक, इंटरनेट ऑफ मिलिटरी थिंग्स (IoMT) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से भी खतरों का सामना करना पड़ रहा है।

इस परिदृश्य में एक बेहतर सुसज्जित और अधिक तैयार सेना की आवश्यकता है। देश के लिये एक तरुण और सुसज्जित सशस्त्र बल की आवश्यकता की पूर्ति के लिये सरकार अग्निपथ योजना लेकर आई है।

शीघ्र ही भारतीय सशस्त्र बल ‘अग्निवीर’ की भर्ती संबंधी सभी महत्त्वपूर्ण कार्य शुरू करेंगे, जिन्हें हमारी युद्ध इकाइयों की रीढ़ के रूप में परिकल्पित किया गया है। इस संदर्भ में अग्निपथ योजना के सारतत्व को समझना प्रासंगिक होगा।

अग्निपथ योजना क्या है?

  • परिचय:
    • केंद्र सरकार ने तीनों सैन्य सेवाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) में नए सैनिकों की भर्ती के लिये अग्निपथ योजना का अनावरण किया है।
    • यह योजना देशभक्त और अभिप्रेरित युवाओं को चार वर्ष की अवधि के लिये सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर देगी।
    • सेना में शामिल होने वाले इन युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा।
      • चार वर्ष की सेवा के बाद किसी बैच के केवल 25% सैनिकों की ही संबंधित सेवाओं में 15 वर्ष की अवधि के लिये पुनर्नियुक्ति की जाएगी।
  • पात्रता:
    • यह योजना केवल अधिकारी रैंक से नीचे के सैन्यकर्मियों के लिये है जो सेना में कमीशन अधिकारी (Commissioned Officers) के रूप में शामिल नहीं होते हैं।
      • कमीशन अधिकारी भारतीय सशस्त्र बलों के अंदर एक विशेष रैंक रखते हैं। वे प्रायः राष्ट्रपति की संप्रभु शक्ति के तहत कमीशन धारण करते हैं और उन्हें आधिकारिक तौर पर देश की रक्षा करने का निर्देश प्राप्त होता है।
    • चयन हेतु 17.5 वर्ष से 23 वर्ष की आयु के युवा आवेदन करने के पात्र होंगे।
  • अग्निवीरों को प्रदत्त लाभ:
    • 4 वर्ष की सेवा अवधि की पूर्णता पर उन्हें एकमुश्त 11.71 लाख रुपए (उपार्जित ब्याज सहित) की ‘सेवा निधि’ का भुगतान किया जाएगा।
    • उन्हें चार वर्ष की अवधि के लिये 48 लाख रुपए का जीवन बीमा कवर भी प्राप्त होगा।
    • उनके शहीद होने की स्थिति में परिवार को 1 करोड़ रुपए (शेष कार्यकाल के वेतन सहित) का भुगतान किया जाएगा।
    • चार वर्ष बाद सेवानिवृत्ति पर सरकार उनके पुनर्वास में मदद करेगी। उन्हें ‘स्किल सर्टिफिकेट’ और ‘ब्रिज कोर्स’ प्रदान किया जाएगा।

ऐसी योजना की आवश्यकता क्यों थी?

  • औसत आयु कम करना:
    • अग्निपथ योजना के कार्यान्वयन का एक उद्देश्य यह है कि सैन्यकर्मियों की औसत आयु में कमी लाई जाए।
      • इसकी आवश्यकता वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद महसूस की गई थी। इसके कई दशकों बाद ‘कारगिल समीक्षा समिति’ ने भी इस आवश्यकता पर बल दिया था।
      • वर्तमान में भारतीय सेना में महज 19% कर्मी 25 वर्ष से कम आयु के हैं (इस आयु वर्ग के लिये एक छोटी संख्या) जबकि 36-40 आयु वर्ग में भी 19% कर्मी शामिल हैं (इस आयु वर्ग के लिये एक बड़ी संख्या)।
      • चूँकि चीन और पाकिस्तान दोनों के पास ही पर्वतीय इलाके हैं, कम आयु प्रोफ़ाइल की भारतीय इकाइयाँ इन भूभागों में बेहतर सैन्य प्रदर्शन करेंगी।
  • भविष्य के लिये तैयार सैनिक:
    • युद्ध की प्रकृति बदल रही है और तेज़ी से बहुआयामी बनती जा रही है। युद्ध के विभिन्न पहलुओं—चाहे वह साइबर युद्ध हो, अंतरिक्ष युद्ध या सूचना युद्ध, में भी तेज़ी से परिवर्तन आ रहा है।
    • भर्ती और प्रणालियों के संदर्भ में नए तकनीकी समावेश हो रहे हैं। इस परिदृश्य में सैन्य बलों के लिये आवश्यक है कि वे नवीन प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाएँ और भविष्य के लिये तैयार युद्ध बल का निर्माण करें।
  • अनुसंधान और विकास पर ध्यान देना:
    • हर साल रक्षा बजट का आधे से भी अधिक भाग पेंशन के लिये आवंटित किया जाता है जबकि 5% से कम भाग अनुसंधान और विकास (R&D) के लिये आवंटित किया जाता है।
      • अग्निपथ योजना इस समस्या से भी निपटने की मंशा रखती है जहाँ सैन्य कर्मियों की अल्पकालिक अनुबंधों के साथ भर्ती की जाएगी जो थल सेना, नौसेना और वायु सेना में पेंशन भुगतान के बढ़ते स्तर को कम करने में मदद कर सकेगी।
      • इससे रक्षा क्षेत्र के अनुसंधान एवं विकास में अधिक निवेश कर सकने की सक्षमता प्राप्त होगी।

योजना को लेकर क्या आशंकाएँ और चिंताएँ हैं?

  • दूसरी नौकरी पा सकने में कठिनाई:
    • अग्निपथ योजना के तहत पहले वर्ष थल सेना, नौसेना और वायु सेना में लगभग 45,000 सैनिकों की भर्ती का रास्ता खुला है, लेकिन वे चार वर्ष के अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती किये जाएँगे। अनुबंध पूरा होने के बाद उनमें से 25% को ही सेवा में बनाए रखा जाएगा जबकि शेष सेवानिवृत्त हो जाएँगे।
    • युवाओं की चिंता है कि चार वर्ष की इस सेवा से निवृत्ति के बाद उनके लिये अन्य कोई नौकरी पाना कठिन होगा और वे अपने समवयों और समकक्षों से पीछे छूट जाएँगे।
  • कोई पेंशन लाभ नहीं:
    • अग्निपथ योजना के तहत नियुक्त कर्मियों को चार वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने पर 11 लाख रुपए की एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी।
    • हालाँकि, उन्हें कोई पेंशन लाभ प्राप्त नहीं होगा। इस परिदृश्य में अधिकांश सैनिकों के लिये अपने और अपने परिवार के भरण-पोषण हेतु दूसरी नौकरी की तलाश करने की विवशता होगी।
  • प्रशिक्षण की अप्रयुक्तता:
    • सेना अनुभवी सैनिकों से वंचित होने का नुकसान उठाएगी।
    • थल सेना, नौसेना और वायु सेना में शामिल होने वाले जवानों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे चल रहे अभियानों में सहयोग कर सकें। लेकिन चार वर्ष बाद इन युवक-युवतियों की सेवानिवृत्ति से एक रिक्ति या निर्वात की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

सेवामुक्त किये जाने वाले अग्निवीरों के लिये सरकार ने क्या वादे किये हैं?

  • बैंक ऋण में आसानी:
    • सरकार सेवामुक्त किये गए अग्निवीरों को बैंक ऋण के साथ जीवन के अगले चरण की शुरुआत करने में मदद करेगी, जो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर प्रदान किया जाएगा।
  • अन्य सेवाओं में वरीयता:
    • पात्रता मानदंड को पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिये केंद्रीय रक्षा मंत्रालय में 10% नौकरी रिक्तियों को आरक्षित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
      • यह आरक्षण भारतीय तटरक्षक बल, रक्षा नागरिक पद और सभी 16 सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों में लागू होगा।
      • यह आरक्षण पूर्व-सैनिकों के लिये वर्तमान में उपलब्ध आरक्षण के अतिरिक्त होगा।
    • गृह मंत्रालय ने भी यह सुनिश्चित करने के लिये योजनाओं की घोषणा की है कि अग्निवीर चार वर्ष बाद सेवानिवृत्ति के बाद भी राष्ट्रीय सेवा में किसी रूप में बने रहने के अवसर पाएँ।
      • इस क्रम में केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैनिक बलों (CAPFs) और असम राइफल्स में भर्ती हेतु अग्निवीरों के लिये 10% आरक्षण के साथ-साथ ऊपरी आयु सीमा में छूट की घोषणा की गई है।
    • सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा बल (SSB) जैसे केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैनिक बलों और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) एवं विशेष सुरक्षा समूह (SPG) में अग्निवीरों के लिये यह ऊपरी आयु सीमा 26 वर्ष की होगी।
    • पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने भारतीय नौसेना में अग्निवीरों के चार साल के कार्यकाल के पूरा होने के बाद मर्चेंट नेवी की विभिन्न भूमिकाओं में उनके सुगम संक्रमण के लिये छह सेवा मार्गों की घोषणा की है।
    • असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि कुछ राज्यों ने संबंधित सरकारी नौकरियों में अग्निवीरों की नियुक्ति को वरीयता देने की घोषणा की है।
  • शिक्षा:
    • राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) ने घोषणा की है कि वह रक्षा प्राधिकारों के परामर्श से एक विशेष कार्यक्रम शुरू करेगा ताकि अग्निवीर अपनी शिक्षा को आगे बढ़ा सकें और बारहवीं उत्तीर्ण का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकें।
    • शिक्षा मंत्रालय ने सेवारत रक्षा कर्मियों के लिये तीन-वर्षीय कौशल-आधारित स्नातक डिग्री कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है जो सशस्त्र बलों में कार्यकाल के दौरान प्राप्त प्रशिक्षण को मान्यता प्रदान करेगा।

आगे की राह

  • लाइसेंसिंग की सुगमता:
    • सरकार को अग्निवीरों के लिये अनिवार्य लाइसेंसिंग नियमों में छूट पर विचार करना चाहिये ताकि सेवामुक्ति के बाद उनमें से अधिकाधिक किसी व्यवसाय इकाई की स्थापना में निवेश के लिये आकर्षित हो सकें।
    • यह उद्यमशीलता का अवसर प्रदान करने और अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देने के दोहरे लाभकारी कदम के रूप में कार्य करेगा।
  • कर छूट:
    • एक विशिष्ट प्रारंभिक अवधि के लिये व्यवसाय के माध्यम से अर्जित वेतन आय/लाभ पर कर छूट प्रदान करने पर विचार किया जा सकता है। यह सेवामुक्ति के बाद अधिक-से-अधिक अग्निवीरों को रोज़गार अवसर ग्रहण करने या अपना व्यवसाय शुरू करने के लिये आकर्षित करेगा।
      • यह निष्क्रिय धन (Idle Money) के व्यय और बेरोज़गार बने रहने पर रोक लगाने वाले कारक के रूप में काम करेगा।
  • आकर्षक ब्याज दरें:
    • बैंक अग्निवीरों की जमा राशि पर आकर्षक ब्याज दर प्रदान करने पर विचार कर सकते हैं।
    • यह भी दोहरे लाभकारी कदम के रूप में कार्य करेगा क्योंकि आकर्षक ब्याज दर अग्निवीरों के लिये कमाई के रूप में कार्य करेगी और बैंकों को बाज़ार में अधिक धन तक पहुँच प्राप्त होगी।
  • संस्थानों में प्रवेश पर छूट:
    • उच्च शिक्षा की इच्छा रखने वाले अग्निवीरों के लिये प्रवेश मानदंड में छूट (कट ऑफ आदि में छूट) एक प्रमुख आकर्षण साबित हो सकता है।
      • उच्च योग्यता प्राप्त और अनुशासित अग्निवीरों के पास उनके लिये उपलब्ध पर्याप्त अवसरों का लाभ उठाने की क्षमता होगी।

अभ्यास प्रश्न: अल्पकालिक सेवा अवधि और पेंशन का अभाव दो प्रमुख कारक हैं जिसने सरकार की अग्निपथ योजना के विरुद्ध आंदोलन को जन्म दिया है। इस कथन का आलोचनात्मक परीक्षण करें और रक्षा क्षेत्र की प्रगति के लिये उपायों के सुझाव दें।