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इलेक्ट्रिक वाहन संभावनाएँ और चुनौतियाँ | 01 Jan 2021 | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाए जाने से जुड़े संभावित लाभ, इसकी चुनौतियों व संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।

सदर्भ: 

हाल ही में भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाज़ार में महत्त्वपूर्ण भूमिका रखने वाली अमेरिकी कार निर्माता कंपनी ‘टेस्ला’ (Tesla) को भारत में परिचालन कार्य शुरू करने की अनुमति दी गई है। इस निर्णय के बाद वर्ष 2021 के शुरूआती महीनों में ही टेस्ला के भारतीय बाज़ार में कदम रखने का अनुमान है। सरकार का यह कदम भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।  

टेस्ला के भारतीय बाज़ार में प्रवेश करने के साथ ही आने वाले समय में इसके कारण EV क्षेत्र पर शोध और नवोन्मेष के लिये निवेश में वृद्धि देखी जा सकती है तथा भारत इलेक्ट्रिक वाहनों (जैसे- कार, मोटरसाइकिल और ट्रैक्टर आदि) के क्षेत्र में प्रमुख निर्माता देश बनकर उभर सकता है। 

इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ने के लिये दिये जाने वाले तर्क बहुत ही सीधे और स्पष्ट हैं, जिनमें बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना तथा ऊर्जा सुरक्षा की चुनौतियाँ (खनिज तेल आयात पर निर्भरता) आदि जैसे कारक शामिल हैं। हालाँकि इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक स्तर पर अपनाए जाने के मार्ग में अभी भी कई बाधाएँ है, ऐसे में परिवहन क्षेत्र के इस बड़े बदलाव को प्रोत्साहित करने के लिये विभिन्न स्तरों पर सरकार के समर्थन की आवश्यकता होगी।     

इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभ: 

ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (TERI) द्वारा जारी एक विश्लेषण के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से प्रदूषण में गिरावट के साथ, तेल के आयात में कमी लाने, कार्बन उत्सर्जन और सड़क जाम में कमी करने में सहायता प्राप्त होगी

इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी चुनौतियाँ:

आगे की राह:  

अभ्यास प्रश्न: लेक्ट्रिक वाहन परिवहन क्षेत्र का भविष्य हो सकते हैं परंतु यह तभी संभव होगा जब किफायती और अगली पीढ़ी की बैटरी तकनीकी उपलब्ध हो । टिप्पणी कीजिये।