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हिरासत में होने वाली मौत | 05 Jul 2022 | शासन व्यवस्था

यह एडिटोरियल 04/07/2022 को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित “Technology is no panacea for custodial deaths” लेख पर आधारित है। इसमें हिरासत में होने वाली मौतों (Custodial Deaths), पूछताछ प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी के आगमन और अन्य संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा की गई है।

संदर्भ

पुलिस बर्बरता और हिरासत में की जाने वाली हिंसा के मामले में भारत का बदतर रिकॉर्ड रहा है । वर्ष 2001 से 2018 के बीच पुलिस हिरासत में 1,727 लोगों की मौत हो गई लेकिन इन मामलों के लिए केवल 26 पुलिसकर्मियों को ही दोषी ठहराया गया।

हिरासत में होने वाली मौतों से हमारा क्या तात्पर्य है?

भारत में हिरासत में होने वाली मौतों का परिदृश्य

हिरासत में होने वाली मौतों के संभावित कारण क्या हो सकते हैं?

हिरासत (Custody) के संबंध में कौन-से प्रावधान उपलब्ध हैं?

हिरासत में पूछताछ के संबंध में प्रौद्योगिकी की भूमिका

आगे की राह

अभ्यास प्रश्न: जाँच के वैज्ञानिक तरीके अपनाने से लेकर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने तक के वृहत प्रयासों के बावजूद भारत में हिरासत में मौतें आम परिदृश्य है। टिप्पणी करें।