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COP26- उपलब्धियाँ और संभावनाएँ | 16 Nov 2021 | जैव विविधता और पर्यावरण

यह एडिटोरियल 14/11/2021 को ‘लाइवमिंट’ में प्रकाशित “The Glasgow Summit on Climate Change: What Has It Achieved” लेख पर आधारित है। इसमें UNFCCC COP26 शिखर सम्मेलन की उपलब्धियों और जलवायु परिवर्तन शमन में सुधार की संभावनाओं के संबंध में चर्चा की गई है।

संदर्भ

हाल ही में आयोजित COP26 को ग्रह को बचाने के अंतिम अवसर के रूप में व्यापक रूप से प्रचारित किया गया। बैठक की शुरुआत भारी जोश के साथ हुई थी, लेकिन अंत धीमे स्वर में हुआ। इसके बावजूद, इसने कुछ प्रगति दर्ज की, भले वह आवश्यकता या अपेक्षा से काफी कम रही हो।  

शिखर सम्मेलन को इस चिंताजनक पहलू से जूझना था कि दुनिया सदी के अंत तक लगभग +3 डिग्री सेल्सियस तक पहुँचने की राह पर है, यानी वर्ष 2015 के पेरिस समझौते के लक्ष्य "2 डिग्री सेल्सियस से नीचे" और आदर्श रूप से "पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर" से कहीं अधिक। 

जलवायु परिवर्तन की इस वैश्विक समस्या में विश्व के तीन सबसे बड़े उत्सर्जकों, विकसित देशों और निस्संदेह भारत द्वारा एक अधिक व्यापक भूमिका का निर्वाह किया जाना अभी शेष है।

बैठक का कार्यवृत्त: उपलब्धियाँ और असफलताएँ

बैठक की विफलताएँ:

आगे की राह

निष्कर्ष

अभ्यास प्रश्न: जलवायु परिवर्तन को कम करने में सबसे बड़े वैश्विक उत्सर्जकों और विकसित देशों की भूमिका पर चर्चा कीजिये।