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कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नकारात्मक पक्ष | 23 May 2019 | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इस Editorial में 15 मई को LIvemint में प्रकाशित आलेख The Chilling Consequences of the Internet of the Things का विश्लेषण करते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के नकारात्मक पहलुओं को उजागर किया गया है।

संदर्भ

AI के महत्त्व का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2018-19 का अंतरिम बजट पेश करते समय केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसका उल्लेख किया। आज लगभग हर उस क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence-AI) का ज़िक्र होता है, जहाँ किसी काम को स्वचालित रूप से मनुष्य के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप के बिना पूरा किया जा सकता है। कुछ ऐसे क्षेत्रों में जिनमें मनुष्य के काम करने में जोखिम हो सकता है, उनमें AI का इस्तेमाल वरदान सिद्ध हुआ है। लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं और AI भी इसका अपवाद नहीं है। जहाँ इसके अनेकानेक लाभ हैं, वहीं इसके कुछ नकारात्मक पक्ष भी हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है?

आगे बढ़ने से पहले यह जान लेते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी Artificial Intelligence या AI आखिर है क्या?

बेहद सरल शब्दों में कहें तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता वह गतिविधि है जिसके द्वारा मशीनों को बुद्धिमान बनाने का काम किया जाता है...और बुद्धिमत्ता वह गुण है जो किसी इकाई को अपने वातावरण में उचित और दूरदर्शिता के साथ कार्य करने में सक्षम बनाता है।

जब कोई मशीन या उपकरण परिस्थितियों के अनुकूल सीखकर समस्याओं को हल करता है तो यह AI के दायरे में आता है। इसे विचार करने, नियोजन, सीखने, भाषा की प्रोसेसिंग, अवधारणा, गति, रचनात्मकता आदि का मिश्रण कहा जा सकता है।

कई अनसुलझे सवाल हैं

AI से होने वाले प्रमुख संभावित खतरे

माना जा रहा है कि AI के इस्तेमाल से संचार, रक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और कृषि आदि क्षेत्रों में बड़ा बदलाव आ सकता है। हालाँकि इसके लाभ अभी बहुत स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन इसके खतरों को लेकर कहा जा सकता है कि AI के आने से सबसे बड़ा नुकसान मानव अस्तित्व को ही होगा।

शुद्धता और निष्पक्षता का प्रश्न

आँकड़े, ज्ञान, प्रौद्योगिकी तक पहुँच

निजता को खतरा

किसी व्यक्ति की ऑनलाइन गतिविधियों के डेटा तक अवैध पहुँच की संभावना के मद्देनज़र देखें तो यह निजता के अधिकार के लिये जोखिम की स्थिति तैयार करती है। इससे न केवल ऑनलाइन, बल्कि किसी ऑफलाइन उपयोगकर्त्ता का (जिसने सोच-समझ कर ‘डिसकनेक्टेड’ रहने का निर्णय लिया हो) निजता का अधिकार भी खतरे में पड़ सकता है। उदाहरण के लिये, यदि कोई ‘डिसकनेक्टेड यूज़र’ नवविकसित स्मार्ट सिटी में किसी भी प्रकार की कोई गतिविधि कर रहा हो तो उसका इस दायरे से बच पाना कठिन है।

प्रौद्योगिकीय बेरोज़गारी

पूर्व की तीन औद्योगिक क्रांतियों ने श्रमबल को विभिन्न प्रकार से प्रभावित किया:

असंतुलित शक्ति और डेटा पर नियंत्रण

सुरक्षा का प्रश्न महत्त्वपूर्ण

घातक स्वचालित हथियार

AI से जुड़े अन्य घटक

AI पर कोई भी चर्चा तब तक पूर्ण नहीं मानी जा सकती, जब तक इसके सहयोगी घटकों के बारे में जानकारी प्राप्त न कर ली जाए:

इंटरनेट ऑफ थिंग्स

इंटरनेट ऑफ थिंग्स की अवधारणा के अनुप्रयोगों में इंटरनेट पर रिमोट मॉनीटरिंग की सुविधा मिलती है। यह विभिन्न डिवाइसों का समूह है जो इंटरनेट के संपर्क में रहकर संवाद करते है और सहजता से डेटा साझा करते हैं।

उदाहरण के लिये, स्मार्ट मीटर का उपयोग कर जल उपचार (Water Treatment) प्रणाली का विश्लेषण किया जा सकता है और किसी भी समय एवं कहीं से भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

या...

एक ऐसी एम्बुलेंस, जो किसी सड़क दुर्घटना का शिकार हुए व्यक्ति को लेने जाते समय सर्वप्रथम सबसे कम समय लेने वाले रास्ते का चुनाव कर सके और फिर घायल का पूरा चिकित्सकीय ब्योरा ऑनलाइन देखकर उसकी प्राथमिक चिकित्सा के लिये जो उपकरण व दवाएँ आवश्यक हों, उनकी व्यवस्था कर ले।

मशीन लर्निंग

मशीन लर्निंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कंप्यूटर जैसी मशीनें अपने आप कुछ करना सीख जाती हैं। इस योजना में मशीनें मानव मस्तिष्क की तरह ही कुछ कामों को करना सीखती हैं और इस प्रक्रिया में उन्हें किसी मनुष्य की सहायता की ज़रूरत नहीं पड़ती। मशीन लर्निंग एक एल्गोरिथ्म है जो सॉफ्टवेयर को सही रूप से चलाने में मदद करती है। मशीन लर्निंग का सामान्य काम यह होता है कि वह इस तरह की एल्गोरिथ्म बनाए जिससे वह इनपुट डेटा को ले सके और आसानी से आँकड़ों का विश्लेषण कर सके। इससे आउटपुट डेटा की जानकारी के साथ नए डेटा को भी अपडेट किया जा सकेगा।

रोबोटिक्स

रोबोटिक्स इंजीनियरिंग की वह शाखा है जिसके तहत रोबोट की डिज़ाइनिंग, उनका रख-रखाव, नए अनुप्रयोगों का विकास और अनुसंधान इत्यादि जैसे काम किये जाते हैं। रोबोटिक्स में Manipulation & Processing के लिये कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है। रोबोटिक्स को सामान्यतः चार वर्गों में बाँटा जा सकता है- 1. औद्योगिक रोबोट 2. पर्सनल रोबोट 3. मेडिकल उपयोग के लिये रोबोट 4. ऑटोनॉमस रोबोट। रोबोटिक्स इंजीनियरिंग के तहत AI का भी अध्ययन किया जाता है।

आगे की राह

निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि AI और AI-आधारित अनुप्रयोगों के विकास पर अंकुश नहीं लगाया जाना चाहिये, लेकिन इसके विकास और उपयोग के विभिन्न स्तरों की निगरानी और विनियमन की व्यवस्था बनी रहनी चाहिये।

अभ्यास प्रश्न: "प्रौद्योगिकी स्वयं में मूल्य निरपेक्ष होती है; यह समाज की संरचना है जो इसे दिशा दिखाती है।" इस संदर्भ में समाज में AI के दायरे पर आलोचनात्मक टिप्पणी कीजिये।