विश्व व्यापार संगठन की मंत्रिस्तरीय बैठक | 13 May 2019

चर्चा में क्यों?

13 और 14 मई, 2019 के मध्य नई दिल्ली में आयोजित विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization- WTO) की मंत्रिस्तरीय बैठक में विवाद निपटान संस्था को लेकर गतिरोध और अमीर देशों द्वारा विकासशील देशों को कुछ विशेष व्यापार लाभ देने से इनकार करने जैसे मुद्दों पर विशेष बल दिये जाने की संभावना है। इस बैठक की मेज़बानी भारत द्वारा की जा रही है।

प्रमुख बिंदु

  • यह बैठक वर्ष 2020 में कज़ाखस्तान में आयोजित होने वाले विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन से पहले आयोजित एक महत्त्वपूर्ण बैठक है।
  • यह बैठक ऐसे समय पर आयोजित की जा रही है जब बहुपक्षीय नियम आधारित व्यापार प्रणाली गंभीर एवं चिंताजनक चुनौतियों का सामना कर रही है।
  • विश्व व्यापार संगठन से जुड़े 16 देश, जो कि मुख्य रूप से विकासशील देश और 6 अल्प -विकसित देश इसका हिस्सा बनेंगे।
  • इस बैठक में बहुत से अहम मुद्दों पर सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा जिनमें डब्ल्यूटीओ में सुधारों के संबंध में आगे की कार्यवाही की योजना के साथ-साथ बहुपक्षीय व्यापार प्रणााली के विषय में भी बात की जाएगी।
  • पिछले दो वर्षों में विश्व व्यापार संगठन की अपीलीय संस्था में सदस्यों की संख्या सात से घटकर तीन रह गई है।
  • वर्तमान में अपीलीय निकाय में किसी अपील पर सुनवाई करने में एक वर्ष का समय लगता है, जबकि अपीलों के निपटान के लिये निर्धारित समय 90 दिन है।
  • विश्व व्यापार संगठन में विकासशील देशों के विशेष और भिन्न बर्ताव का प्रावधान कुछ अन्य देशों के लिये चिंता का विषय बना हुआ है।

विश्व व्यापार संगठन

  • विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) विश्व में व्यापार संबंधी अवरोधों को दूर कर वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 1995 में मारकेश संधि के तहत की गई थी।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा में है। वर्तमान में विश्व के 164 देश इसके सदस्य हैं।
  • 29 जुलाई, 2016 को अफगानिस्तान इसका 164वाँ सदस्य बना था।
  • सदस्य देशों का मंत्रिस्तरीय सम्मलेन इसके निर्णयों के लिये सर्वोच्च निकाय है, जिसकी बैठक प्रत्येक दो वर्षों में आयोजित की जाती है।

विशेष और भिन्न बर्ताव प्रावधान

  • विश्व व्यापार संगठन के समझौते में कुछ खास प्रावधान शामिल हैं जो विकासशील देशों को कुछ विशेष अधिकार देते हैं जिन्हें विशेष और भिन्न बर्ताव (Special and Differential Treatment) कहते हैं। ये प्रावधान विकसित देशों को विश्व व्यापार संगठन के अन्य सदस्यों की तुलना में विकासशील देशों के साथ अधिक अनुकूल व्यवहार करने की संभावना व्यक्त करते हैं।
  • विशेष प्रावधानों में निम्नलिखित शामिल हैं-
  • समझौतों और प्रतिबद्धताओं को लागू करने हेतु लंबा समय।
  • विकासशील देशों हेतु व्यापार के अवसरों को बढ़ाने के उपाय
  • विकासशील देशों के व्यापार हितों की सुरक्षा के लिये सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों हेतु आवश्यक प्रावधान।
  • विकासशील देशों को डब्ल्यूटीओ के काम को पूरा करने, विवादों को हल करने और तकनीकी मानकों को लागू करने में मदद करने हेतु सहायता।
  • सबसे कम विकसित देश (Least-Developed Country- LDC) के सदस्यों से संबंधित प्रावधान।

स्रोत- बिज़नेस स्टैंडर्ड