विश्व स्वास्थ्य संगठन | 28 Jun 2017

संदर्भ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को सभी देशों से कहा कि टी.बी., एच.आई.वी. और हेपेटाइटिस आदि रोगों की जाँच के लिये ‘बहु-रोग परीक्षण’ (Multi-disease Testing) उपकरणों का प्रयोग करना चाहिये।

विश्व स्वास्थ्य संगठन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशेष एजेंसी है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) को बढ़ावा देना है। इसकी स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को हुई थी। इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में अवस्थित है। डब्ल्यू.एच.ओ. संयुक्त राष्ट्र विकास समूह (United Nations Development Group) का सदस्य है। इसकी पूर्ववर्ती संस्था ‘स्वास्थ्य संगठन’ लीग ऑफ नेशंस की एजेंसी थी।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • जीनेएक्पेर्ट (GeneXpert) नामक एक एकल डिवाइस का उपयोग टी.बी. और एच.आई.वी. संक्रमणों की जाँच करने के लिये किया जा सकता है।
  • भारत ने हाल ही में ‘राष्ट्रीय क्षय रोग कार्यक्रम’ के लिये 600 जीनेएक्पेर्ट मशीनों की खरीददारी की है।
  • अधिकांश देशों द्वारा बहु-रोग परीक्षण का उपयोग नहीं किये जाने के कारण डब्ल्यू.एच.ओ. ने इन अत्याधुनिक पोर्टेबल मशीनों का (जो आणविक परीक्षण (molecular tests)) पर कार्य करती है, उपयोग करने की सलाह दी है। 
  • किसी भी अच्छी स्वास्थ्य प्रणाली में मल्टी-परीक्षण करने की क्षमता होनी चाहिये। वर्तमान में, हम ज़्यादातर एकल रोग परीक्षण प्रौद्योगिकियों में निवेश कर रहे हैं, जबकि एक ही मशीन द्वारा अनेक टेस्ट किये जा सकते हैं।

उपयोग 

  • आणविक प्रौद्योगिकियों की अनुकूलन क्षमता के कारण हम एकल प्लेटफार्म का उपयोग अनेक बीमारियों का एक साथ टेस्ट करने में कर सकते हैं।
  • मल्टी-रोग डिवाइस, क्षमताओं में वृद्धि कर सकता है और ज़रूरत के समय मरीजों की जाँच तक पहुँच सुनिश्चित कर सकता है।
  • ऐसे उपकरण शिशुओं में एच.आई.वी. की शुरुआत, एच.आई.वी. और हेपेटाइटिस के वायरल भार निगरानी (viral load monitoring) के उपचार एवं निदान से संबंधित चुनौतियों को दूर करने में मदद कर सकते हैं।