वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक: IMF | 02 Feb 2023

प्रिलिम्स के लिये:

IMF, वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक।

मेन्स के लिये:

महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, भारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund- IMF) ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) रिपोर्ट जारी की है, जिसने वर्ष 2023 के लिये वैश्विक विकास के पूर्वानुमान को अद्यतन किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • वैश्विक विकास में कमी: 
    • वैश्विक विकास जो वर्ष 2022 में 3.4% अनुमानित था, अब वर्ष 2023 में 2.9% तक गिरावट के बाद वर्ष 2024 में 3.1% तक बढ़ने का अनुमान है।
    • हालाँकि IMF प्रभावी रूप से वैश्विक मंदी की संभवना को नकारता है।
    • वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product- GDP) या प्रति व्यक्ति वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में नकारात्मक वृद्धि अपेक्षित नहीं है जो अक्सर वैश्विक मंदी होने पर देखी जाती है।
    • हालाँकि यह वर्ष 2024 में गति पकड़ने से पहले वर्ष 2023 में वैश्विक विकास की उम्मीद करता है। 
  • मुद्रास्फीति में कमी: 
    • मुद्रास्फीति-विस्फीति: 
      • वर्ष 2022 में मुद्रास्फीति चरम पर थी, जबकि अवस्फीति धीमी होगी और यह वर्ष 2023 और 2024 तक रहेगी।
    • हेडलाइन मुद्रास्फीति: 
      • लगभग 84% देशों में वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में हेडलाइन (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति में कमी आने की उम्मीद है। 
    • वैश्विक मुद्रास्फीति: 
      • वैश्विक मुद्रास्फीति वर्ष 2022 के 8.8% (वार्षिक औसत) से गिरकर वर्ष 2023 में 6.6% और वर्ष 2024 में 4.3% रहने की संभावना है, जो महामारी पूर्व (2017-19)  लगभग 3.5% के स्तर से ऊपर थी। 
    • मूल्य वृद्धि में कमी: 
      • मूल्य वृद्धि दो मुख्य कारणों से धीमी हो रही है,
      • पहला, विश्व भर में मौद्रिक सख्ती- उच्च ब्याज दरें वस्तुओं एवं सेवाओं की समग्र मांग को कम करती हैं और बदले में मुद्रास्फीति को धीमा कर देती हैं। 
        • दूसरा, लड़खड़ाती मांग के मद्देनज़र विभिन्न वस्तुओं- ईंधन और गैर-ईंधन दोनों की कीमतें अपने हालिया उच्च स्तर से नीचे आ गई हैं। 
        • वर्ष 2023 में उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति 4.6% रहने की संभावना है, जबकि उभरती अर्थव्यवस्थाओं को 8.1% की मुद्रास्फीति का सामना करना पड़ेगा। 
  • भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा: 
    • वर्ष 2023 और 2024 में भारत विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा।
    • भारत में विकास दर वर्ष 2022 के 6.8% से घटकर वर्ष 2023 में 6.1% हो जाएगी, जो बाहरी चुनौतियों के बावजूद लचीली घरेलू मांग के साथ वर्ष 2024 में 6.8% तक बढ़ेगी। 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF):

  • परिचय: 
    • द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद युद्ध में तबाह हुए देशों के पुनर्निर्माण में सहायता के लिये विश्व बैंक के साथ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना की गई।
      • अमेरिका के ब्रेटन वुड्स में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान इन दोनों संगठनों की स्थापना पर सहमति बनी। इसलिये इन्हें ब्रेटन वुड्स के जुड़वाँ संतानों यानी ब्रेटन वुड्स ट्विन्स के रूप में भी जाना जाता है।
    • IMF की स्थापना वर्ष 1944 में हुई थी, यह उन 190 देशों द्वारा शासित और उनके प्रति जवाबदेह है जो इसके वैश्विक सदस्य हैं। भारत ने 27 दिसंबर, 1945 को IMF की सदस्यता ग्रहण की।
      • IMF दिसंबर 1945 में औपचारिक रूप से अस्तित्त्व में आया।
    • IMF का प्राथमिक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करना है, यह विनिमय दरों और अंतर्राष्ट्रीय भुगतान की प्रणाली है जो देशों (और उनके नागरिकों) को एक-दूसरे के साथ लेन-देन करने में सक्षम बनाती है।
      • वर्ष 2012 में एक कोष के जनादेश के अंतर्गत वैश्विक स्थिरता से संबंधित सभी व्यापक आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र के मुद्दों को शामिल करने के लिये इसको अद्यतित किया गया।
  • IMF द्वारा जारी रिपोर्ट: 
  • वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक:
    • यह IMF द्वारा किया जाने वाला एक सर्वेक्षण कार्यक्रम है जो आमतौर पर अप्रैल और अक्तूबर के महीनों में वर्ष में दो बार प्रकाशित किया जाता है।
    • यह निकट और मध्यम अवधि के दौरान वैश्विक आर्थिक विकास का विश्लेषण और भविष्यवाणी करता है।
    • WEO की अद्यतन रिपोर्ट जनवरी और जुलाई में प्रकाशित की जाती है, इसके अलावा दो मुख्य WEO रिपोर्ट्स आमतौर पर अप्रैल और अक्तूबर में जारी की जाती हैं, ताकि लगातार पूर्वानुमान अपडेट की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न 1. "रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट" और "रैपिड क्रेडिट सुविधा" निम्नलिखित में से किसके द्वारा उधार देने के प्रावधानों से संबंधित हैं? (2022) 

(a) एशियाई विकास बैंक 
(b) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 
(c) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम वित्त पहल 
(d) विश्व बैंक 

उत्तर: (b) 

व्याख्या: 

  • रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट(RFI) त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करता है, यह भुगतान संतुलन आवश्यकताओं का सामना करने वाले सभी सदस्य देशों के लिये उपलब्ध है। RFI को सदस्य देशों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये तथा वित्तीय सहायता को अधिक लचीला बनाने हेतु IMF को एक व्यापक सुधार के हिस्से के रूप में बनाया गया था। रैपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट IMF की पूर्ववर्ती आपातकालीन सहायता नीति की जगह लेता है और इसका उपयोग विभिन्न परिस्थितियों में किया जा सकता है। 
  • रैपिड क्रेडिट सुविधा (RCF) कम आय वाले देशों (LIC) की बिना किसी पूर्व शर्त के तत्काल भुगतान संतुलन (BoP) आवश्यकताओं की पूर्ति करता है, जहाँ एक पूर्ण आर्थिक कार्यक्रम की न तो आवश्यकता है और न ही यह व्यवहार्य है। RCF की स्थापना एक व्यापक सुधार के हिस्से के रूप में की गई थी ताकि वित्तीय सहायता को अधिक लचीला और संकट के समय LIC की विविध ज़रूरतों के अनुरूप बेहतर बनाया जा सके। 
  • RCF के तहत तीन क्षेत्र हैं: (i) घरेलू अस्थिरता, आपात स्थिति जैसे स्रोतों की एक विस्तृत शृंखला के कारण तत्काल BoP ज़रूरतों के लिये एक "रेगुलर विंडो", (ii) अचानक, बहिर्जात झटके के कारण तत्काल BoP ज़रूरतों के लिये एक "एक्सोजेनस शॉक विंडो" और (iii) प्राकृतिक आपदाओं के कारण तत्काल BoP ज़रूरतों के लिये एक "लार्ज नेचुरल डिज़ास्टर विंडो" जहाँ क्षति सकल घरेलू उत्पाद के 20% के बराबर या उससे अधिक होने का अनुमान है।

प्रश्न. “स्वर्ण ट्रान्श” (रिज़र्व ट्रान्श) निर्दिष्ट करता है: (2020)

(a) विश्व बैंक की एक ऋण व्यवस्था
(b) केंद्रीय बैंक की किसी एक क्रिया को
(c) WTO द्वारा इसके सदस्यों को प्रदत्त एक साख प्रणाली को
(d) IMF द्वारा इसके सदस्यों को प्रदत्त एक साख प्रणाली को

उत्तर: (d)


प्रश्न. 'वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट' (2016) किसके द्वारा तैयार की जाती है?

(a) यूरोपीय केंद्रीय बैंक
(b) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
(c) पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक
(d) आर्थिक सहयोग और विकास संगठन

उत्तर: (b)


मेन्स: 

प्रश्न: विश्व बैंक और IMF, जिन्हें सामूहिक रूप से ब्रेटन वुड्स की जुडवाँ संस्था के रूप में जाना जाता है, विश्व की आर्थिक एवं वित्तीय व्यवस्था की संरचना का समर्थन करने वाले दो अंतर-सरकारी स्तंभ हैं। विश्व बैंक और IMF कई सामान्य विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं, फिर भी उनकी भूमिका, कार्य और अधिदेश स्पष्ट रूप से भिन्न हैं। व्याख्या कीजिये। (मुख्य परीक्षा- 2013)

स्रोत: द हिंदू