राष्ट्रीय जलमार्ग -1 के लिये ऋण देगा विश्व बैंक | 21 Apr 2017

समाचारों में क्यों
विदित हो कि देश की महत्त्वाकांक्षी जलमार्ग परियोजना को आगे बढ़ाने और नियत समय में इसे पूरा करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रगति देखने को मिली है। जलमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (National Waterway-1) की क्षमता वृद्धि के लिये विश्व बैंक ने 375 मिलियन डॉलर की धनराशि को मंज़ूरी दी है।

परियोजना से संबंधित महत्त्वपूर्ण बिंदु
जलमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत सरकार हल्दिया से लेकर वाराणसी (1390 किलोमीटर) तक 5369 करोड़ रुपये की लागत से एनडब्ल्यू-1 (गंगा नदी) को विकसित कर रही है। इस परियोजना को पूरा करने के लिये विश्व बैंक से तकनीकी एवं वित्तीय सहायता ली जा रही है। 

परियोजना के अंतर्गत, वाराणसी (उत्तर प्रदेश), साहिबगंज (झारखंड) और हल्दिया (पश्चिम बंगाल) में तीन बहुआयामी टर्मिनल स्थापित किये जाएंगे। वहीं दूसरी ओर कालुघाट और गाज़ीपुर में दो अंतर-मॉडल टर्मिनल, पाँच रॉल ऑफ एवं रॉल ऑन टर्मिनल, वाराणसी, पटना, भागलपुर, मुंगेर, कोलकाता में बनाए जाएंगे। हल्दिया में नौका सेवा का विकास, और पोत मरम्मत और रख-रखाव की सुविधाएँ विकसित की जाएंगी।

क्यों महत्त्वपूर्ण है यह परियोजना?

राष्ट्रीय जलमार्ग –1, राष्ट्रीय महत्त्व का जलमार्ग है, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुज़रता है। यह इलाहाबाद, वाराणसी, गाज़ीपुर, भागलपुर, पटना, हावड़ा, हल्दिया और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों की सेवा में अग्रसर है और गंगा से सटे क्षेत्रों की औद्योगिक ज़रूरतों को पूरा करने में योगदान देता है। इस क्षेत्र में रेल और सड़क गलियारे काफी अधिक संख्या में हैं, जिन्हें जलमार्ग से जोड़कर विकास को गति प्रदान की जा सकती है। एनडब्ल्यू-1 का विकास, परिवहन का एक वैकल्पिक, व्यवहार्य, आर्थिक, कुशल और पर्यावरण-अनुकूल माध्यम बन सकता है।