भारत में पलायन की समस्या | 24 Jul 2019

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश एवं बिहार से पलायन करने वालों की संख्या देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है।

पलायन के संदर्भ में जनगणना के प्रमुख बिंदु:

  • 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश और बिहार से लगभग 20.9 मिलियन लोग पलायन कर अन्य राज्यों में चले गए थे। 20.9 मिलियन का यह आँकड़ा देश में होने वाले कुल अंतर-राज्यीय पलायन (Inter-State Migration) का 37 प्रतिशत है।
  • इसी अवधि में यह भी पाया गया कि देश के दो बड़े महानगरों दिल्ली और मुंबई की ओर पलायन करने वालों की कुल संख्या 9.9 मिलियन थी जोकि वहाँ की आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा था।
  • आँकड़ों के अनुसार, देश की हिंदी पट्टी (Hindi Belt) पलायन का प्रमुख केंद्र थी।

हिंदी पट्टी उत्तर-मध्य भारत का वह क्षेत्र है जहाँ बोलचाल के लिये व्यापक तौर पर हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है।

  • हिंदी पट्टी के चार प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में देश के कुल अंतर-राज्यीय पलायन का 50 प्रतिशत हिस्सा देखने को मिला।
  • वर्ष 2001 से 2011 के मध्य बाहरी राज्यों की तुलना में स्वयं के राज्य में ही पलायन करने वाले लोगों की संख्या में भी वृद्धि हुई, जिसे अंतर-ज़िला पलायन (Inter-District Migration) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। जहाँ एक ओर वर्ष 2001 की जनगणना में अंतर-ज़िला पलायन 30 प्रतिशत था वहीं दूसरी ओर वर्ष 2011 की जनगणना में यह बढ़कर 58 प्रतिशत हो गया था।

Migration

क्या होता है पलायन?

पलायन एक स्थान से दूसरे स्थान तक लोगों की आवाजाही है। यह एक छोटी या लंबी दूरी के लिये अल्पकालिक या स्थायी, स्वैच्छिक या मजबूरी वश, अंतर्देशीय या अंतर्राष्ट्रीय हो सकता है।

लोग पलायन क्यों करते हैं?

  • ग्रामीण इलाकों का कृषि आधार वहाँ रहने वाले सभी लोगों को रोज़गार प्रदान नहीं करता है। क्षेत्रीय विकास में असमानता लोगों को ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में स्थानांतरित होने के लिये विवश करती है।
  • शैक्षणिक सुविधाओं की कमी के कारण भी ग्रामीण लोग शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन करते हैं।
  • राजनीतिक अस्थिरता और अंतर-जातीय संघर्ष के कारण भी लोग अपने घरों से दूर चले जाते हैं।
  • गरीबी और रोज़गार के अवसरों की कमी लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिये प्रेरित करती है।
  • बेहतर स्वास्थ्य और वित्तीय सेवाओं का लाभ उठाने के लिये लोग बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की तलाश में अल्पावधि के आधार पर भी पलायन करते हैं।
  • भोजन की कमी, जलवायु परिवर्तन, धार्मिक उत्पीड़न, गृहयुद्ध जैसे अन्य कारक भी लोगों को आंतरिक पलायन की ओर अग्रसर करते हैं।

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स