जम्मू-कश्मीर तथा लेह-कारगिल में वक्फ बोर्ड | 08 Dec 2020

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जम्मू-कश्मीर और लेह-कारगिल में वक्फ बोर्ड के गठन की प्रक्रिया शुरू की गई।

प्रमुख बिंदु:

  • जम्मू-कश्मीर और लेह-कारगिल में वक्फ संपत्ति की संख्या हज़ारों में है और वक्फ की इन संपत्तियों का पंजीकरण करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। 
    • इन वक्फ बोर्ड संपत्तियों के डिजिटलीकरण और जिओ टैगिंग/जीपीएस मैपिंग का कार्य भी शुरू हो चुका है।
  • केंद्र सरकार प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (Pradhan Mantri Jan Vikas Karyakram- PMJVK) के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर व लेह-कारगिल में सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक गतिविधियों के लिये वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर आधारभूत अवसंरचना तैयार करने हेतु पर्याप्त आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी।
    • प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों को बेहतर सामाजिक-आर्थिक अवसंरचना (विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास के क्षेत्र में) उपलब्ध कराना है ताकि पिछड़ेपन के मापदंडों के संदर्भ में राष्ट्रीय औसत और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच के अंतर को कम किया जा सके।
      • पूर्ववर्ती बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (Multi-Sectoral Development Programme- MSDP) को प्रभावी कार्यान्वयन हेतु वर्ष 2018 से प्रधानमंत्री जन विकास कार्यकम के रूप में पुनर्गठित तथा पुनर्नामित किया गया है।

केंद्रीय वक्फ परिषद (Central Waqf Council)

  • केंद्रीय वक्फ परिषद एक सांविधिक निकाय है तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है। इसकी स्थापना वर्ष 1964 में ‘वक्फ अधिनियम, 1954’ में किये गए प्रावधानों के तहत की गई थी।
  • यह एक सलाहकारी निकाय है जो वक्फ बोर्डों और औकाफ (Auqaf) के नियत प्रशासन से संबंधित मामलों पर केंद्र सरकार को सलाह देता है।
    • औकाफ (Awkaf/Auqaf), अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है संपत्ति।
    • परिषद में एक अध्यक्ष (जो वक्फ का प्रभारी केंद्रीय मंत्री भी होता है) तथा अधिकतम 20 सदस्य होते हैं, जिन्हें भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जा सकता है।
  • प्रत्येक राज्य में एक वक्फ बोर्ड होता है, जिसमें एक अध्यक्ष, राज्य सरकार द्वारा मनोनीत एक या दो व्यक्ति, मुस्लिम विधायक और सांसद, राज्य बार काउंसिल के मुस्लिम सदस्य, इस्लामी धर्मशास्त्र तथा मुतवली (Mutawalis) के मान्यता प्राप्त विद्वान शामिल होते हैं।

स्रोत: पी.आई.बी.