अमेरिका द्वारा चीन पर नए प्रतिबंध | 17 Dec 2021

प्रिलिम्स के लिये:

उइगर मुस्लिम, शिंजियांग की अवस्थिति, उइगर मुसलमानों के लिये घोषणा

मेन्स के लिये:

चीन की कई बायोटेक और  निगरानी एजेंसियों  पर प्रतिबंध, विश्व में मानवाधिकारों का उल्लंघन, उइगर मुसलमानों से जुड़े मुद्दे

चर्चा में क्यों?

चीन के शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकारों के हनन को लेकर अमेरिका चीन की कई  बायोटेक और निगरानी एजेंसी एवं  सरकारी संस्थाओं पर नए प्रतिबंध लगा रहा है।

  • शिंजियांग तकनीकी रूप से चीन भू-भाग में एक स्वायत्त क्षेत्र है - इसका सबसे बड़ा क्षेत्र, खनिजों में समृद्ध तथा भारत, पाकिस्तान, रूस और अफगानिस्तान सहित आठ देशों के साथ सीमा साझा करता है।

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प्रमुख बिंदु 

  • अमेरिकी प्रतिबंध:
    • अमेरिकी वाणिज्य विभाग चीन की सैन्य चिकित्सा विज्ञान अकादमी और उसके 11 शोध संस्थानों को लक्षित कर रहा है जो चीनी सेना का समर्थन करने के लिये जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
      • अमेरिकी ट्रेजरी विभाग भी कई चीन की संस्थाओं के खिलाफ पेनाल्टी जारी करने की तैयारी कर रहा है।
      • यह कदम अमेरिकी कंपनियों को बिना लाइसेंस के इकाइयों को कलपुर्जे बेचने से रोकेगा।
    • अमेरिकी प्रशासन ने द्वारा बाइपार्टिसन/द्विदलीय कानून का समर्थन किया गया जो शिनजियांग से यू.एस. में आयात पर प्रतिबंध लगाता है जब तक कि कंपनियों द्वारा इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती कि माल का उत्पादन करने में जबरन श्रम शक्ति का प्रयोग नहीं हुआ था।
    • इससे पूर्व वर्ष 2020 में यूनाइटेड स्टेट्स हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न के लिये ज़िम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने हेतु एक कानून को मंज़ूरी दी थी।
      • विधेयक चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगरों और अन्य मुस्लिम समूहों के दमन के लिये ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का आह्वान करता है।
      • विधेयक संयुक्त राज्य अमेरिका की कंपनियों या शिनजियांग क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तियों हेतु यह सुनिश्चित करने के लिये लाया गया है कि उनके उत्पादों में उइगरों के जबरन श्रम का उपयोग शामिल नहीं हैं।
  • उइगर मुसलमानों के लिये घोषणा:
    • हाल ही में 43 देशों ने चीन से शिनजियांग में मुस्लिम उइघुर समुदाय के लिये कानून के शासन हेतु पूर्ण सम्मान सुनिश्चित करने के लिये एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं।
    • इस उद्घोषणा पर अमेरिका और अन्य देशों ने चीन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन तथा उइगर मुसलमानों के खिलाफ नृजातीय संहार का आरोप लगाते हुए हस्ताक्षर किये थे।
      • वर्ष 2019 और 2020 में इसी तरह की घोषणाओं ने शिनजियांग में अपनी नीतियों के लिये चीन की निंदा की, जहाँ संयुक्त राज्य अमेरिका ने बीजिंग पर नरसंहार करने का आरोप लगाया है।
    • इसने मानवाधिकारों की रक्षा के लिये शिनजियांग तक संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त सहित स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की पहुँच स्थापित करने का भी आह्वान किया।
    • इसने शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में 'राजनीति संबंधी शिक्षा' शिविरों के एक बड़े नेटवर्क के अस्तित्त्व का उल्लेख किया, जहाँ एक लाख से अधिक लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया है।
      • हालाँकि चीन अपने शिविरों के 'शैक्षिक केंद्र' होने का दावा करता है, जहाँ उइगरों को व्यावसायिक कौशल सिखाकर उनके चरमपंथी विचारों को परिवर्तित किया जा रहा है।
  • चीन का पक्ष:
    • चीन का दावा है कि उइगर समूह एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना करना चाहते हैं और उइगरों के अपने पड़ोसी नेताओं के साथ सांस्कृतिक संबंधों के कारण उन्हें डर है कि पाकिस्तान शिनजियांग में अलगाववादी आंदोलन का समर्थन कर सकता है।
    • चीन ने किसी भी तरह के  नृजातीय संहार के आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि आतंकवाद और अलगाववादी आंदोलन का मुकाबला करने के लिये उसने जो कदम उठाए हैं, वे ज़रूरी हैं।
  • भारत का पक्ष:
    • उइगर संकट पर भारत सरकार ने लगभग चुप्पी साध रखी है।

उइगर मुस्लिम

  • परिचय:
    • उइगर मुख्य रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह हैं, जिनकी उत्पत्ति मध्य एवं पूर्वी एशिया से मानी जाती है।
      • उइगरों की भाषा काफी हद तक तुर्की भाषा के समान है और उइगर स्वयं को सांस्कृतिक एवं जातीय रूप से मध्य एशियाई देशों के करीब पाते हैं।
    • उइगर मुस्लिमों को चीन में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त 55 जातीय अल्पसंख्यक समुदायों में से एक माना जाता है।
      • हालाँकि चीन उइगर मुस्लिमों को केवल एक क्षेत्रीय अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता देता है और यह अस्वीकार करता है कि वे स्वदेशी समूह हैं।
    • वर्तमान में उइगर जातीय समुदाय की सबसे बड़ी आबादी चीन के शिनजियांग क्षेत्र में रहती है।
      • उइगर मुस्लिमों की एक महत्त्वपूर्ण आबादी पड़ोसी मध्य एशियाई देशों जैसे- उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और कज़ाखस्तान में भी रहती है।
  • उइगरों का उत्पीड़न:
    • बहुसंख्यक हान समुदाय की घुसपैठ: पिछले कुछ दशकों में चीन के शिनजियांग प्रांत की आर्थिक समृद्धि में काफी बढ़ोतरी हुई है और इसी के साथ इस प्रांत में चीन के हान समुदाय के लोगों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है।
      • ये लोग इस क्षेत्र में बेहतर रोज़गार कर रहे हैं, जिसके कारण उइगर मुस्लिमों के समक्ष आजीविका एवं अस्तित्व का संकट उत्पन्न हो गया है।
      • इसी वजह से वर्ष 2009 में दोनों समुदायों के बीच हिंसा भी हुई, जिसके कारण शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में 200 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर चीन के हान समुदाय से संबंधित थे। 
    • राज्य द्वारा दमन: उइगर मुस्लिम दशकों से उत्पीड़न, ज़बरन नज़रबंदी, गहन जाँच, निगरानी और यहाँ तक ​​कि गुलामी जैसे तमाम तरह के दुर्व्यवहारों का सामना कर रहे हैं।
    • उइगर मुस्लिमों को दबाने हेतु व्यवस्थित प्रयास: अमेरिकी खुफिया एजेंसी की मानें तो चीन ने शिनजियांग प्रांत में एक उच्च तकनीक निगरानी प्रणाली स्थापित की है, जो बायोमेट्रिक चेहरे की पहचान का उपयोग करती है और शिनजियांग में 12 से 65 वर्ष की आयु के सभी निवासियों से डीएनए नमूने एकत्र किये हैं।
      • चीन इन तकनीकों का उपयोग अपने लोगों पर नियंत्रण और जातीय एवं धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों के दमन के लिये कर रहा है।

आगे की राह

  • सभी देशों को उइगर मुस्लिमों को लेकर अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करना चाहिये और शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों के साथ हो रहे उत्पीड़न को रोकने के लिये चीन से तत्काल आग्रह करना चाहिये।
  • चीन को सही मायने में बहुसंस्कृतिवाद की अवधारणा को अपनाना चाहिये और उइगरों तथा चीन के अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को चीन के सामान्य नागरिक की तरह स्वीकार करना चाहिये। 

स्रोत: द हिंदू