उन्नत भारत अभियान | 13 Apr 2019

संदर्भ
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के साथ मिलकर ग्रामीण विकास प्रक्रियाओं युक्त सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को ‘उन्नत भारत अभियान’ (Unnat Bharat Abhiyan) के अंतर्गत लाने पर अपनी सहमति व्यक्त की है|

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • ध्यातव्य है कि उक्त विषय के संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के मध्य 12 जनवरी 2017 को एक समझौता हुआ था जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की विकासात्मक योजनाओं के निर्माण और वितरण में महत्त्वपूर्ण सुधार करना है|
  • यह परिकल्पित है कि इस अभियान के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि स्थानीय निकायों और कुछ चुनिन्दा ग्रामीण समुदायों से प्रत्यक्ष रूप से परिचित हो सकेंगे तथा उन्हें ग्राम पंचायतों के विकास योजनाओं से संबंधित आवश्यक जानकारी भी प्राप्त होगी|
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस योजना का मसौदा तैयार किया गया है| इतना ही नहीं देश के कई भागों में इसके प्रथम चरण को लागू भी किया जा चुका है|
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संचालित सभी उच्च शिक्षण संस्थानों तथा नियामकीय निकायों द्वारा स्वीकृत सभी सस्थानों को पिछड़े ग्राम पंचायतों एवं गाँवों को अपने संज्ञान में लेने तथा उनके ज्ञान और विशेषज्ञता का प्रयोग ग्राम पंचायतों के अवसंरचनात्मक ढाँचे में सुधार करने का सुझाव दिया है|
  • ध्यातव्य है कि इन सभी संस्थाओं को चुनी हुई पंचायतों के साथ सहयोग बढ़ाने तथा ग्रामीण विकास और पंचायती राज के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया गया है|
  • उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम को अगले दो वर्षों में लागू किया जाएगा| वर्तमान में देश के सभी ज़िलों को कवर करने के लिये कोई भी समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है|

तीन प्रमुख मंत्रालयों की भूमिका 

  • इस अभियान के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय को यह देखने का कार्य सौंपा गया है कि चुने हुए उच्च शिक्षण संस्थान ज़िला मजिस्ट्रेटों के परामर्श से पंचायतों को अपनाए और अपने ज्ञान का उपयोग ग्रामीण समुदायों के द्वारा सामना की जाने वाली बुनियादी जरूरतों और आजीविका अवसर के समाधान हेतु उचित रूप में करें|
  • त्रिपक्षीय समझौते के अंतर्गत ग्रामीण विकास मंत्रालय का कार्य ग्राम पंचायत विकास योजना की तैयारी में ज़िला कलेक्टरों, डी.आर.डी.ए. और अन्य प्राधिकरणों की प्रभावी भागीदारी को बढ़ावा देना है|
  • पंचायती राज मंत्रालय का कार्य जी.पी.डी.पी. (Gram Panchayat Development Plan) प्रक्रिया में ज्ञानवर्द्धक संस्थाओं की भागीदारी से संबंधित सुझाव सभी राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों को जारी करना है ताकि वे चुनिन्दा समूहों की गुणवत्तापूर्ण जी.पी.डी.पी. तैयारी के हित में संगठनों के मध्य समन्वय स्थापित कर सके|
  • इसके अतिरिक्त कुछ निजी शिक्षण संस्थाओं और डीम्ड विश्वविद्यालयों को भी इस कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल किया गया हैं|