'संघ' या 'केंद्र' सरकार | 01 Jul 2021

प्रिलिम्स के लिये

संविधान सभा, अनुच्छेद-1, 'संघ’ और ‘केंद्र’ का अर्थ

मेन्स के लिये 

संघ और केंद्र सरकार के मध्य अंतर, केंद्र सरकार शब्द के साथ जुड़े मुद्दे

 चर्चा में क्यों?

हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने अपने आधिकारिक पत्राचार या संचार में 'केंद्र सरकार' (Central Government) शब्द के उपयोग को बंद करने एवं इसके स्थान पर 'संघ सरकार' (Union Government) शब्द का उपयोग करने का फैसला किया है।

  •  सामान्य तौर पर भारत में "संघ सरकार" और "केंद्र सरकार" शब्दों का उपयोग किया जाता है। हालाँकि संविधान सभा के मूल संविधान के 22 भागों में 395 अनुच्छेदों और आठ अनुसूचियों को पढ़ने के बाद यह कहा जा सकता है कि 'केंद्र' या 'केंद्र सरकार' शब्द का उपयोग कहीं भी नहीं किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

संविधान सभा का पक्ष :

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1(1) में कहा गया है, "भारत, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।"
  • 13 दिसंबर, 1946 को जवाहरलाल नेहरू ने इस संकल्प के माध्यम से संविधान सभा के लक्ष्यों और उद्देश्यों को पेश किया था कि भारत, "स्वतंत्र संप्रभु गणराज्य" में शामिल होने के इच्छुक क्षेत्रों का एक संघ होगा।
    • एक मज़बूत संयुक्त देश बनाने के लिये विभिन्न प्रांतों और क्षेत्रों के एकीकरण और संधि पर जोर दिया गया था।
  • 1948 में संविधान का मसौदा प्रस्तुत करते समय मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ. बी आर अंबेडकर ने कहा था कि समिति ने 'संघ' शब्द का इस्तेमाल किया था क्योंकि:
    (a) भारतीय संघ इकाइयों द्वारा एक समझौते का परिणाम नहीं था और 
    (b)  घटक इकाइयों को संघ से अलग होने की कोई स्वतंत्रता नहीं थी।
  • संविधान सभा के सदस्य संविधान में 'केंद्र' या 'केंद्र सरकार' शब्द का प्रयोग न करने के लिये बहुत सतर्क थे क्योंकि उनका उद्देश्य एक इकाई में शक्तियों के केंद्रीकरण की प्रवृत्ति को दूर रखना था।

‘संघ’ और ‘केंद्र’ का अर्थ:

  • संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के अनुसार, शाब्दिक दृष्टि से 'केंद्र' एक वृत्त के मध्य में एक बिंदु को इंगित करता है, जबकि 'संघ' संपूर्ण वृत्त है।
    • भारत में संविधान के अनुसार, 'केंद्र' और राज्यों के बीच का संबंध वास्तव में संपूर्ण और उसके हिस्सों के बीच का संबंध है।
  • संघ और राज्य दोनों संविधान द्वारा बनाई गई इकाइयाँ हैं और दोनों को संविधान के माध्यम से अपने-अपने अधिकार प्राप्त हैं।
    • एक इकाई अपने स्वतंत्र क्षेत्र में दूसरी इकाई के अधीन नहीं है और एक का अधिकार दूसरे के साथ समन्वित है।
  • इसी प्रकार भारतीय संविधान में न्यायपालिका को यह सुनिश्चित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय, जो कि देश की सबसे ऊँची अदालत है, का उच्च न्यायालय पर कोई अधीक्षण नहीं है।
    • यद्यपि सर्वोच्च न्यायालय का अपीलीय क्षेत्राधिकार न केवल उच्च न्यायालयों पर बल्कि अन्य न्यायालयों और न्यायाधिकरणों पर भी है, किंतु उन्हें इसके अधीनस्थ घोषित नहीं किया जा सकता है।
    • वास्तव में उच्च न्यायालयों के पास ज़िला और अधीनस्थ न्यायालयों पर अधीक्षण की शक्ति होने के बावजूद विशेषाधिकार रिट जारी करने की व्यापक शक्तियाँ हैं।
  • सामान्य शब्दों में ‘संघ’, संघीय भावना को इंगित करता है, जबकि ‘केंद्र’ एकात्मक सरकार की भावना को इंगित करता है।
    • किंतु व्यावहारिक रूप से दोनों शब्द भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में समान हैं।

संघीय बनाम एकात्मक सरकार

संघीय सरकार

एकात्मक सरकार

द्वैध शासन व्यवस्था (केंद्र और प्रांत)

एकात्मक सरकार- केवल केंद्र सरकार (प्रांतीय सरकार केंद्र सरकार द्वारा गठित की जाती है)

लिखित संविधान

लिखित (फ्रांँस) और अलिखित (ब्रिटेन) संविधान

केंद्र और राज्य सरकार के बीच शक्तियों का विभाजन

शक्तियों का विभाजन नहीं

संविधान की सर्वोच्चता

संविधान की सर्वोच्चता की गारंटी नहीं

कठोर संविधान 

लचीला (ब्रिटेन) और कठोर (फ्रांँस) संविधान

स्वतंत्र न्यायपालिका

न्यायपालिका स्वतंत्र हो सकती है अथवा नहीं

द्विसदनीय विधायिका

द्विसदनीय और एक सदनीय विधायिका

 केंद्र सरकार पद से संबद्ध मुद्दे

  • संविधान सभा द्वारा खारिज: संविधान में 'केंद्र' शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है; संविधान निर्माताओं ने इसे विशेष रूप से खारिज कर दिया और इसके बजाय 'संघ' शब्द का इस्तेमाल किया।
  • औपनिवेशिक विरासत: 'केंद्र' औपनिवेशिक काल का अवशेष है और नौकरशाही केंद्रीय कानून, केंद्रीय विधायिका आदि शब्द का उपयोग करने की आदी हो गई है, इसलिये मीडिया सहित अन्य सभी ने इस शब्द का उपयोग करना शुरू कर दिया।
  • संघवाद के विचार के साथ संघर्ष: भारत एक संघीय सरकार है। शासन करने की शक्ति पूरे देश के लिये एक सरकार के बीच विभाजित है, जो सामान्य राष्ट्रीय हित के विषयों और राज्यों हेतु ज़िम्मेदार है, जो राज्य के विस्तृत दिन-प्रतिदिन के शासन की देखभाल करती है।
    • सुभाष कश्यप के अनुसार, 'केंद्र' या 'केंद्र सरकार' शब्द का उपयोग करने का मतलब होगा कि राज्य सरकारें इसके अधीन हैं।

आगे की राह 

  • संविधान की संघीय प्रकृति इसकी मूल विशेषता है और इसे बदला नहीं जा सकता है, इस प्रकार सत्ता में रहने वाले हितधारक हमारे संविधान की संघीय विशेषता की रक्षा करना चाहते हैं।
  • भारत जैसे विविध और बड़े देश को संघवाद के स्तंभों, यानी राज्यों की स्वायत्तता, राष्ट्रीय एकीकरण, केंद्रीकरण, विकेंद्रीकरण, राष्ट्रीयकरण और क्षेत्रीयकरण के बीच एक उचित संतुलन की आवश्यकता है।
    • अत्यधिक राजनीतिक केंद्रीकरण या अराजक राजनीतिक विकेंद्रीकरण दोनों ही भारतीय संघवाद को कमज़ोर कर सकते हैं।
  • विकट समस्या का संतोषजनक और स्थायी समाधान विधान-पुस्तक में नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की अंतरात्मा में खोजना है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस