विश्व में अल्पपोषण की समस्या | 17 Jul 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (United Nations- UN) द्वारा जारी ‘द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड’ (The State of Food Security and Nutrition in the World report) नामक एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते 3 वर्षों में भूख से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और लगभग 820 मिलियन लोग आज भी अल्पपोषण से प्रभावित हैं।

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:

  • रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका के लगभग सभी क्षेत्रों में अल्पपोषण की समस्या विकराल हो गई है और वहाँ की लगभग 20 प्रतिशत जनसंख्या इससे प्रभावित है।
  • लेटिन अमेरिका के क्षेत्र भी इस समस्या से अछूते नहीं रहे हैं, हालाँकि उन क्षेत्रों में यह आँकड़ा मात्र 7 प्रतिशत ही है।
  • पौष्टिक और पर्याप्त भोजन की कमी के कारण ये लोग कुपोषण और खराब स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से ग्रस्त हैं।
  • रिपोर्ट में इस बात की चेतावनी दी गई है कि यदि ऐसे ही चलता रहा तो विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिये वर्ष 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना काफी मुश्किल हो जाएगा।
  • रिपोर्ट में इस बात को भी स्वीकार किया गया है कि लगभग उन सभी देशों, जिनमे वर्ष 2011 से वर्ष 2017 के बीच अल्पपोषण में वृद्धि हुई है, ने अपनी अर्थव्यवस्था में मंदी का सामना किया है।

भारत के संदर्भ में:

  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वर्ष 2004-06 के बीच कुपोषितों की कुल संख्या 253.9 मिलियन थी जो वर्ष 2016-18 के बीच घटकर 194.4 मिलियन हो गई।
  • यह कहा जा सकता है कि भारत में कुपोषितों की कुल संख्या में कमी तो आई है, परंतु अभी भी भारत के समक्ष यह एक प्रमुख समस्या के रूप में मौजूद है।
  • पोषण के संदर्भ में सरकार द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार, भारत में उचित आहार प्राप्त करने करने वाले बच्चों की कुल संख्या 10 प्रतिशत से भी कम है।

कुपोषण क्या है?

  • कुपोषण (Malnutrition) वह अवस्था है जिसमें पौष्टिक पदार्थ और भोजन अव्यवस्थित रूप से लेने के कारण शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता है और यह एक गंभीर स्थिति है।
  • कुपोषण तब भी होता है जब किसी व्यक्ति के आहार में पोषक तत्त्वों की सही मात्रा नहीं होती है।
  • दरअसल, हम स्वस्थ रहने के लिये भोजन के ज़रिये ऊर्जा और पोषक तत्त्व प्राप्त करते हैं, लेकिन यदि भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिजों सहित पर्याप्त पोषक तत्त्व नहीं मिलते हैं तो हम कुपोषण के शिकार हो सकते हैं।

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स