डीएनए अणुओं से अत्यधिक तीव्र कंप्यूटर का निर्माण | 06 Mar 2017

पृष्ठभूमि

यू.के. के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में जीव विज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान पर आधारित एक संयुक्त कार्य के अंतर्गत शोधकर्ताओं द्वारा अत्यधिक तीव्र गति से चलने वाला एक ऐसा कंप्यूटर बनाया गया है जो कार्य संपादन (Functioning) के लिये डीएनए (Deoxyribonucleic Acid – DNA) अणुओं का उपयोग करता है| वस्तुतः डीएनए को एक ऐसे कोड के रूप में जाना जा सकता है जो सभी सजीवों के लक्षणों का निर्धारण करता है|

प्रमुख बिंदु

  • ध्यातव्य है कि किसी भी जीव के डीएनए में बहुत सी ऐसी जानकारियों को संगृहीत करने की सक्षमता विद्यमान होती है जिन्हें केवल आँकड़ाबद्ध तरीके से ही संचित किया जा सकता है| यह डीएनए ही होता है जो किसी नए जीव में उसके माता-पिता के गुणों एवं रंग-रूप को हस्तांतरित करता है|
  • आँकड़ों का संग्रहण करने में सक्षम इस डीएनए आधारित कंप्यूटर को महान गणितज्ञ एलन ट्यूरिंग के नाम पर एन.यू.टी.एम. (Nondeterministic Universal Turing Machine - NUTM) का नाम प्रदान किया गया है|
  • ध्यातव्य है कि यह कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक और क्वांटम दोनों प्रकार के कंप्यूटरों से श्रेष्ठ कार्य करने तथा अत्यधिक गति अर्जित करने में सक्षम होगा|
  • जैसा कि हम सभी जानते हैं, एक इलेक्ट्रॉनिक अथवा क्वांटम कंप्यूटर को कार्य करने हेतु उचित मार्ग का निर्णय करने के लिये एक सेकंड के समय की आवश्यकता होती है, जबकि इतने ही समय में एक एन.यू.टी.एम. न केवल स्वयं को दोहराने की क्षमता रखता है बल्कि उत्तर को अधिक तेज़ गति से पाने के लिये एक ही समय में दोनों मार्गों का अनुसरण भी कर सकता है| 
  • गौरतलब है कि शून्य और एक आधारित श्रंखला का उपयोग करने की बजाय एक अनियात्मक सार्वभौमिक ट्यूरिंग मशीन द्वारा ए, जी, सी और टी जैसी आनुवांशिक वर्णमाला का उपयोग किया जाएगा|
  • वस्तुतः क्वांटम कंप्यूटर, कंप्यूटर का अन्य रूप है तथा इन कंप्यूटरों के द्वारा किसी भी समस्या के समय दोनों मार्गों का अनुसरण केवल तभी किया जा सकता है जब उक्त समस्या में कुछ समानताएँ हों, जो इन कंप्यूटरों के उपयोग को सीमित कर सके|

डीएनए कंप्यूटर

  • डीएनए कंप्यूटिंग की अवधारणा सर्वप्रथम वर्ष 1994 में प्रस्तुत की गई थी|
  • इस व्यवस्था में डीएनए से बनी ऐसी बायोचिप्स का उपयोग किया जाता है जो स्वयं को संख्या के रूप में गुणन करके एक ही बार में बिलियन गणनाएँ करने में सक्षम होती हैं|
  • इसकी मुख्य विशेषता स्वयं को गुणित करने तथा एक साथ कई गणनाएँ करने की, इसकी योग्यता है|
  • अन्य शब्दों में कहे तो, एक सामान्य कंप्यूटर के विपरीत (जो एक गणना के पश्चात् ही दूसरी गणना करता है) एक डीएनए कंप्यूटर स्वयं की कई प्रतियाँ बनाकर एक ही बार में कईं गणनाओं को सम्पन्न करने में सक्षम है|
  • ये डीएनए अणु परंपरागत स्टोरेज उपकरणों की तुलना में कईं बिलियन गुना आँकड़ों का संग्रहण करने में सक्षम है|
  • डीएनए की प्रचुर उपलब्धता के कारण यह एक सस्ता संसाधन भी है|
  • यहाँ यह भी स्पष्ट कर देना अत्यंत आवश्यक है कि एक डीएनए कंप्यूटर पर्यावरण के अनुकूल और सुगठित आकार का होगा| 
  • चूँकि डीएनए के अणु बहुत छोटे होते हैं अतः एक डेस्कटॉप डीएनए, विश्व के सभी इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों द्वारा संयुक्त रूप से प्रयोग किये जा रहे प्रोसेसरों की तुलना में अत्यधिक प्रोसेसरों का इस्तेमाल करने में सक्षम है|
  • उल्लेखनीय है कि इस संबंध में शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किये गए शोधपत्रों में एनयूटीएम के लिये एक विशेष प्रकार के भौतिक डिज़ाइन को भी उल्लिखित किया गया है| जिसे थुए व्यवस्था (String Rewriting System) कहा गया है|
  • इस डिज़ाइन के अंतर्गत डीएनए की घातीय अंकों को दोहराने की क्षमता का इस्तेमाल किया जाता है| 
  • वर्तमान में डीएनए कंप्यूटिंग का क्षेत्र अपनी प्रारंभिक अवस्था में है| अत: कार्य करने में सक्षम डीएनए कंप्यूटर को विकसित करने में अभी और अधिक लम्बा समय लगने की संभावना है| हालाँकि, इस कंप्यूटर के निर्माण की प्रगति की दर जो भी हो इसके निर्माण की संकल्पना अत्यंत आकर्षक है|