ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच जुबानी तकरार | 25 Jun 2018

संदर्भ

सिंगापुर में कुछ मुद्रा (नोट) प्लास्टिक की बनी होती हैं जिसे पेपर की तुलना में फाड़ना आसान नहीं होता है। इसी प्रकार समझौतों को फाड़ने के लिये अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के झुकाव को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय समझौतों को प्लास्टिक पर मुद्रित करने के संबंध में विचार किया जाना चहिये| उन्होंने JPOA (ईरान परमाणु समझौते) सहित जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक समझौतों से अपने आप को अलग कर लिया है| साथ ही अमेरिका के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार कनाडा के साथ रिश्ते खत्म करने की भी लगातार धमकी दे रहे हैं। ट्रंप अब चीन के शी जिनपिंग के साथ जुबानी तकरार की ओर बढ़ रहे हैं| दोनों देश एक-दूसरे से आयातित वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाने के लिये अपना रुख बदल रहे हैं।

  • उत्पाद (merchandise) व्यापार वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 20 प्रतिशत योगदान देता है| इसलिये इस तरह के रुख के कारण उत्पन्न किसी प्रकार का व्यवधान वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि  और शेयर बाज़ारों को नुकसान पहुँचाएगा।
  • उदाहरण के लिये  चीन, अमेरिकी कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने के बाद, उन्हें अधिक महँगा बनाते हुए  भारत के कपास स्रोत की तलाश में है।
  • चीन में भारतीय कपास के शिपमेंट्स को पाँच मिलियन गाँठों तक पहुँचने की उम्मीद है।

चाइनीज ट्रंप कार्ड

  • इस तरह का रुख डोनाल्ड ट्रंप के लिये आर्ट ऑफ़ द डील का हिस्सा हो सकता है, उन्हें लगता है कि वह ऐसा कर सकते हैं| लेकिन यह न्यायोचित व्यापार नहीं है। 
  • चीन अन्य तरीकों से अमेरिकी व्यापार हितों को नुकसान पहुँचा सकता है। एप्पल, वॉलमार्ट, जीएम और स्टारबक्स सहित अन्य कई बड़ी अमेरिकी कंपनियों ने चीन में सुविधाएँ दे रखी हैं। इन पर नियामकीय कार्यवाहियाँ, जुर्माना आदि लगाया जा सकता है।
  • दक्षिण कोरिया की खुदरा विक्रेता कंपनी लोट्टे शॉपिंग के साथ प्रतिशोधपूर्ण कार्रवाई, इसका एक उदाहरण है|
  • चीन ने दक्षिण कोरिया पर नाराज़गी तब जाहिर की थी जब वह मिसाइल प्रणाली तैनात कर रहा था और फायर सेफ्टी नियमों के कथित उल्लंघन के लिये उसने लोट्टे पर आरोप लगाया था।
  • एक शत्रुतापूर्ण व्यवहार वाली सरकार से लड़ने में असमर्थ, लोट्टे ने अपना काम बंद कर दिया और $ 1.8 बिलियन का ज़ुर्माना अदा किया जो कि काफी अधिक था|

चीन में अमेरिकी फर्मों की परिसंपत्तियाँ

  • अमेरिकी कंपनियों ने चीन में 167 बिलियन डॉलर की बिक्री के साथ 627 बिलियन डॉलर परिसंपत्तियों में निवेश किया है, जबकि अमेरिका में चीन द्वारा 167 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है, जिसमें 26 बिलियन डॉलर की बिक्री शामिल है।
  • समय के साथ व्यापार प्रवाह में सुधार होगा। भारत जैसे अन्य देश इसका लाभ उठा सकते हैं।
  • उदाहरण के लिये  चीन, अमेरिकी कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने के बाद, उन्हें अधिक महँगा बनाते हुए  भारत के कपास स्रोत की तलाश में है।
  • चीन में भारतीय कपास के शिपमेंट्स को पाँच मिलियन गाँठों तक पहुँचने की उम्मीद है।

बेतुकी मांग

  • कर राजस्व में वृद्धि के लिये  आर्थिक रूप से तनावग्रस्त सरकारें  वैश्विक स्तर पर बेतुकी मांग कर रही हैं।
  • उदाहरण के लिये, भारत में कर प्राधिकरण, भारतीय परिचालन से आय के लिये एक्कोर Accor)  स्वामित्व वाले FRHI होटल पर कर लगाने की मांग कर रहे हैं|
  • एक्कोर ने ग्लोबल रिजर्वेशन सर्विस जैसी सेवाएँ प्रदान कर अर्जित आय पर एएआर (authority for advance rulling-AAR) से अग्रिम आदेश की मांग की है।
  • हालाँकि, AAR पूछताछ से परे जाकर कहा कि एक्कोर द्वारा विशेष नियंत्रण के कारण भारत में इसकी स्थायी स्थापना है और इस प्रकार, भारतीय कर कानूनों के तहत भारतीय आय पर कर अदा करने के लिये उत्तरदायी है।
  • ऐसी मांग अतार्किक है और यदि जारी रखी गई तो अन्य होटलों सहित कई विदेशी होटल अनुबंध प्रभावित होंगे।