ट्राई द्वारा 5G स्पेक्ट्रम की बिक्री को मंज़ूरी | 02 Aug 2018

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने देश में पहली बार 5G सेवाओं की पेशकश के लिये लगभग 492 करोड़ रुपए प्रति मेगाहर्ट्ज़ के एक अखिल भारतीय आरक्षित मूल्य पर स्पेक्ट्रम की नीलामी की सिफारिश की।

प्रमुख बिंदु

  • अपनी सिफारिशों में ट्राई ने उच्च गति सेवाओं के लिये लोकप्रिय 700 मेगाहर्ट्ज़ बैंड स्पेक्ट्रम की आरक्षित कीमतों में भी 43% से अधिक की कटौती की मांग की है।
  • 2016 की नीलामी में उच्च मूल्य निर्धारण के कारण इसे कोई खरीदार नहीं मिला। 700 मेगाहर्ट्ज़ के लिये अनुशंसित अखिल भारतीय आरक्षित मूल्य पिछली बार के 11,500 करोड़ रुपए प्रति मेगाहर्ट्ज़ की तुलना में इस बार 6,538 करोड़ रुपए प्रति मेगाहर्ट्ज़ है।
  • आगामी बिक्री में सभी उपलब्ध स्पेक्ट्रम को नीलामी में रखे जाने की अनुशंसा करते हुए ट्राई ने सुझाव दिया कि "नीलामी में देरी या स्पेक्ट्रम को वापस रखने में कोई समझदारी नहीं है।"
  • सरकार के समक्ष प्रस्तुत की गई इन सिफारिशों के आधार पर नीलामी के अगले चरण के लिये आधार मूल्य और समय को अंतिम रूप दिया जाएगा।
  • स्पेक्ट्रम के लिये आखिरी नीलामी अक्तूबर 2016 में हुई थी, जिसमें लगभग 60% स्पेक्ट्रम बिना बिके रह गए थे, सरकार ने इस नीलामी से 65,000 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की थी।
  • वर्ष 2016 से दूरसंचार उद्योग में मज़बूत समेकन देखा गया है, केवल तीन मुख्य प्रतिस्पर्द्धी- भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और रिलायंस जियो ही मैदान में बचे हैं।

स्पेक्ट्रम के लिये प्रस्तावित कीमतें

  • व्यापक रूप से ध्वनि सेवाएँ प्रदान करने हेतु उपयोग किये जाने वाले 1,800 मेगाहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम के लिये 3,285 करोड़ रुपए के आरक्षित मूल्य की सिफारिश की गई है। 
  • 800 मेगाहर्ट्ज़ बैंड, 900 मेगाहर्ट्ज़ बैंड, 2100 मेगाहर्ट्ज़ बैंड, 2300 मेगाहर्ट्ज़ बैंड और 2500 मेगाहर्ट्ज़ बैंड स्पेक्ट्रम के लिये आरक्षित मूल्य क्रमशः 4651 करोड़ रुपए, 1622 करोड़ रुपए, 3399 करोड़ रुपए, 960 करोड़ रुपए, और 821 करोड़ रुपए रखा गया है। 
  • 2300 मेगाहर्ट्ज़, 2500 मेगाहर्ट्ज़ और 3300-3600 मेगाहर्ट्ज़ की कीमतें अनपेक्षित स्पेक्ट्रम के लिये हैं।

लेखा परीक्षा की आवश्यकता

  • ट्राई ने यह भी बताया कि वाणिज्यिक और विभिन्न पीएसयू तथा सरकारी संगठनों को आवंटित स्पेक्ट्रम सहित सभी आवंटित स्पेक्ट्रम के लेखा परीक्षा की "तत्काल आवश्यकता" है। यह कार्य नियमित आधार पर एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा किया जाना चाहिये।
  • 5G वायु तरंगों यानी 3300-3600 मेगाहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम के लिये, ट्राई ने कहा कि इसे 20 मेगाहर्ट्ज़ के ब्लॉक आकार में नीलामी में रखा जाना चाहिये। इस बैंड के एकाधिकार से बचने के लिये प्रति बोलीदाता 100 मेगाहर्ट्ज़ की सीमा होनी चाहिये।
  • ट्राई ने कहा कि दुरुपयोग से बचने के लिये 2 साल के विपरीत 5 साल की लॉक-इन अवधि के बाद इस बैंड में स्पेक्ट्रम व्यापार की अनुमति दी जानी चाहिये।