ज्वारीय विघटन (Tidal Disruption) | 01 Oct 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नासा की TESS (Transiting Exoplanet Survey Satellite) ने विशालकाय ब्लैक होल (Supermassive Black Hole) द्वारा एक तारे की खिंचाव की परिघटना को दर्ज किया गया, इस परिघटना को खगोलविदों ने ज्वारीय विघटन (Tidal Disruption) नाम दिया है।

  • इस दुर्लभ ब्रह्मांडीय घटना में ब्लैक होल ने पृथ्वी से 375 मिलियन प्रकाश-वर्ष दूर स्थित तथा लगभग सूर्य के समान आकार वाले तारे को अपनी ओर खींचकर समाप्त कर दिया।
  • खगोलविदों ने इस परिघटना को दर्ज करने के लिये TESS के साथ ही दूरबीनों के एक अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क का भी उपयोग किया है।
  • इस प्रकार की घटनाएंँ तब होती हैं जब एक तारा एक विशालकाय ब्लैक होल के बहुत करीब पहुंँच जाता है।
  • ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण बल तारे को अपनी ओर खींचता है। ब्लैक होल द्वारा तारे के खिंचाव के दौरान, तारा विघटित हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप कुछ पदार्थ अंतरिक्ष में फैल जाता है तथा कुछ पदार्थ ब्लैक होल में गिर जाता है। इस परिघटना के दौरान गैस की एक गर्म चमकीली डिस्क बन जाती है।
  • सामान्यतः इस प्रकार की घटनाओं के दौरान तापमान के बढ़ने की प्रवृत्ति पायी जाती है लेकिन इस बार तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।

उल्लेखनीय है कि इस प्रकार की घटनाओं के अध्ययन से ब्लैक होल और उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति को समझने में मदद मिलेगी।

Supermassive Black Hole

ब्लैक होल (Black Hole)

  • ब्लैक होल शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले अमेरिकी भौतिकविद् जॉन व्हीलर ने 1960 के दशक के मध्य में किया था।
  • ब्लैक होल अंतरिक्ष में उपस्थित ऐसे छिद्र हैं जहाँ गुरुत्व बल इतना अधिक होता है कि यहाँ से प्रकाश का पारगमन नहीं होता।
  • चूँकि इनसे प्रकाश बाहर नहीं निकल सकता, अतः हमें ब्लैक होल दिखाई नहीं देते, वे अदृश्य होते हैं।
  • हालाँकि विशेष उपकरणों से युक्त अंतरिक्ष टेलिस्कोप की मदद से ब्लैक होल की पहचान की जा सकती है।
  • ये उपकरण यह बताने में भी सक्षम हैं कि ब्लैक होल के निकट स्थित तारे अन्य प्रकार के तारों से किस प्रकार भिन्न व्यवहार करते हैं।

स्रोत: द हिंदू