तीसरा भारतीय ऊर्जा मंच | 16 Oct 2019

प्रीलिम्स के लिये:

CERAWeek

मेन्स के लिये:

ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाएँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नई दिल्ली में कैम्ब्रिज एनर्जी रिसर्च एसोसिएट्स वीक (Cambridge Energy Research Associates-CERAWeek) के तीसरे भारतीय ऊर्जा फोरम में मंत्रिस्तरीय वार्ता संपन्न हुई।

प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रीय के साथ-साथ क्षेत्रीय ऊर्जा कंपनियों, संस्थानों और सरकारों ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के संरक्षण में आयोजित इस मंच में भाग लिया।
  • भारत आने वाले दशकों में ऊर्जा की भारी मांग और विकास की संभावना को देखते हुए विश्व में वैश्विक ऊर्जा मांग का अत्यंत महत्त्वपूर्ण कारक साबित होगा।
  • ऊर्जा की इस भारी मांग को पूरा करने के लिये भारत व्यावसायिक दृष्टि से व्यवहार्य सभी ऊर्जा स्रोतों को लागू करेगा।
  • भारत ज़िम्मेदारी के साथ ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव की अपनी दिशा स्वयं तय करेगा और वैश्विक ऊर्जा में बदलाव को प्रभावित करेगा।
    • विद्युत क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा के हिस्से में पर्याप्त वृद्धि हुई है जो इस समय 22 प्रतिशत है, जबकि 2014-15 में यह करीब 10 प्रतिशत थी।
    • इथेनॉल सम्मिश्रण 2012-13 में 0.67% से बढ़कर अब 6% हो गया है।
    • इसके अलावा 95 % से ज्यादा परिवारों तक इस समय एलपीजी के पहुँच है।
  • भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में तीन महत्त्वपूर्ण बदलाव किये गए हैं
    • गतिशीलता
    • शहरीकरण
    • विद्युत उत्पादन
  • वर्ष 2023 तक भारतीय रेलवे 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की स्थिति प्राप्त करने की राह पर है।
  • भारत में कोयले की प्रति व्यक्ति खपत अमेरिका की तुलना में करीब 1/10वां हिस्सा है।
  • भारत खुद को उपरोक्त पहलों के अलावा गैस अर्थव्यवस्था में बदलने की योजना बना रहा है।
    • प्राकृतिक गैस संतुलित ईंधन के लिये एक विकल्प पेश करती है क्योंकि यह नवीकरणीय वस्तुओं की पूर्ति करने में सक्षम साबित हुई है।
  • ऊर्जा के बास्केट में प्राकृतिक गैस एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

कैम्ब्रिज एनर्जी रिसर्च एसोसिएट्स वीक

(Cambridge Energy Research Associates-CERAWeek)

  • IHS मार्किट (लंदन स्थित वैश्विक सूचना प्रदाता) द्वारा CERAWeek दुनिया का प्रमुख ऊर्जा कार्यक्रम बन गया है।
  • कैम्ब्रिज एनर्जी रिसर्च एसोसिएट्स (CERA) की स्थापना वर्ष 1983 में कैम्ब्रिज में हुई थी।
  • CERA के क्लाइंट प्रत्येक वर्ष कुछ दिनों तक ह्यूस्टन, टेक्सास में एक कार्यकारी सम्मेलन में भाग लेने के लिये एकत्र हुए, जहाँ उन्होंने अपने साथियों के साथ जुड़ते हुए ऊर्जा भविष्य में अंतर्दृष्टि प्राप्त की। कुछ समय पश्चात् कार्यक्रम को पाँच दिवसीय, सूचनात्मक सत्रों और नेटवर्किंग के अवसरों हेतु विस्तारित किया गया जिसका नाम CERAWeek था।

स्रोत: PIB