कार्बन चक्र में पर्वतीय धाराओं की भूमिका | 29 Oct 2019

प्रीलिम्स के लिये:

वैश्विक कार्बन प्रवाह, पर्वतीय धारा

मेन्स के लिये:

कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

पर्वतीय धाराओं (Mountain Stream) की कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन और वैश्विक कार्बन प्रवाह में भूमिका से संबंधित एक रिपोर्ट नेचर कम्युनिकेशंस (Nature Communications) नामक पत्रिका में प्रकाशित की गई है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु:

  • पृथ्वी की सतह के कुल क्षेत्रफल का 25% हिस्सा पर्वतीय है और इन पर्वतों से निकलने वाली नदियाँ एवं धाराओं का प्रसार वैश्विक क्षेत्रफल का लगभग एक तिहाई है।
  • अभी तक वैश्विक कार्बन प्रवाह में इन पर्वतीय धाराओं की भूमिका का पर्याप्त अध्ययन नहीं किया जा सका है। अब तक वैज्ञानिकों ने मुख्य रूप से कम ऊँचाई वाले उष्णकटिबंधीय और बोरियल क्षेत्रों में ही इन धाराओं से संबंधित प्रभावों का अध्ययन किया है।

कार्बन प्रवाह (Carbon Fluxe)

  • किसी भी वस्तु का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना ‘प्रवाह’ कहलाता है। इसी प्रकार पारितंत्र के विभिन्न माध्यमों के बीच कार्बन के प्रवाह को ‘कार्बन प्रवाह’ कहते हैं।
  • कार्बन प्रवाह पृथ्वी के कार्बन पूलों जैसे- महासागरों, वायुमंडल, भूमि और जीवित वस्तुओं के मध्य कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान है।
  • इसे गीगाटन कार्बन प्रतिवर्ष (GtC/yr) की इकाई में मापा जाता है।
  • प्रकाश-संश्लेषण, महासागरों द्वारा कार्बन उत्सर्जन और मनुष्यों द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड का निष्कर्षण कार्बन प्रवाह के उदाहरण हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, निम्न ऊँचाई की तुलना में पर्वतीय क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन दर अधिक है।
  • कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में पर्वतीय क्षेत्र की धाराओं का 5% और संपूर्ण नदी जनित प्रणालियों (All Fluvial Network) का 10%-30% हिस्सा है। इस प्रकार वैश्विक कार्बन चक्र के आकलन में पर्वतीय क्षेत्र की धाराओं को शामिल करना अति महत्त्वपूर्ण है।
  • वैज्ञानिकों ने विश्व की मुख्य पर्वत शृंखलाओं की धाराओं से संबंधित पर्यावरणीय डेटा का संग्रहण कर उनका अध्ययन किया जा रहा है। इस पर्यावरणीय डेटा के आधार पर प्राकृतिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का अनुमान लगाने के लिये एक मॉडल विकसित किया जाएगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस