डाकघर विधेयक, 2023 | 23 Dec 2023

प्रिलिम्स के लिये:

डाकघर अधिनियम, 1898, सार्वजनिक व्यवस्था, आपातकाल, सार्वजनिक सुरक्षा, भू-राजस्व, वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, निजता का अधिकार

मेन्स के लिये:

डाकघर विधेयक, 2023 का महत्त्व

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस  

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रस्तुत किये गए डाकघर विधेयक, 2023 का उद्देश्य भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 को निरसित करना है, जो 125 वर्षों से अस्तित्त्व में है।

  • यह अधिनियम केंद्र सरकार के एक विभागीय उपक्रम भारतीय डाक का विनियमन करता है। उक्त विधेयक के तहत आपातकालीन अथवा सार्वजनिक सुरक्षा के हित में अथवा किसी भी उल्लंघन की घटना पर केंद्र को किसी भी वस्तु को रोकने, खोलने अथवा हिरासत में लेने एवं सीमा शुल्क अधिकारियों को सौंपने का अधिकार दिया जाएगा।

विधेयक की मुख्य बातें क्या हैं?

  • डाक अधिकारी किसी भी वस्तु को "अंतर्रुद्ध" कर सकते हैं:
    • यह विधेयक केंद्र को राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था, आपातकाल, सार्वजनिक सुरक्षा अथवा अन्य कानूनों के उल्लंघन के हित में किसी भी अधिकारी को "किसी भी वस्तु को रोकने, खोलने अथवा हिरासत में लेने" का अधिकार देने की अनुमति प्रदान करता है।
    • यह उपबंध डाक अधिकारियों को डाक वस्तुओं को सीमा शुल्क अधिकारियों को सौंपने की भी अनुमति देता है यदि उन्हें संदेह हो कि उनमें कोई निषिद्ध वस्तु है अथवा यदि ऐसी वस्तुओं पर शुल्क लगाया जा सकता है।
  • डाकघर को दायित्व से छूट:
    • यह विधेयक डाकघर तथा उसके अधिकारी को “डाकघर द्वारा प्रदान की गई किसी भी सेवा के दौरान वस्तु की किसी भी हानि, गलत डिलीवरी, देरी अथवा क्षति के कारण किसी भी दायित्व से छूट देता है, सिवाय ऐसे दायित्व के जो निर्धारित किया जा सकता है।” 
  • दोष और दंडों की समाप्ति:
    • यह विधेयक 1898 अधिनियम के तहत सभी दोष और दंडों को समाप्त करता है।
      • उदाहरणार्थ डाकघर के अधिकारियों द्वारा किये गए अपराध जैसे कदाचार, धोखाधड़ी तथा चोरी सहित अन्य अपराधों को पूर्ण रूप से से हटा दिया गया है।
      • यदि कोई व्यक्ति डाकघर द्वारा प्रदान की गई सेवा का लाभ उठाने के लिये शुल्क का भुगतान करने से इनकार करता है अथवा उपेक्षा करता है तो ऐसी राशि वसूली योग्य होगी जैसे कि यह उसे देय भू-राजस्व का बकाया हो।
  • केंद्र की विशिष्टता हटाना:
    • वर्तमान विधेयक के तहत 1898 के अधिनियम की धारा 4 को हटा दिया गया है, जो केंद्र को सभी पत्रों को डाक से भेजने का विशेष विशेषाधिकार प्रदान करता था।
      • हालाँकि कुरियर सेवाएँ अपने कोरियर को "पत्र" के स्थान पर केवल "दस्तावेज़" एवं "पार्सल" कहकर वर्ष 1898 के अधिनियम की अवहेलना कर रही हैं।
  • निजी कूरियर सेवाओं पर नियंत्रण:
    • 2023 विधेयक पहली बार निजी कूरियर सेवाओं को अपने दायरे में लाकर उन्हें नियंत्रित करता है।

विधेयक की समीक्षा क्या है?

  • यह विधेयक भारतीय डाक के माध्यम से प्रेषित लेखों की रोकथाम के लिये प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों को निर्दिष्ट नहीं करता है।
  • अवरोधन के आधारों में आपात्कालीन स्थितियाँ शामिल हैं, जो उचित प्रतिबंधों से परे हो सकती हैं।
  • यह विधेयक भारतीय डाक को डाक सेवाओं में चूक के लिये दायित्व से छूट देता है।
    • उत्तरदायित्व केंद्र सरकार द्वारा नियमों के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है, जो भारतीय डाक का प्रशासन भी करती है। इससे हितों का टकराव हो सकता है।
  • विधेयक में किसी अपराध और दंड का उल्लेख नहीं है।
    • किसी डाक अधिकारी द्वारा डाक लेखों को अनाधिकृत रूप से खोलने पर कोई परिणाम नहीं होगा। इससे उपभोक्ताओं की निजता के अधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

आगे की राह

  • मज़बूत प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों को शामिल करना:
    • भारतीय डाक के माध्यम से प्रेषित लेखों की रोकथाम के लिये प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों का परिचय दीजिये। इसमें भाषण, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और व्यक्तियों की निजता के अधिकार की रक्षा हेतु निरीक्षण तंत्र, न्यायिक वारंट तथा संवैधानिक सिद्धांतों का पालन शामिल होना चाहिये।
  • अवरोधन के लिये आधार परिभाषित करना:
    • अवरोधन के आधारों को परिष्कृत और स्पष्ट रूप से परिभाषित करना, विशेष रूप से 'आपातकाल' शब्द को, यह सुनिश्चित करने के लिये कि यह संविधान के तहत उचित प्रतिबंधों के साथ संरेखित हो। संभावित दुरुपयोग को रोकने और व्यक्तिगत अधिकारों को बनाए रखने हेतु आपातकालीन शक्तियों के प्रयोग को सीमित करना।
  • संतुलित दायित्व ढाँचा:
    • डाकघर की स्वतंत्रता और दक्षता को खतरे में डाले बिना दायित्व के लिये स्पष्ट नियम निर्धारित करके उसकी जवाबदेही सुनिश्चित करना। संभावित दुरुपयोग के बारे में चिंताओं का समाधान करना और हितों के टकराव को रोकना।
  • अनधिकृत उद्घाटन को संबोधित करना:
    • डाक अधिकारियों द्वारा डाक लेखों को अनाधिकृत रूप से खोलने को संबोधित करते हुए, विधेयक के भीतर विशिष्ट अपराधों और दंडों को फिर से प्रस्तुत करना। उपभोक्ताओं की निजता के अधिकार की सुरक्षा के लिये एक कानूनी ढाँचा स्थापित करना जो व्यक्तियों को कदाचार, धोखाधड़ी, चोरी तथा अन्य अपराधों हेतु ज़िम्मेदार ठहराए।