दूरसंचार कंपनियों द्वारा ट्राई (TRAI) के सार्वजनिक वाई-फाई मॉडल का विरोध | 09 Jul 2018

चर्चा में  क्यों?

दूरसंचार ऑपरेटरों ने क्षेत्रीय नियामक TRAI द्वारा अनुशंसित सार्वजनिक वाई-फाई मॉडल का विरोध किया है। इन ऑपरेटरों का कहना है कि इससे कर्ज़ में डूबे उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करने जैसा होगा।

प्रमुख बिंदु

  • भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India -TRAI) ने साइबर कैफे के मौजूदा नियमों की तर्ज़ पर पब्लिक डाटा ऑफिस एग्रीगेटर (Pubic Data Office Aggregator -PDOA) के लिये सिफारिश की है। 
  • सिफारिशों में कहा गया है कि  जिस प्रकार साइबर कैफे पंजीकरण के पश्चात इंटरनेट सेवाएँ प्रदान करते हैं, वैसे ही PDOA को दूरसंचार विभाग में पंजीकरण के बाद वाई-फाई इंटरनेट सेवाएँ प्रदान करने की अनुमति दी जाए।
  • PDOA के रूप में नई कंपनियाँ पिछले दौर के PCO की तरह ही पब्लिक डाटा ऑफिस (Public Data Office -PDO) खोल सकेंगी।
  • मोबाइल कंपनियों के शीर्ष संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (cellular Operators of India -COAI) के अनुसार, लाइसेंस के बिना इंटरनेट सेवाएँ बेचने के प्रस्ताव का अर्थ है मौजूदा लाइसेंसिंग व्यवस्था को पूरी तरह अनदेखा करना। 
  • COAI के अनुसार, ये सिफारिशें स्पेक्ट्रम और इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश करने वाली टेलीकॉम कंपनियों के लिये नुकसानदायक हैं तथा इनसे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।
  • उल्लेखनीय है कि COAI अप्रैल 2017 से ही पब्लिक वाई-फाई सेवाओं के मामले में TRAI के सुझावों का विरोध कर रही है।