स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण | 24 Aug 2022

प्रिलिम्स के लिये:

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, खुले में शौच मुक्त स्थिति, गोबर धन, स्वच्छ विद्यालय अभियान, स्वच्छ ऐप, बायोरेमेडिएशन।

मेन्स के लिये:

स्वच्छ भारत मिशन, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप

चर्चा में क्यों?

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (SBM-G) के तहत 1 लाख से अधिक गाँवों ने खुद को खुले में शौच मुक्त (ODF प्लस) घोषित किया।

  • ये गाँव अपनी ओडीएफ स्थिति को बनाए हुए हैं तथा ठोस और/या तरल कचरे के प्रबंधन के लिये तंत्र मौजूद हैं। वे अपनी स्वच्छता यात्रा जारी रखेंगे क्योंकि वे अपने गाँवों को स्वच्छ, हरा-भरा और स्वस्थ बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

खुले में शौच मुक्त स्थिति:

  • ODF: किसी क्षेत्र को ODF के रूप में अधिसूचित या घोषित किया जा सकता है यदि दिन के किसी भी समय, एक भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं करता है।
  • ODF+: एक शहर को ODF+ घोषित किया जा सकता है, यदि किसी दिन किसी भी व्यक्ति को खुले में शौच और/या पेशाब करते हुए नहीं पाया जाता है और सभी सामुदायिक तथा सार्वजनिक शौचालय कार्यात्मक अवस्था में एवं सुव्यवस्थित हैं।
  • ODF++: एक शहर को ODF++ घोषित किया जा सकता है, यदि वह पहले से ही ODF+ स्थिति में है और वहाँ मल कीचड़/सेप्टेज (Faecal sludge/Septage) और नालियों का सुरक्षित रूप से प्रबंधन तथा उपचार किया जाता है एवं किसी प्रकार के अनुपचारित कीचड़/सेप्टेज (Sludge/Septage) और नालियों की निकासी जल निकायों या खुले क्षेत्रों के नालों में नहीं होती है।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (SBM-G)

  • परिचय:
    • इसे वर्ष 2014 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज प्राप्त करने के प्रयासों में तेज़ी लाने और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने के लिये लॉन्च किया गया था।
    • मिशन को राष्ट्रव्यापी अभियान/जनांदोलन के रूप में लागू किया गया था जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच को समाप्त करना था।
  • स्वच्छ भारत मिशन (G) चरण- I:
    • भारत में 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की शुरुआत के समय ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 38.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
    • इस मिशन के अंतर्गत 10 करोड़ से ज़्यादा व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया जिसके परिमाणस्वरूप सभी राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों ने स्वयं को 2 अक्तूबर, 2019 को ODF घोषित कर दिया।
  • SBM (G) चरण- II:
    • यह चरण I के तहत प्राप्त की गई उपलब्धियों की स्थिरता और ग्रामीण भारत में ठोस/तरल और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) के लिये पर्याप्त सुविधाएँ प्रदान करने पर ज़ोर देता है।
    • कार्यान्वयन: स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण- II को वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की अवधि के लिये 1,40,881 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ एक मिशन के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा।
    • ODF प्लस के SLWM घटक की निगरानी निम्नलिखित चार संकेतकों के आधार पर की जाएगी-
      • प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन
      • जैव अपघटित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (जिसमें पशु अपशिष्ट प्रबंधन शामिल है)
      • धूसर जल प्रबंधन
      • मलयुक्त कीचड़ प्रबंधन
    • शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य:
      • शीर्ष पाँच प्रदर्शन करने वाले राज्य तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश हैं जहाँ अधिकतम गाँवों को ODF प्लस घोषित किया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन का महत्त्व:

  • ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत बुनियादी ढाँचों जैसे कि खाद के गड्ढे, सोखने वाले गड्ढे, अपशिष्ट स्थिरीकरण तालाब, शोधन संयंत्र आदि का भी निर्माण किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के इस चरण में घरेलू शौचालय एवं सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से रोज़गार सृजन तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन प्रदान करना जारी रहेगा।
  • यह ग्रामीण भारत को ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की चुनौती से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करेगा तथा देश में ग्रामीणों के स्वास्थ्य में पर्याप्त सुधार में मदद करेगा।

SBM के हिस्से के रूप में अन्य योजनाएँ:

  • गोबर-धन (Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan- GOBAR-DHAN) योजना: इसे वर्ष 2018 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था।
    • इस योजना का उद्देश्य गाँवों को स्वच्छ रखना, ग्रामीण घरों की आय बढ़ाना और मवेशियों द्वारा उत्पन्न कचरे से ऊर्जा का उत्पादन करना है।
  • व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (IHHL): SBM के तहत लोगों को शौचालय निर्माण के लिये लगभग 15 हज़ार रुपए मिलते हैं।
  • स्वच्छ विद्यालय अभियान: शिक्षा मंत्रालय ने एक वर्ष के भीतर सभी सरकारी स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिये अलग-अलग शौचालय उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम शुरू किया।

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U)

  • परिचय:
    • इसे 2 अक्तूबर, 2014 को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था।
  • पहला चरण:
    • परिचय:
      • इस कार्यक्रम में खुले में शौच का उन्मूलन, गंदे शौचालयों को फ्लश शौचालयों में बदलना, हाथ से मैला ढोने की प्रथा का उन्मूलन, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वस्थ स्वच्छता प्रथाओं के संबंध में लोगों के व्यवहार में बदलाव लाना शामिल है।
      • कार्यक्रम के तहत आवासीय क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय बनाए जाएंँगे जहाँ व्यक्तिगत घरेलू शौचालय बनाना मुश्किल है।
    • उपलब्धियाँ:
      • 4,324 शहरी स्थानीय निकायों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है, जो मिशन के लक्ष्य से कहीं अधिक 66 लाख से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों और 6 लाख से अधिक सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से संभव हुआ है।
      • डिजिटल सक्षमता जैसे कि स्वच्छता ऐप, वर्ष 2016 में MoHUA द्वारा शुरू किेया गया तथा डिजिटल शिकायत निवारण प्लेटफॉर्म ने नागरिक शिकायत निवारण के प्रबंधन के तरीके को पुनः लागू किया है।
  • द्वितीय चरण:
    • परिचय:
      • केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित SBM-U 2.0, SBM-U के पहले चरण का ही निरंतर कार्यान्वयन है। जिसके अंतर्गत भारत सरकार शौचालयों से मल, कीचड़ और सेप्टेज के सुरक्षित रोकथाम कर उनका परिवहन एवं उचित निपटान करने का प्रयास कर रही है।
      • इसे 1.41 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ वर्ष 2021 से 2026 पाँच वर्षों की अवधि के लिये लागू किया गया है।
    • उद्देश्य:
      • यह कचरे के स्रोत पर पृथक्करण, एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक और वायु प्रदूषण में कमी, निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों से कचरे का प्रभावी ढंग से प्रबंधन तथा सभी पुराने डंप साइट के बायोरेमेडिएशन पर केंद्रित है।
      • इस मिशन के तहत, सभी अपशिष्ट जल को जल निकायों में छोड़ने से पहले ठीक से उपचारित किया जा रहा है तथा सरकार अधिकतम पुन: उपयोग को प्राथमिकता देने का प्रयास कर रही है।

आगे की राह:

  • वहनीय जल-आपूर्ति के साथ अधिक अपशिष्ट जल उत्पन्न हो रहा है जिसे उपचारित करने और पुन: उपयोग करने की आवश्यकता है; जीवनशैली में बदलाव और पैकेज़्ड खाद्य उत्पादों के उपयोग के साथ, प्लास्टिक कचरे का खतरा ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ता जा रहा है, जिसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की आवश्यकता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

मेन्स:

Q. "जल, सफाई एवं स्वच्छता की ज़रूरतों को संबोधित करने वाली नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये लाभार्थी वर्गों की पहचान को प्रत्याशित परिणामों के साथ समायोजित किया जाना है।" वॉश योजना के संदर्भ में इस कथन का परीक्षण कीजिये। (2017)

सामाजिक प्रभाव और प्रोत्साहन स्वच्छ भारत अभियान की सफलता में कैसे योगदान दे सकता है? (2016)

स्रोत:पी.आई.बी