ब्रेल लिपि में संविधान | 24 Nov 2018

संदर्भ


हाल ही में भारत का संविधान ब्रेल लिपि में उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी। गौरतलब है कि यह पहला मौका है, जब संविधान को ब्रेल लिपि में उपलब्ध कराया जा रहा है। ब्रेल लिपि में मुद्रित संविधान का पहला खंड 26 नवंबर को संविधान दिवस (Constitution Day) से एक दिन पहले यानी 25 नवंबर को प्रस्तुत किया जाएगा।


महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • सवी फाउंडेशन और स्वागत थोरात के साथ दृष्टि बाधितों हेतु बुद्धिस्ट एसोसिएशन (The Buddhist Association for the blinds) ने संयुक्त रूप से इस योजना का दायित्व लिया है। ध्यातव्य है कि स्वागत थोरात ने भारत का पहला ब्रेल न्यूज़लेटर स्पर्शद्न्यन (Sparshdnyan) शुरू किया था।
  • ब्रेल (Braille) लिपि में मुद्रित यह संविधान (Constitution) दृष्टि बाधित लोगों के लिये पाँच खंडों में प्रस्तुत किया जाएगा।

अधिकारों की समानता

  • बुद्धिस्ट एसोसिएशन ने दृष्टि बाधितों हेतु बुद्धवंदना को पहली बार ब्रेल लिपि में प्रकाशित किया था।
  • संविधान अब तक दृष्टि बाधितों की पहुँच से दूर रहा है, संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को जानने के लिये यह आवश्यक हो जाता है कि इसे ब्रेल लिपि में अनूदित किया जाए।
  • संविधान की आधिकारिक प्रति, जिसका ब्रेल में अनुवाद किया गया है, को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (BARTI) से लिया गया है।

संविधान (Constitution)

  • भारत का संविधान भारत का सर्वोच्च विधान है, जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर, 1949 को पारित किया गया तथा यह 26 जनवरी, 1950 से प्रभावी हुआ था।
  • 26 नवंबर को भारत के संविधान दिवस के रूप में, जबकि 26 जनवरी को भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • संविधान के उद्देश्यों को प्रकट करने हेतु अक्सर एक प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है। प्रस्तावना द्वारा यह घोषणा की जाती है कि संविधान अपनी शक्ति सीधे जनता से प्राप्त करता है। यही कारण है कि भारत के संविधान की प्रस्तावना (Preamble of constitution) 'हम भारत के लोग' वाक्य से प्रारंभ होती है।
  • भारत अथवा ‘इंडिया’ राज्यों का एक संघ है। संविधान में इसे संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्‍वतंत्र प्रभुसत्ता संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्‍मक गणराज्‍य (SOVEREIGN SOCIALIST SECULAR DEMOCRATIC REPUBLIC) घोषित किया है।
  • ब्रेल लिपि की वस्तुगत सीमाओं के कारण किसी पुस्तक में 150 से अधिक पृष्ठ नहीं रखे जा सकते हैं। इसलिये अनूदित संविधान को पाँच खंडों में प्रकाशित करने का फैसला लिया गया है और इसका पहला खंड 25 नवंबर को प्रकाशित किया जाएगा।
  • इस संविधान श्रृंखला का दूसरा भाग दो महीने बाद प्रकाशित किया जाएगा।
  • संविधान के प्रकाशन के साथ ही ब्रेल लिपि में कई अन्य पुस्तिकाओं को भी प्रकाशित किया जाएगा जो दृष्टि बाधित समुदाय से आने वाले यूपीएससी अभ्यर्थियों तथा वकीलों के लिये सहायक होंगी।


सहयोग का परिणाम

  • विभिन्न संगठनों के सहयोग के बगैर ब्रेल लिपि में संविधान का प्रकाशन संभव नहीं था।
  • संगठनों के बीच आपसी समन्वय तथा सहयोग की वज़ह से ही ब्रेल लिपि में प्रकाशित यह संविधान दृष्टि बाधितों को उनके अधिकार जानने में सहायता प्रदान करेगा।

स्रोत-द हिंदू