भारत में मसाला क्षेत्र | 23 Dec 2021

प्रिलिम्स के लिये:

प्रमुख मसाला उत्पादक राज्य, मसाला क्षेत्र हेतु प्रमुख आँकड़े

मेन्स के लिये:

भारत में मसाला उत्पादन, मसाला क्षेत्र हेतु की गई पहल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने 'स्पाइस स्टैटिस्टिक्स एट ए ग्लांस 2021' पुस्तक का विमोचन किया है।

  • यह पुस्तक देश में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2020-21 तक के पिछले सात वर्षों के दौरान मसालों के उत्पादन में हुई वृद्धि पर प्रकाश डालती है।

प्रमुख बिंदु

  • मसालों के विषय में:
    • मसाले बीज, फल, छाल, राइज़ोम और पौधों के अन्य भागों से प्राप्त सुगंधित खाद्य उत्पाद प्राप्त होते हैं।
    • उनका उपयोग भोजन के संरक्षण और दवाओं, रंगों एवं इत्र के रूप में किया जाता है।
    • मसालों को हज़ारों वर्षों से व्यापार की वस्तुओं के रूप में अत्यधिक महत्त्व दिया गया है।
      • मसाला शब्द लैटिन से आया है, जिसका अर्थ है ‘माल’।
    • विशेष रूप से महामारी की अवधि के दौरान मसालों को स्वास्थ्य पूरक के रूप में मान्यता देने के कारण मसालों की मांग में ज़बरदस्त वृद्धि हुई है।
      • इसे हल्दी, अदरक, जीरा, मिर्च आदि जैसे मसालों के बढ़ते निर्यात से स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 
  • भारत में मसाला उत्पादन:
    • भारत मसालों का विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है।
    • बदलती जलवायु के कारण उष्णकटिबंधीय से उपोष्णकटिबंधीय, उपोष्णकटिबंधीय से समशीतोष्ण तक लगभग सभी जलवायु के मसालों का भारत में उत्पादन किया जाता है।
    • वास्तव में भारत के लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किसी-न-किसी मसाले का उत्पादन किया जाता है।
    • संसदीय अधिनियम के तहत कुल 52 मसालों को मसाला बोर्ड के दायरे में लाया गया है।
      • मसाला बोर्ड (वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय) भारतीय मसालों के विकास और विश्वव्यापी प्रचार हेतु प्रमुख संगठन है।
      • यह मसाला बोर्ड अधिनियम, 1986 द्वारा स्थापित किया गया था।
    • भारत में कुछ राज्य ऐसे हैं जो उन मसालों का उत्पादन करते हैं जिनका राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाज़ारों में बहुत अधिक मूल्य है।
      • सबसे अच्छा उदाहरण ‘कश्मीरी केसर’ है जो दुनिया का सबसे अच्छा केसर है।
      • कश्मीरी केसर को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग का दर्जा मिला है।
  • मसाला व्यापार:
    • मसालों का निर्यात देश में सभी बागवानी फसलों के कुल निर्यात आय में 41% का योगदान देता है।
    • यह समुद्री उत्पादों, गैर-बासमती चावल और बासमती चावल के बाद कृषि वस्तुओं में चौथे स्थान पर है।

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संबंधित सरकारी पहल:

  • हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (CAC) के तहत स्थापित मसालों और पाक जड़ी बूटियों (CCSCH) पर कोडेक्स समिति के पाँचवें सत्र का उद्घाटन किया।
  • मसालों और पाक जड़ी बूटियों पर कोडेक्स समिति (CCSCH) के बारे में:
    • स्थापना: इसका गठन वर्ष 2013 में किया गया था
    • संदर्भ शर्तें:
      • मसालों और पाक कला से संबंधित जड़ी बूटियों हेतु उनकी सूखी और निर्जलित अवस्था संबंधी विश्वव्यापी मानकों को विस्तृत करना।
      • मानकों के विकास की प्रक्रिया में दोहराव से बचने के लिये अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ परामर्श करना आवश्यक है।

स्रोत: पीआईबी