जम्मू-कश्मीर पर UN के विशेष संचार | 10 Jul 2020

प्रीलिम्स के लिये:

जम्मू-कश्मीर पर UN के विशेष संचार

मेन्स के लिये:

जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार  

चर्चा में क्यों?

हाल ही में 'संयुक्त राष्ट्र' (United Nations- UN) के ‘विशेष प्रतिनिधियों’ (Special Rapporteurs- SRs) ने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति (अनुच्छेद 370 के तहत) को रद्द करने के निर्णय के बाद भारत को अपना तीसरा संचार (Third Communication) जारी किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • UN संचार मानवाधिकारों के उल्लंघन के समय संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाई जाने वाली विशेष प्रक्रिया है।
  • हाल में UN द्वारा भारत को तीसरा संचार किया गया है, इससे पूर्व में भी UN द्वारा भारत को जम्मू-कश्मीर के संबंध में दो संचार जारी किये जा चुके हैं। 

UN संचार (UN Communication):

  • संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, मानवाधिकारों के संरक्षण की दिशा में विशेष प्रकियाओं का अनुसरण करती है। 
  • इन विशेष प्रक्रियाओं के माध्यम से मानवाधिकारों के उल्लंघन के विशिष्ट आरोपों के संबंध में जानकारी प्राप्त की जाती है और देशों को संचार (तत्काल अपील और अन्य पत्र) भेजे जाते हैं। 
  •  कभी-कभी गैर-राज्य अभिकर्त्ताओं को भी स्पष्टीकरण तथा आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता हैं।

जम्मू-कश्मीर के संबंध में संचार:

  • अब तक 'संयुक्त राष्ट्र' मानवाधिकार परिषद के विशेष प्रतिनिधियों द्वारा जम्मू-कश्मीर के संबंध में तीन बार संचार भेजा जा चुका है। 
  • प्रथम संचार (First Communication):
    • संयुक्त राष्ट्र द्वारा 16 अगस्त, 2019 को भारत के लिये प्रथम संचार भेजा गया था। 
    • यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध तथा जम्मू-कश्मीर विधानसभा की स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों से संबंधित था। 
  • द्वितीय संचार (Second Communication):
    • द्वितीय संचार 27 फरवरी, 2020 भेजा गया था जिसमें केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के संबंध में लिये गए निर्णयों के खिलाफ असंतोष व्यक्त करने वाले लोगों को बड़े पैमाने पर निशाना बनाने से संबंधित था।
  • तृतीय संचार (Third Communication):
    • इसमें 5 अगस्त, 2019 (अनुच्छेद- 370 के तहत जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति की समाप्ति) को राज्य में लगाए गए प्रतिबंधों के बाद जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति बिगड़ने पर प्रकाश डाला गया है।

तृतीय संचार के तहत उठाए गए मुद्दे:

  • संयुक्त राष्ट्र ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन की शीघ्र तथा निष्पक्ष जाँच करवाए अगर वह ऐसा करने में असफल रहती है तो उस पर निम्नलिखित कार्यवाही की जा सकती है।
  • 'नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन' (International Covenant on Civil and Political Rights- ICCPR) के अनुच्छेद-6 के तहत आवश्यक कार्यवाही की जा सकती है।
    • यह अनुच्छेद मनमानी हत्याओं, यातनाओं और गैर-इलाज के आरोपों और संदिग्ध के खिलाफ मुकदमा चलाने से संबंधित है। 

UN विशेष प्रतिनिधि (UN Special Rapporteur):

  • यह मानवाधिकार परिषद की विशेष प्रक्रिया है, जिसमें मानव अधिकारों पर रिपोर्ट और सलाह देने के लिये स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
  • मानवाधिकार परिषद (Human Rights Council):
    • यह संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर एक अंतर-सरकारी निकाय है। 
    • यह मानवाधिकारों के संवर्द्धन और संरक्षण के लिये कार्यरत 47 देशों से मिलकर बनी होती है। वर्तमान में परिषद में भारत भी शामिल है।
  • UN विशेष प्रक्रिया में या तो स्वतंत्र विशेषज्ञ शामिल होते हैं (जिन्हें 'स्पेशल रैपोर्टियर' या 'इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट' कहा जाता है) या पाँच सदस्यों से मिलकर बना एक वर्किंग ग्रुप जिसमें संयुक्त राष्ट्र के पाँच क्षेत्रीय समूहों के प्रतिनिधि होते हैं। 
  • अधिकांश विशेष प्रक्रियाएँ मानवाधिकारों के उल्लंघन के विशिष्ट आरोपों के संबंध में जानकारी प्राप्त करती हैं और देशों को संचार (तत्काल अपील और अन्य पत्र) भेजती हैं या कभी-कभी गैर-राज्य अभिकर्त्ताओं को भी स्पष्टीकरण तथा आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देती हैं।

स्रोत: द हिंदू