सिंकहोल | 20 Jan 2020

प्रीलिम्स के लिये:

सिंकहोल

मेन्स के लिये:

सिंकहोल निर्माण प्रक्रिया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में चीन के शिनिंग (Xining) शहर में सिंकहोल की घटना देखी गई, इस घटना में एक बस और कुछ पैदल यात्री लापता हो गए।

Sinkhole

सिंकहोल के बारे में:

  • सिंकहोल ज़मीन में निर्मित एक डिप्रेशन (गड्ढा) होता है। इस डिप्रेशन (गड्ढा) का निर्माण तब होता है जब पृथ्वी की सतह की परतें गुफाओं के रूप में परिवर्तित होने के बाद ढहने लगती हैं।
  • यह स्थिति अचानक और बिना किसी पूर्व चेतावनी के बन सकती है क्योंकि पृथ्वी के सतह के नीचे की ज़मीन तब तक अक्षुण्ण/यथावत् रहती है, जब तक कि इसका आकार बड़ा नहीं हो जाता।
  • इनके निर्माण में प्राकृतिक एवं मानव दोनों ही प्रकार की गतिविधियाँ शामिल होती हैं।
  • सिंकहोल की घटनाएँ मुख्यतः चूना पत्थर, जिप्सम या कार्बोनेट चट्टानों वाले क्षेत्रों में सबसे अधिक पाई जाती हैं। क्योंकि ऐसे स्थानों पर जब वर्षा का पानी रिसकर ज़मीन में चला जाता है, तो पृथ्वी की सतह के नीचे की चट्टानें शीघ्र ही घुलने लगती हैं, जिससे सिंकहोल का निर्माण होता है।
  • सिंकहोल निर्माण की प्रक्रिया धीमी और क्रमिक होती है तथा कभी-कभी इसके बनने में सैकड़ों या हज़ारों वर्ष भी लग जाते हैं।
  • मानव गतिविधियों के कारण भी सिंकहोल का निर्माण हो सकता है। जैसे- अवनलिकाएँ (Broken Land Drains), पानी के मुख्य तथा सीवरेज पाइप में लीकेज़ के कारण, अत्यधिक वर्षा, तूफान की घटनाओं, अंतर्निहित चूना पत्थर और पानी के बहाव को मोड़ना आदि ।
  • जर्नल एन्वायरनमेंटल जियोलॉजी में प्रकाशित वर्ष 1997 के पत्र के अनुसार, चीन में कार्स्ट क्षेत्रों (karst areas) में कोयला, जस्ता, सीसा और लौह अयस्क के भंडारों का खनन जैसी मानव गतिविधियाँ सिंकहोल के निर्माण से जुड़ी हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस