म्यूचुअल फंड में निवेश हेतु नए नियम | 26 Dec 2019

प्रीलिम्स के लिये

सेबी, म्यूचुअल फंड

मेन्स के लिये

शेयर बाज़ार में निवेशकों के हितों की सुरक्षा में सेबी की भूमिका

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI) ने अल्पवयस्कों (Minors) के लिये म्यूचुअल फंड में निवेश के नए नियम बनाए हैं।

मुख्य बिंदु:

  • सेबी द्वारा जारी नियमों में कहा गया है कि यदि कोई अल्पवयस्क म्यूचुअल फंड में निवेश करता है तो वह निवेश उस अल्पवयस्क के खाते या उसके किसी संयुक्त खाते से किया जाएगा।
  • निवेश के लिये चेक, डिमांड ड्राफ्ट अथवा किसी अन्य माध्यम से किये गए भुगतान को अल्पवयस्क के खाते या अभिभावक के साथ उसके संयुक्त खाते से ही स्वीकार किया जाएगा।
  • इसके साथ ही जब अल्पवयस्क 18 वर्ष का हो जाता है तब उसे बैंक अकाउंट के अद्यतन (Updation) हेतु के.वाई.सी. (Know Your Client- KYC) का पूरा विवरण देना होगा अन्यथा उसके अकाउंट से संबंधित सभी लेन-देन रोक दिये जाएंगे।
  • इसके साथ ही 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर उस खाताधारक के बैंक अकाउंट को अद्यतन कराने हेतु KYC (Know Your Client) का पूरा विवरण देना होगा अन्यथा उसके खाते से से संबंधित सभी लेन-देन पर रोक लगा दी जाएगी।
  • एक अन्य निर्देश में सेबी ने कहा कि पूल अकाउंट (Pool Accounts) के प्रयोग को समाप्त किया जाए जिनका प्रयोग मुख्यतः बिचौलियों जैसे- स्टॉक ब्रोकर्स या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा किया जाता है।
  • पूल अकाउंट के माध्यम से बिचौलिये अपने ग्राहक की तरफ से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं।

निर्देश जारी करने का कारण:

  • हाल ही में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग (Karvy Stock Broking) के मामले में हुई धाँधली को देखते हुए सेबी द्वारा यह निर्णय लिया गया। ध्यातव्य है कि इस ब्रोकर कंपनी ने अपने निवेशकों के धन को बिना उनकी अनुमति के अलग-अलग जगहों पर निवेश किया था।
  • हाल के कई मामलों में ऐसा हुआ है कि ब्रोकर कंपनियों द्वारा उनके ग्राहकों के पैसे या प्रतिभूतियों का दुरुपयोग किया गया है।

निर्णय के लाभ:

  • इस नियम के लागू होने के बाद पूंजी बाज़ार में होने वाले विनिमयों में अधिक पारदर्शिता आएगी तथा बिचौलियों का महत्त्व कम होगा।
  • स्टॉक ब्रोकर्स के माध्यम से होने वाले किसी भी लेन-देन के लिये शेयर बाज़ार आवश्यक व्यवस्था करें ताकि ग्राहकों के खाते से किया गया भुगतान तथा उनको मिलने वाली राशि सीधे मान्यता प्राप्त समाशोधन निगम (Clearing Corporation) के खाते से हो।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड:

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी।
  • इसका मुख्यालय मुंबई में है।
  • इसके मुख्य कार्य हैं -
    • प्रतिभूतियों (Securities) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना।
    • प्रतिभूति बाज़ार (Securities Market) के विकास का उन्नयन करना तथा उसे विनियमित करना और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना।

म्यूचुअल फंड:

  • म्यूचुअल फंड एक प्रकार का सामूहिक निवेश होता है। निवेशकों के समूह मिलकर अल्पावधि के निवेश या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।
  • म्यूचुअल फंड में एक फंड प्रबंधक होता है, जो इस पैसे को विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश करने के लिये अपने निवेश प्रबंधन कौशल का उपयोग करता है।
  • वह फंड के निवेशों को निर्धारित करता है और लाभ तथा हानि का हिसाब रखता है। इस प्रकार हुए फायदे-नुकसान को निवेशकों में बाँट दिया जाता है।

स्रोत: द हिंदू