नए मामलों की जाँच के लिये सेबी को मिली शक्तियाँ | 09 Jul 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वित्त विधेयक (Finance Bill), 2019 के अंतर्गत भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India-SEBI) को ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति प्रदान की गई है जो इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस से छेड़छाड़ करती हैं या उन्हें नष्ट कर देती हैं अथवा सेबी द्वारा मांगी गई जानकारी को प्रस्तुत करने में विफल रहती हैं।

प्रमुख बिंदु

  • वित्त विधेयक, 2019 के तहत सेबी अधिनियम (SEBI Act) में एक नई धारा (15HAA) जोड़ी गई है।
  • इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी जाँच में बाधा डालने या उसे प्रभावित करने के उद्देश्य से आँकड़ों के साथ छेड़छाड़ करता है तो उस पर 10 करोड़ रुपए या इस कृत्य से प्राप्त गैरकानूनी लाभ की तीन गुना राशि, जो भी अधिक हो, तक का जुर्माना लग सकता है।
  • इसके अतिरिक्त यदि कोई ब्रोकर अपने ग्राहकों को सेबी द्वारा निर्धारित प्रारूप में अनुबंध नोट जारी नहीं करता है तो सेबी उस पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है।
  • इससे पूर्व जुर्माने की यह राशि मात्र 1 लाख रूपए ही थी।

वित्त विधेयक क्या होता है?

  • वे सभी विधेयक जिनका संबंध वित्तीय मामलों से होता है, वित्त विधेयक कहलाते हैं।
  • यह विधेयक भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होता है।
  • वित्त विधेयक को केंद्रीय बजट पेश करने के तुरंत बाद लोकसभा में पेश किया जाता है।
  • इस विधेयक के दो भाग होते हैं, पहले भाग में सरकार की वित्तीय नीतियों का वर्णन किया जाता है जबकि इसके दूसरे भाग में सरकार के कर बजट को प्रस्तुत किया जाता है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड

(Securities and Exchange Board of India)

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी।
  • इसका मुख्यालय मुंबई में है।
  • इसके मुख्य कार्य हैं -
    • प्रतिभूतियों (Securities) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना।
    • प्रतिभूति बाज़ार (Securities Market) के विकास का उन्नयन करना तथा उसे विनियमित करना और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना।

स्रोत : द हिंदू