स्कूल एजुकेशन ‘शगुन’ | 29 Aug 2019

चर्चा में क्यों?

28 अगस्त, 2019 को मानव संसाधन मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा को सुदृढ़ता प्रदान करने के उद्देश्य से विश्व के सबसे बड़े ऑनलाइन जंक्शनों में शामिल एकीकृत ऑनलाइन जंक्शन ‘स्कूल एजुकेशन शगुन’ (SE ShaGun) की शुरुआत की। इस ऑनलाइन जंक्शन के ज़रिये स्कूली शिक्षा से जुड़े सभी ऑनलाइन पोर्टल्स और वेबसाइट को जोड़ने की पहल की गई है।

Education ShaGun

‘शगुन’ का अर्थ

  • ‘स्कूल एजुकेशन शगुन’ एक ऐसा ही प्लेटफार्म है, जिसके ज़रिये शिक्षा की नींव को मज़बूती मिलेगी। ‘शगुन’ में ‘श’ शब्द का आशय ‘शाला’ से है, जिसका अर्थ स्कूल से है और ‘गुन’ का तात्पर्य गुणवत्ता से है।

प्रमुख बिंदु

  • 1200 केंद्रीय विद्यालयों, 600 नवोदय विद्यालयों, CBSE से जुड़े 18000 स्कूलों, 30 SCERTs और NTCE से जुड़े 19000 संस्थानों की वेबसाइट्स को ‘स्कूल एजुकेशन शगुन’ पोर्टल से जोड़ा गया है।
  • इस ऑनलाइन प्लेटफार्म के ज़रिये 15 लाख स्कूलों, 92 लाख शिक्षकों और करीब 26 करोड़ विद्यार्थियों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके ज़रिये योजनाओं की जानकारी लेने के साथ ही लोगों को स्कूलों से जुड़ी नई सूचनाएँ भी प्राप्त होंगी।
  • इसके साथ ही स्कूल शिक्षा से जुड़े समस्त आँकड़े एक जगह से प्राप्त कर सकेंगे।
  • ‘स्कूल एजुकेशन शगुन’ के ज़रिये विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ने के लिये सामग्री मिलेगी, साथ ही उन्हें वीडियो आधारित शिक्षा का अवसर भी मिलेगा। वेबसाइट के ज़रिये यह भी जाना जा सकता है कि आपके क्षेत्र में कौन-कौन से स्कूल हैं और वे क्या-क्या सेवाएँ उपलब्ध करा रहे हैं।

‘एकीकृत राष्ट्रीय स्कूली शिक्षा निधि’

  • इसके अलावा मंत्रालय द्वारा ‘एकीकृत राष्ट्रीय स्कूली शिक्षा निधि’ (Integrated National School Education Treasury-INSET) बनाने की भी घोषणा की गई, जिसके ज़रिये विद्यार्थियों, शिक्षकों ओर स्कूलों से जुड़ी तमाम सूचनाएँ एक मंच से मिल सकेंगी।

इसके अंतर्गत निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:

  • हितधारकों के फीडबैक के माध्यम से इंटीग्रेटेड ऑनलाइन जंक्शन (Integrated Online Junction) के डेटा को सुदृढ़ बनाना।
  • ऐसी वेबसाइटों, पोर्टल्स और एप्लीकेशनों के मध्य पूर्ण अंतर-संचालन सुनिश्चित करना जिन्हें पहले से ही जंक्शन में होस्ट किया जा चुका हैं।
  • उच्च गुणवत्ता वाली ई-सामग्री तैयार करना, जिसमें सीखने की क्षमता को बढ़ाने के लिये क्विज़ और पहेलियाँ भी शामिल हो।

स्रोत: PIB