औषध निर्माण को बढ़ावा देने के लिये स्वीकृत योजनाएँ | 24 Mar 2020

प्रीलिम्स के लिये:

सक्रिय दवा सामग्री, बल्क ड्रग्स पार्क, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना

मेन्स के लिये:

औषध निर्माण को बढ़ावा देने से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में अत्यंत महत्त्वपूर्ण सामग्री/ड्रग्स इंटरमीडिएट्स (Drug Intermediates) और सक्रिय दवा सामग्री के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की मंज़ूरी दी।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने निम्न योजनाओं की मंजूरी दी हैः

  • बल्क ड्रग्स पार्कों (Bulk Drugs Parks) को बढ़ावा देने हेतु अगले 5 वर्षों के दौरान 3,000 करोड़ रुपए से 3 बल्क ड्रग्स पार्कों में साझा अवसंरचना को वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु योजनाएँ।
  • अगले 8 वर्षों के दौरान के 6,940 करोड़ रुपए की धनराशि से देश में महत्वपूर्ण ड्रग्स मध्यस्थ और APIs के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु उत्पादन आधारित छूट (Production Linked Incentive-PLI) योजना को प्रोत्साहित करना।

सक्रिय दवा सामग्री

(Active Pharmaceutical Ingredients-API):

  • किसी रोग के उपचार, रोकथाम अथवा अन्य औषधीय गतिविधि के लिये आवश्यक दवा के निर्माण में प्रयोग होने वाले पदार्थ या पदार्थों के संयोजन को ‘सक्रिय दवा सामग्री’ के नाम से जाना जाता है।

बल्क ड्रग्स पार्क को बढ़ावा देना:

  • विवरण:
    • राज्यों के सहयोग से भारत में 3 बल्क ड्रग्स पार्कों को विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
    • प्रत्येक बल्क ड्रग्स पार्क के लिये भारत सरकार राज्यों को अधिकतम 1,000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
    • पार्कों में आम सुविधाएँ होंगी जैसेः- घोलक संयंत्र, आसवन संयंत्र, बिजली और भाप संयंत्र, साझा उत्सर्जन शोधन संयंत्र इत्यादि।
    • इस योजना के लिये अगले 5 वर्षों के दौरान 3,000 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं।
  • प्रभाव:
    • इस योजना से देश में बल्क ड्रग्स के उत्पादन लागत एवं अन्य देशों पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है।
  • कार्यान्वयन:
    • राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (State Implementing Agencies-SIA) इस योजना को लागू करेगी जिसका गठन संबंधित राज्य सरकार करेगी।
    • 3 मेगा बल्क ड्रग्स पार्कों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना

(Production Linked Incentive-PLI):

  • विवरण:
    • चिह्नित 53 महत्त्वपूर्ण बल्क ड्रग्स के योग्य निर्माताओं को अगले 6 वर्षों के दौरान सहायता दी जाएगी जो उत्पादन वृद्धि पर आधारित होगी और इसके लिये वर्ष 2019 -20 को आधार वर्ष माना जाएगा।
    • 53 चिह्नित बल्क ड्रग्स में से 26 किण्वन आधारित बल्क ड्रग्स हैं और 27 रसायन संश्लेषण पर आधारित बल्क ड्रग्स हैं।
    • किण्वन आधारित बल्क ड्रग्स के लिये छूट की दर 20% (विक्रय में वृद्धि के आधार पर) एवं रसायन संश्लेषण पर आधारित बल्क ड्रग्स के लिये छूट की दर 10% होगी।
    • अगले 8 वर्षों के लिये 6,940 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी गई है।
  • प्रभाव:
    • इस योजना का उद्देश्य महत्वपूर्ण ड्रग्स इंटरमीडिएट्स और APIs में बड़े निवेश को आकर्षित करने के माध्यम से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। इससे ड्रग्स इंटरमीडिएट्स और APIs उत्पादन में अन्य देशों पर भारत की निर्भरता में कमी आएगी।
    • इससे अगले 8 वर्षों के दौरान 46,400 करोड़ रुपए मूल्य की विक्रय वृद्धि तथा अतिरिक्त रोज़गार सृजन की आशा है।
  • कार्यान्वयन:
    • इस योजना को परियोजना प्रबंधन एजेंसी (Project Management Agency-PMA) के माध्यम से लागू किया जाएगा एवं फार्मास्यूटिकल विभाग (Department of Pharmaceuticals) इस एजेंसी को नामांकित करेगा।
    • यह योजना केवल 53 चिह्नित महत्वपूर्ण बल्क ड्रग्स इंटरमीडिएट्स और APIs के उत्पादन पर ही मान्य होगी।

लाभ:

  • तीन बल्क ड्रग्स पार्क की इस योजना के अंतर्गत प्राप्त वित्तीय सहायता से साझा अवसंरचना सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।
  • इससे देश में उत्पादन लागत में कमी आएगी और बल्क ड्रग्स के लिये अन्य देशों पर निर्भरता भी कम होगी।

पृष्ठभूमि:

  • मात्रा के आधार पर भारतीय दवा उद्योग का विश्व में तीसरा स्थान है। 
  • हालाँकि इस उपलब्धि के बावज़ूद भारत कच्ची सामग्री (जैसे दवाओं के उत्पादन में उपयोग किये जाने वाले बल्क ड्रग्स) के लिये आयात पर निर्भर है।
  • कुछ विशेष बल्क ड्रग्स के मामले में आयात पर निर्भरता 80-100% तक है।
  • नागरिकों को किफायती स्वास्थ्य देखभाल सुविधा सुनिश्चित करने के लिये दवाओं की निरंतर आपूर्ति आवश्यक है। 
  • आपूर्ति में अवरोध से दवा सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है जो देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है।
  •  बल्क ड्रग्स के निर्माण में आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है।

स्रोत: पीआईबी