SBM 2.0 | 12 Aug 2019

चर्चा में क्यों?

SBM 2.0 के तहत राज्यों को राष्ट्रीय वार्षिक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण प्रारंभ करने का आदेश दिया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन:

  • स्वच्छ भारत मिशन को वर्ष 2014 में शुरू किया गया था इसका उद्देश्य अक्तूबर 2019 तक भारत को खुले में शौच मुक्त बनाना था।
  • सरकार इस कार्यक्रम में IEC (Information, Education and Communication) रणनीति के माध्यम से बड़े स्तर पर सार्वजनिक वित्त का प्रयोग कर रही है साथ ही राजगीर प्रशिक्षण इत्यादि पहलों के माध्यम से खुले में शौच मुक्त हेतु संकल्पित है।
  • ऑक्सफोर्ड पॉलिसी मैनेजमेंट ने सरकार को IEC से BCC (Behaviour Change Communication) दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी है।
  • जहाँ IEC शौचालयों के उपयोग करने की जानकारी एकत्र करता है वहीं BCC शौचालयों का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है जैसे अंतर्निहित कारकों की समीक्षा भी करता है।
  • SBM 2.0 के तहत खुले में शौच मुक्त (Open defecation free-ODF) कार्यक्रम की स्थिरता के लिये चार स्तंभों पर प्रकाश डाला गया है-
    • ODF पर सतत् निवेश।
    • मल कीचड़ उपचार संयंत्र (Faecal Sludge Treatment Plant) की प्रत्येक ज़िले में स्थापना जिससे मल कीचड़ को ठीक से प्रबंधित किया जा सके।
    • प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन।
    • गाँवों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु बुनियादी सुविधा।

राष्ट्रीय वार्षिक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण:

(National Annual Rural Sanitation Survey- NARSS)

  • राष्ट्रीय वार्षिक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण शौचालयों तक पहुँच और उपयोग को ट्रैक करता है जिससे स्वच्छ भारत मिशन की स्थिरता को सुनिश्चित किया जा सके।
  • इस सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2018-19 तक लगभग 93.1% ग्रामीण परिवारों की शौचालयों तक पहुँच है जिनके द्वारा 96.5% शौचालयों का निरंतर उपयोग किया जा रहा है।
  • NARSS एक तृतीय पक्षीय सर्वेक्षण है जो विश्व बैंक की सहायता से स्वतंत्र सत्यापन एजेंसी द्वारा किया जाता है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ