ग्रामीण स्वच्छता रणनीति (2019-2029) | 28 Sep 2019 | जैव विविधता और पर्यावरण
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (Department of Drinking Water and Sanitation- DDWS) ने 10 वर्षीय ग्रामीण स्वच्छता रणनीति (2019-2029) प्रारंभ की है|
संदर्भ:
- भारत सरकार का उद्देश्य 2 अक्तूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर उन्हें कार्यांजलि के रूप में भारत को पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त (Open Defecation Free-ODF) घोषित करना है| इसी संदर्भ में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने और इन लाभों को आगे भी समावेशी रूप से बनाए रखने के लिये इस 10 वर्षीय रणनीति को प्रारंभ किया गया है|
- राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि कोई भी पीछे न रहे और अगर किसी घर में शौचालय नहीं है, तो उसे प्राथमिकता के आधार पर शौचालय बनाने की सुविधा दी जाए|
- वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (Swachh Bharat Mission-Gramin- SBM-G) के लॉन्च होने के बाद से ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 10 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए जा चुके हैं तथा 5.9 लाख से अधिक गाँवों, 699 ज़िलों और 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है|

मुख्य बिंदु :
- यह रणनीति भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (Department of Drinking Water and Sanitation- DDWS) द्वारा राज्य सरकारों एवं अन्य हितधारकों के परामर्श से तैयार की गई है|
- इस रणनीति के तहत ‘ODF-प्लस’ (ODF-Plus/ODF+) योजना हेतु स्थानीय सरकारों, नीति निर्माताओं, कार्यान्वयनकर्त्ताओं और अन्य संबंधित हितधारकों के मार्गदर्शन के लिये एक रूपरेखा तैयार की गई है|
- इस रणनीति में विकास के भागीदारों (Development Partners), नागरिक समाज (Civil Society) और अंतर-सरकारी भागीदारी (Inter-Government Partnerships) के साथ संभावित सहयोग के संदर्भ में भी उल्लेख किया गया है|
- यह 10 वर्षीय रणनीति स्वच्छता हेतु वित्तपोषण के अभिनव मॉडलों (Innovative Models) पर भी प्रकाश डालता है|
ODF के तहत मानदंड
- मार्च 2016 में जारी किये गए मूल ODF प्रोटोकॉल में कहा गया है कि "एक शहर / वार्ड को ODF शहर / वार्ड के रूप में अधिसूचित किया जाता है, अगर दिन के किसी भी समय, एक भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं करता है|"
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ODF+ के तहत मानदंड
- ODF + प्रोटोकॉल में कहा गया है - “एक शहर, वार्ड या कार्यक्षेत्र को ODF+ घोषित किया जा सकता है, यदि किसी दिन किसी भी व्यक्ति को खुले में शौच और/या पेशाब करते हुए नहीं पाया जाता है और सभी सामुदायिक तथा सार्वजनिक शौचालय कार्यात्मक अवस्था में एवं सुव्यवस्थित हैं|"
- उन शहर और कस्बों को ODF+ के अंतर्गत रखा जाता है, जो पहले ही आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs- MoHUA) द्वारा निर्धारित ODF प्रोटोकॉल के अनुसार ODF स्थिति प्राप्त कर चुके हैं और शौचालय सुविधाओं के उचित रख-रखाव के लिये ODF स्थिति की निरंतरता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं|
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ODF++ के तहत मानदंड
- ODF ++ प्रोटोकॉल इस शर्त को जोड़ता है कि "मल कीचड़/सेप्टेज (Faecal sludge/Septage) और नालियों का सुरक्षित रूप से प्रबंधन और उपचार किया जाए, जिसमें किसी प्रकार के अनुपचारित कीचड़/सेप्टेज (Sludge/Septage) और नालियों की निकासी जल निकायों या खुले क्षेत्रों के नालों में नहीं होती है|"
- ODF ++ में सभी के लिये सुरक्षित स्थायी स्वच्छता प्राप्त करने हेतु ODF+ के प्रोटोकॉल के अलावा सभी संग्रहणीय मल और सीवेज के सुरक्षित संग्रहण, परिवहन, उपचार और निपटान शामिल हैं| यह शहरों में स्वच्छता की निरंतर स्थिरता के लिये उल्लेखनीय कदम है|
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स्रोत : PIB, द हिंदू