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ग्रामीण स्वच्छता रणनीति (2019-2029) | 28 Sep 2019 | जैव विविधता और पर्यावरण

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (Department of Drinking Water and Sanitation- DDWS) ने 10 वर्षीय ग्रामीण स्वच्छता रणनीति (2019-2029) प्रारंभ की है|

संदर्भ:

Clean India

मुख्य बिंदु :

ODF के तहत मानदंड

  • मार्च 2016 में जारी किये गए मूल ODF प्रोटोकॉल में कहा गया है कि "एक शहर / वार्ड को ODF शहर / वार्ड के रूप में अधिसूचित किया जाता है, अगर दिन के किसी भी समय, एक भी व्यक्ति खुले में शौच नहीं करता है|"
ODF

ODF+ के तहत मानदंड

  • ODF + प्रोटोकॉल में कहा गया है - “एक शहर, वार्ड या कार्यक्षेत्र को ODF+ घोषित किया जा सकता है, यदि किसी दिन किसी भी व्यक्ति को खुले में शौच और/या पेशाब करते हुए नहीं पाया जाता है और सभी सामुदायिक तथा सार्वजनिक शौचालय कार्यात्मक अवस्था में एवं सुव्यवस्थित हैं|"
  • उन शहर और कस्बों को ODF+ के अंतर्गत रखा जाता है, जो पहले ही आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs- MoHUA) द्वारा निर्धारित ODF प्रोटोकॉल के अनुसार ODF स्थिति प्राप्त कर चुके हैं और शौचालय सुविधाओं के उचित रख-रखाव के लिये ODF स्थिति की निरंतरता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं|

ODF++ के तहत मानदंड

  • ODF ++ प्रोटोकॉल इस शर्त को जोड़ता है कि "मल कीचड़/सेप्टेज (Faecal sludge/Septage) और नालियों का सुरक्षित रूप से प्रबंधन और उपचार किया जाए, जिसमें किसी प्रकार के अनुपचारित कीचड़/सेप्टेज (Sludge/Septage) और नालियों की निकासी जल निकायों या खुले क्षेत्रों के नालों में नहीं होती है|"
  • ODF ++ में सभी के लिये सुरक्षित स्थायी स्वच्छता प्राप्त करने हेतु ODF+ के प्रोटोकॉल के अलावा सभी संग्रहणीय मल और सीवेज के सुरक्षित संग्रहण, परिवहन, उपचार और निपटान शामिल हैं| यह शहरों में स्वच्छता की निरंतर स्थिरता के लिये उल्लेखनीय कदम है|

स्रोत : PIB, द हिंदू