ग्रामीण विकास योजनाएँ | 20 May 2021

चर्चा में क्यों?

कोविड-19 महामारी के बावजूद, देश में ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में प्रगति परिलक्षित होती रही है।

प्रमुख बिंदु 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA), 2005:

  • परिचय : 
    • इस योजना को एक सामाजिक उपाय के रूप में प्रदर्शित किया गया था जो "रोज़गार के अधिकार" की गारंटी देती है। इस योजना के संपूर्ण कार्यान्वयन की निगरानी ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से किया जाता है।
  • प्रमुख उद्देश्य:
    • मनरेगा कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक परिवार के अकुशल श्रम करने के इच्छुक वयस्क सदस्यों के लिये एक वित्तीय वर्ष में कम-से-कम 100 दिन का गारंटीयुक्त रोज़गार प्रदान किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप निर्धारित गुणवत्ता और स्थायित्व की उत्पादक संपत्ति का निर्माण होता है।
      • मनरेगा की संपत्तियों में प्रमुख रूप से खेत, तालाब, रिसाव टैंक, चेक डैम, सड़क की मरम्मत, सिंचाई प्रणाली आदि शामिल हैं।
  • अन्य विशेषताएँ :
    • इसमें शामिल ग्राम पंचायतों द्वारा मनरेगा के तहत कार्यों की प्रकृति को मंजूरी देकर उनकी प्राथमिकता तय की जाती है।
    • मनरेगा के तहत किये गए कार्यों का सामाजिक-लेखांकन (Social Audit)  अनिवार्य है, जिसके परिणामस्वरूप जवाबदेही और पारदर्शिता में विस्तार होता  है।
  • उपलब्धियाँ:
    • वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2.95 करोड़ व्यक्तियों को 5.98 लाख संपत्ति निर्माण कार्य को पूरा करने और 34.56 करोड़ व्यक्ति-दिनों का सृजन करने के लिये काम की पेशकश की गई है।

 दीनदयाल अंत्‍योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM):

  • परिचय:
  • उद्देश्य:
    • इस योजना का उद्देश्य देश में ग्रामीण गरीब परिवारों हेतु कौशल विकास और वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुँच के माध्यम से आजीविका के अवसरों में वृद्धि कर ग्रामीण गरीबी को कम करना है।
  • कार्यप्रणाली:
    • इसमें स्व-सहायतित  उद्देश्यों की पूर्ति के लिये सामुदायिक पेशेवरों के माध्यम से सामुदायिक संस्थाओं  के साथ कार्य किया जाना शामिल है जो DAY-NRLM का एक अनूठा प्रस्ताव है।
    • स्वयं-सहायता संस्थानों और बैंकों के वित्तीय संसाधनों तक पहुँच के माध्यम से अन्य सुविधाओं के साथ-साथ प्रत्येक ग्रामीण गरीब परिवार से एक महिला सदस्य को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) में शामिल कर, उनके प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, उनकी सूक्ष्म-आजीविका योजनाओं को सुविधाजनक बनाना और उन्हें अपनी आजीविका योजनाओं को लागू करने में सक्षम बनाकर सार्वभौमिक सामाजिक लामबंदी के माध्यम से आजीविका को प्रभावित करना है। 
  • उपलब्धियाँ:
    •  वित्त वर्ष 2021 में लगभग 56 करोड़ रुपए का रिवॉल्विंग फंड और कम्युनिटी इनवेस्टमेंट फंड महिला स्वयं सहायता समूहों को जारी किया गया जो कि वित्त वर्ष 2020 की समान अवधि में 32 करोड़ रुपए था। 
    • इस कार्यक्रम के तहत कृषि और गैर-कृषि आधारित आजीविका पर प्रशिक्षण, कोविड प्रबंधन और कृषि-पोषक उद्यानों को बढ़ावा देना शामिल है ।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY):

  • आरंभ: 25 दिसंबर , 2000.
  • उद्देश्य: 
    • इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य निर्धारित मानकों को पूरा करने वाली असंबद्ध बस्तियों को बारहमासी सड़क नेटवर्क प्रदान करना है।
  •  लाभार्थी:
    • इसमें निर्धारित जनसंख्या वाली असंबद्ध बस्तियों को ग्रामीण संपर्क नेटवर्क प्रदान कर ग्रामीण क्षेत्रों का सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण करना शामिल है। योजना के अंतर्गत जनसंख्या का आकार (2001 की जनगणना के अनुसार) मैदानी क्षेत्रों में 500+ और उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी राज्यों, मरुस्थलीय और जनजातीय क्षेत्रों में 250+ निर्धारित किया गया है।  
  • उपलब्धियाँ:
    • विगत 3 वर्षों की में तुलनीय अवधि में इस योजना के तहत सड़कों की सर्वाधिक  लंबाई का निर्माण किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण:

  • आरंभ: 
    •  वर्ष 2022 तक ‘सभी के लिये आवास’ के उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु  1 अप्रैल, 2016 को पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना (Indira Awaas Yojana-IAY) का पुनर्गठन कर उसे  प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) कर दिया गया था।
  • उद्देश्य: 
    • पूर्ण अनुदान सहायता प्रदान करके आवास इकाइयों के निर्माण और मौजूदा गैर-लाभकारी कच्चे घरों के उन्नयन में गरीबी रेखा (बीपीएल) से नीचे रह रहे ग्रामीण लोगों की मदद करना।
  • लाभार्थी:
    • इसके लाभार्थियों में एससी/एसटी, मुक्त बंधुआ मज़दूर और गैर-एससी/एसटी श्रेणियाँ, विधवाओं या कार्रवाई में मारे गए रक्षाकर्मियों के परिजन, पूर्व सैनिक एवं अर्द्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति तथा अल्पसंख्यक शामिल हैं।
    • 2011 की सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना (SECC) से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार लाभार्थियों का चयन किया जाता है।
  • उपलब्धियाँ:
    • वित्त वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के अंतर्गत 5854 करोड़ रुपए का सबसे अधिक व्यय दर्ज किया गया जो वित्त वर्ष 2020 की तुलनीय अवधि के मुकाबले दोगुना है। 

स्रोत: पी.आई.बी.