राज्यों द्वारा खाद्यान्नों की कुल खरीद में वृद्धि | 07 Jul 2020

प्रीलिम्स के लिये 

भारतीय खाद्य निगम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013

मेन्स के लिये

COVID-19 और खाद्यान्नों की कुल खरीद में आई तेज़ी

चर्चा में क्यों?

COVID-19 महामारी के मद्देनज़र राहत उपायों के कारण राज्यों द्वारा खाद्यान्न की खरीद में तेज़ी आई है।

  • केंद्र की विभिन्न योजनाओं के तहत भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India- FCI) द्वारा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से खरीदे जाने वाले चावल की कुल मात्रा वर्ष 2019 में 90.71 लाख टन की तुलना में वर्ष 2020 में 192.34 लाख टन है।

प्रमुख बिंदु:

  • COVID-19 महामारी के कारण केंद्र सरकार द्वारा यह घोषणा की गई थी कि देश में प्राथमिक परिवारों (Priority Household- PHH) एवं अंत्योदय अन्न योजना (Antyodaya Anna Yojana- AAY) कार्डधारकों को प्रति व्यक्ति के हिसाब से प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज मिलेगा। शुरू में यह घोषणा सिर्फ तीन महीने (अप्रैल से जून) तक के लिये की गई थी किंतु अब इसे नवंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया।  
  • केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत कवर नहीं किये गए राशन कार्डधारकों या गैर-प्राथमिकता वाले परिवारों (Non-Priority Household- NPHH) को 21 रुपए प्रति किलोग्राम गेहूँ और 22 रुपए प्रति किलोग्राम चावल प्रदान करने की भी घोषणा की है।
    • केंद्र सरकार की इस घोषणा का उपयोग तमिलनाडु सरकार ने लगभग 85.99 लाख ऐसे कार्डधारकों को चावल का अतिरिक्त अधिकार प्रदान करने के लिये किया है।
  • प्रवासी मज़दूरों की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से जिन्हें NFSA या राज्यों की किसी भी योजना के तहत लाभ नहीं मिल रहा था उनके लिये केंद्र सरकार ने एक अन्य योजना (मई एवं जून महीने के लिये प्रति माह 5 किलो. प्रति व्यक्ति मुफ्त अनाज का वितरण) की घोषणा की है।
  • FCI के आँकड़ों से पता चला है कि सात राज्यों अर्थात् उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु एवं कर्नाटक ने COVID-19 महामारी के दौरान चावल की कुल मात्रा का 60% से अधिक उपयोग किया।
  • गेहूँ के संदर्भ में कुल खरीद की वृद्धि दर इतनी अधिक नहीं थी। वर्ष 2019 के शुरुआती तीन महीनों में यह 59.45 लाख टन की तुलना में वर्ष 2020 में 78.16 लाख टन थी।
    • राज्यों के संदर्भ में राजस्थान ने सबसे अधिक 14.84 लाख टन गेहूँ की खरीद की इसके बाद उत्तर प्रदेश ने 14.01 लाख टन गेहूँ की खरीद की।

राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013:

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत गरीबों को 2 रुपए प्रति किलो. गेहूँ और 3 रुपए प्रति किलो. चावल देने की व्यवस्था की गई है। इस कानून के तहत व्यवस्था है कि लाभार्थियों को उनके लिये निर्धारित खाद्यान्न हर हाल में मिले, इसके लिये खाद्यान्न की आपूर्ति न होने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा भत्ते के भुगतान के नियम को जनवरी 2015 में लागू किया गया।
  • समाज के अति निर्धन वर्ग के हर परिवार को हर महीने अंत्‍योदय अन्‍न योजना में इस कानून के तहत सब्सिडी दरों पर यानी तीन रुपए, दो रुपए, एक रुपए प्रति किलो. क्रमशः चावल, गेहूँ और मोटा अनाज मिल रहा है।
  • पूरे देश में इस कानून के लागू होने के बाद 81.34 करोड़ लोगों को 2 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गेहूँ और 3 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से चावल दिया जा रहा है।
  • जुलाई 2016 तक वैध एनएफएसए के तहत निर्दिष्ट खाद्यान्नों की कीमत – चावल 3 रुपए प्रति किग्रा, गेहूँ 2 रुपए  प्रति किग्रा और मोटा अनाज 1 रुपए प्रति किग्रा को जून 2018 तक जारी रखा गया।
  • वित्त वर्ष 2017-18 (13-12-2017 तक) के दौरान खाद्यान्नों के अंतर-राज्य आवागमन पर किये गए व्यय और उचित दर दुकानों के डीलरों के मार्जिन को पूरा करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को केन्द्रीय सहायता के रूप में 2959.22 करोड़ रुपए जारी किये गए। एनएफएसए के अंतर्गत इस तरह की व्यवस्था पहली बार की गई। 

स्रोत: द हिंदू