ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया के अधिकार | 09 Mar 2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार ने ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया (OCI) से संबंधित अधिकारों की एक समेकित सूची जारी की है।

  • ये अधिकार और प्रतिबंध नए नहीं हैं, बल्कि इन्हें पूर्व में वर्ष 2005, वर्ष 2007 और 2009 में भी अधिसूचित किया गया था। नवंबर 2019 में गृह मंत्रालय द्वारा प्रकाशित एक OCI विवरणिका में भी इनका उल्लेख किया गया था।

प्रमुख बिंदु

एकाधिक प्रवेश आजीवन वीज़ा

  • OCI कार्डधारक किसी भी उद्देश्य के लिये भारत आने हेतु एकाधिक प्रवेश पाने और आजीवन वीज़ा प्राप्त करने के हकदार होंगे।

पूर्व अनुमति

  • OCI कार्डधारकों को अनुसंधान, पत्रकारिता, पर्वतारोहण, मिशनरी या तब्लीगी कार्य और प्रतिबंधित क्षेत्रों के दौरे आदि के लिये पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी।

अनिवासी भारतीयों (NRIs) के साथ समानता

  • OCI कार्डधारक को बच्चा गोद लेने, प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने, कृषि भूमि और फार्महाउस जैसी अचल संपत्ति की खरीद या बिक्री तथा डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट जैसे व्यवसायों के संबंध में अनिवासी भारतीयों (NRIs) के समान अधिकार प्राप्त होंगे।

भारतीय नागरिकों के साथ समानता

  • OCI कार्डधारकों को घरेलू हवाई किराया, स्मारकों और सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश शुल्क के मामले में आम भारतीय नागरिकों के समान अधिकार प्राप्त होंगे।

प्रवेश परीक्षा और प्रवेश

  • OCI कार्डधारक अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाओं जैसे- राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET), संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन्स), संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एडवांस) या ऐसी किसी अन्य परीक्षा में हिस्सा ले सकेंगे, जिनके लिये अनिवासी भारतीय (NRI) पात्र हैं।
  • हालाँकि OCI कार्डधारक भारतीय नागरिकों के लिये विशेष रूप से आरक्षित किसी भी सीट  हेतु  पात्र नहीं होंगे।

अन्य आर्थिक, वित्तीय और शैक्षणिक क्षेत्र

  • अन्य सभी आर्थिक, वित्तीय और शैक्षिक क्षेत्रों के संबंध में जिन्हें नवीनतम अधिसूचना में निर्दिष्ट नहीं किया गया है अथवा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक की अधिसूचनाओं में कवर नहीं किये गए अधिकारों और विशेषाधिकारों के संबंध में OCI कार्डधारक के एक विदेशी व्यक्ति के समान ही अधिकार होंगे।

अपवाद

  • भारत में रहने के लिये OCI कार्डधारकों को क्षेत्रीय विदेशी पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के साथ पंजीकरण से छूट दी गई है।
    • ज्ञात हो कि भारत आने वाले विदेशियों, जिनके पास लंबी अवधि का वीज़ा (180 दिनों से अधिक) है, के लिये क्षेत्रीय विदेशी पंजीकरण कार्यालय (FRRO के साथ पंजीकरण कराना आवश्यक है।

प्रतिबंध

  • OCI कार्डधारकों पर धार्मिक स्थानों पर जाने और धार्मिक प्रवचनों में शामिल होने जैसी सामान्य धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
  • हालाँकि धार्मिक विचारधाराओं का प्रचार करना, धार्मिक स्थानों पर भाषण देना, धार्मिक ऑडियो या वीडियो प्रदर्शित करने, धार्मिक विचारों से संबंधित पुस्तिका के वितरण आदि की अनुमति नहीं होगी।

ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया (OCI)

  • गृह मंत्रालय ने ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया (OCI) को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया है:
    • वह व्यक्ति जो 26 जनवरी, 1950 को अथवा उसके बाद भारत का नागरिक था; 
    • वह व्यक्ति जो 26 जनवरी, 1950 को भारत का नागरिक बनने के योग्य था; 
    • वह ऐसे व्यक्ति की संतान एवं नाती है और अन्य सभी मानदंडों को पूरा करता है।
  • OCI कार्ड नियमों की धारा 7A के अनुसार, एक आवेदक OCI कार्ड हेतु पात्र नहीं होगा यदि वह, उसके माता-पिता या दादा-दादी कभी पाकिस्तान या बांग्लादेश के नागरिक रहे हों। यह श्रेणी वर्ष 2005 में प्रस्तुत की गई थी।
  • नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2015 के माध्यम से भारत सरकार ने वर्ष 2015 में OCI श्रेणी का विलय भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) की श्रेणी के साथ कर दिया गया था।

अनिवासी भारतीय (NRI)

  • अनिवासी भारतीय (NRI) का आशय भारत के बाहर रहने वाले ऐसे व्यक्ति से है, जो या तो भारतीय नागरिक है अथवा भारतीय मूल का है।
    • एक वित्तीय वर्ष में कम-से-कम 183 दिनों के लिये भारत से बाहर रहने वाले भारतीय नागरिक को अनिवासी भारतीय माना जाता है।
  • अनिवासी भारतीयों को मतदान का अधिकार प्राप्त है और उन्हें निवासी भारतीयों की तरह अपनी आय पर आयकर रिटर्न का भुगतान और फाइल करना आवश्यक होता है।
  • हालाँकि यदि कोई अनिवासी भारतीय, विदेशी नागरिकता लेना चाहता है, तो उसे भारतीय नागरिकता छोड़नी होगी, क्योंकि भारतीय संविधान दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है।
  • एक व्यक्ति एक साथ भारतीय तथा विदेशी नागरिकता नहीं प्राप्त कर सकता है।

विदेशी

  • विदेशी अधिनियम, 1946 के अनुसार, विदेशी का आशय एक ऐसे व्यक्ति से है जो भारत का नागरिक नहीं है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद- 14, 20, 21, 21A, 22, 23, 24, 25, 26, 27 और 28 द्वारा गारंटीकृत मौलिक अधिकार सभी व्यक्तियों को उपलब्ध हैं चाहे वे नागरिक हों या विदेशी। अनुच्छेद 15, 16, 19, 29 और 30 द्वारा गारंटीकृत मौलिक अधिकार केवल भारत के नागरिकों को उपलब्ध हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस