डेली अपडेट्स

राज्यपाल को पदच्युत करना | 07 Nov 2022 | भारतीय राजनीति

प्रिलिम्स के लिये:

राज्यपाल को हटाने से संबंधित संवैधानिक प्रावधान

मेन्स के लिये:

राज्यपाल-राज्य संबंधों में असहमति के बिंदु, राज्यपाल को हटाना और विभिन्न आयोगों द्वारा संबंधित सिफारिशें

चर्चा में क्यों?

हाल ही में एक राजनीतिक दल ने तमिलनाडु के राज्यपाल को हटाने का प्रस्ताव पेश किया।

राज्यपाल को कैसे हटाया जा सकता है?

राज्यों और राज्यपाल के बीच असहमति के मामले में क्या होता है?

आगे की राह

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. किसी राज्य के राज्यपाल को निम्नलिखित में से कौन सी विवेकाधीन शक्तियाँ प्राप्त हैं? (2014)

  1. राष्ट्रपति शासन लगाने के लिये भारत के राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजना
  2. मंत्रियों की नियुक्ति
  3. राज्य विधानमंडल द्वारा पारित कुछ विधेयकों को भारत के राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित रखना
  4. राज्य सरकार के कामकाज के संचालन के लिये नियम बनाना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • संविधान के अनुच्छेद 163 के अनुसार, राज्यपाल अपनी शक्तियों का प्रयोग मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से करेगा, सिवाय उन कार्यों के जिनमें उसे विवेकाधिकार प्राप्त है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत किसी राज्य का राज्यपाल भारत के राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज सकता है, जिसमें राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की जा सकती है। यह राज्यपाल को प्रदान की जाने वाली एक विवेकाधीन शक्ति है। अत: कथन 1 सही है।
  • यह मुख्यमंत्री (CM) और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है जो कि उसके प्रसादपर्यंत पद धारण करते हैं। राज्य मंत्रिमंडल में मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल के विवेक पर नहीं होती है। यह केवल औपचारिक रूप से नियुक्ति को मंज़ूरी देता है। इस संदर्भ में विवेकाधिकार मुख्यमंत्री के पास होता है। अत: कथन 2 सही नहीं है।
  • राज्यपाल, राज्य विधानमंडल द्वारा पारित कुछ विधेयकों, जो कि उच्च न्यायालय की स्थिति को ज़ोखिम में डालते हैं, को राष्ट्रपति के विचारार्थ आरक्षित कर सकता है। इसके अलावा उस स्थिति में राज्यपाल भी विधेयक को सुरक्षित रख सकता है यदि यह संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के विपरीत है, देश के हित के खिलाफ एवं गंभीर राष्ट्रीय महत्त्व का है आदि। अतः कथन 3 सही है।
  • यह राज्य सरकार के कामकाज़ के संचालन के लिये नियम बनाता है और मंत्रियों के बीच कार्य का आवंटन करता है लेकिन यह शक्ति राज्यपाल के विवेकाधीन नहीं है। वह मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करता है। अत: कथन 4 सही नहीं है। अतः विकल्प (b) सही है।

मेन्स

प्रश्न. क्या सर्वोच्च न्यायालय का फैसला (जुलाई 2018) उपराज्यपाल और दिल्ली की चुनी हुई सरकार के बीच राजनीतिक संघर्ष को सुलझा सकता है? परीक्षण कीजिये। (2018)

प्रश्न. राज्यपाल द्वारा विधायी शक्तियों के प्रयोग के लिये आवश्यक शर्तों की चर्चा कीजिये। राज्यपाल द्वारा अध्यादेशों को विधायिका के समक्ष रखे बिना पुन: प्रख्यापित करने की वैधता पर चर्चा कीजिये। (2022)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस