पूर्व शिक्षण की मान्यता (RPL) कार्यक्रम | 23 Dec 2020

चर्चा में क्यों?

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (Ministry of Skill Development and Entrepreneurship- MSDE) पंचायती राज विभाग (Department of Panchayati Raj- DoPR) के साथ मिलकर श्रमिकों हेतु ‘पूर्व शिक्षण की मान्यता’ (Recognition of Prior Learning-RPL) नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।

प्रमुख बिंदु:

RPL कार्यक्रम:

  • इसका उद्देश्य कौशल विकास कार्यक्रमों के बेहतर नियोजन और कार्यान्वयन के लिये विकेंद्रीकरण और स्थानीय शासन को बढ़ावा देना है।
  • इसका कार्यान्वयन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (National Skill Development Corporation- NSDC) द्वारा किया जा रहा है।
  • यह औपचारिक माध्यम के इतर अधिग्रहीत शिक्षण के मूल्य को मान्यता देता है और एक व्यक्ति के कौशल के लिये एक सरकारी प्रमाण-पत्र प्रदान करता है।
  • इस कार्यक्रम में उम्मीदवारों को डिजिटल और वित्तीय साक्षरता की अवधारणाओं के लिये तीन वर्ष तक निःशुल्क जोखिम एवं आकस्मिक बीमा कवरेज भी प्रदान किया जाएगा।
  • RPL कार्यक्रम में भाग लेने के लिये किसी भी उम्मीदवार से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है बल्कि प्रत्येक सफल तथा प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को 500 रुपए प्रदान किये जाते हैं।
  • MSDE राज्य कौशल विकास मिशनों (State Skill Development Missions- SSDMs)/ज़िला कौशल समितियों (District Skill Committees- DSCs) के चयन और परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (Project Implementing Agencies- PIAs) की सहायता और कार्यक्रम के सफल निष्पादन की सुविधा प्रदान कर रहा है।
  • इस योजना की निगरानी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय तथा पंचायती राज मंत्रालय द्वारा की जा रही है, इसके लिये उन्हें पंचायती राज निदेशालय, उत्तर प्रदेश और राज्य कौशल विकास मिशन, उत्तर प्रदेश द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है।
  • यह पहल ‘ग्राम पंचायत के स्तर पर कौशल विकास योजना’ (Skill Development Planning at the level of Gram Panchayat) के एक व्यापक कार्यक्रम का हिस्सा है जो देश भर के विभिन्न ज़िलों की ग्राम पंचायतों में संगठित तरीके से RPL को मान्यता देने की शुरुआत पर केंद्रित है।

महत्त्व:

  • हमारे देश की लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण भारत में रहती है, इसलिये  ज़िला कौशल विकास योजनाओं की सफलता के लिये ज़िला पंचायतों का समावेश महत्त्वपूर्ण है। साथ ही इस प्रकार का समावेशन कौशल भारत अभियान के मामले में एक व्यापक स्तर की सुविधा प्रदान करेगा।
  • RPL देश में पहले से मौजूद कार्यबल के कौशल को मानकीकृत ढाँचे के साथ संरेखित करेगा तथा उम्मीदवारों को आत्मविश्वास, सम्मान तथा मान्यता प्रदान प्रदान करेगा।
  • युवाओं के अनौपचारिक शिक्षण की नियम-निष्ठता को समर्थन मिलने से स्थायी आजीविका के अवसर तलाशने जैसे उनके प्रयास पूरे होंगे और दूसरों के ज्ञान पर आधारित विशेषाधिकार जैसी असमानताओं को कम किया जा सकेगा।
  • यह प्रशिक्षुओं के कौशल को पहचानने के अलावा उन्हें ग्राम पंचायत के विकास कार्यों के कारण सृजित कार्य अवसरों से भी जोड़ेगा।
  • ग्राम पंचायत स्तर पर कौशल विकास की योजना से सही अर्थों में विकेंद्रीकरण में योगदान मिलेगा।

आजीविका संवर्द्धन के लिये कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता (SANKALP) योजना 

यह कौशल विकास उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) का एक परिणाम आधारित केंदीय प्रायोजित कार्यक्रम है जिसका विशेष फोकस विकेंद्रित, विनियोजन एवं गुणवत्ता सुधार पर है। 

  • यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जो विश्व बैंक के सहयोग से तैयार की गई है।
  • इसका उद्देश्य राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन (NSDM) के अधिदेश को कार्यन्वित करना है। 
  • यह केंद्रीय एवं राज्य दोनों ही एजेंसियों को शामिल करते हुए समग्र कौशल निर्माण प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करती है। 
  • इसके तहत चार प्रमुख परिणाम क्षेत्रों की पहचान की गई है जो इस प्रकार हैं: 
    • संस्थागत सुदृढ़ीकरण (राष्ट्रीय, राज्य एवं ज़िला स्तर पर); 
    • कौशल विकास कार्यक्रमों का गुणवत्तापूर्ण आश्वासन; 
    • कौशल विकास में अधिकार विहीन आबादी का समावेश ;
    • सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) के ज़रिये कौशलों को विस्तारित करना।

स्रोत: पी.आई.बी.