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RBI खरीदेगा सरकारी प्रतिभूतियाँ | 18 Oct 2018 | भारतीय अर्थव्यवस्था

संदर्भ

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने टिकाऊ लिक्विडिटी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये खुले बाज़ार परिचालन (OMO) के तहत 120 बिलियन डॉलर की सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने की घोषणा की है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

♦ परिसंपत्तियों और देनदारियों के बीच अस्थायी विसंगतियों से अल्प-कालिक या अस्थायी लिक्विडिटी उत्पन्न होती है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिये बैंक मुद्रा बाजार का इस्तेमाल करते हैं।
♦ एक साल की अवधि में कुल विदेशी संपत्तियों और शुद्ध घरेलू परिसंपत्तियों की संवृद्धि को व्यवस्थित करते हुए दीर्घकालिक या टिकाऊ लिक्विडिटी की आवश्यकता को पूरा किया जाता है।

सरकारी प्रतिभूतियाँ (G-Sec)

ई-कुबेर

  • यह भारतीय रिज़र्व बैंक का कोर बैंकिंग समाधान है जिसे 2012 में पेश किया गया था।
  • कोर बैंकिंग समाधान (CBS) को ऐसे समाधान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो बैंकों को एक ही स्थान से 24x7 आधार पर ग्राहक-केंद्रित सेवाएँ प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
  • इस प्रकार केंद्रीकरण वित्तीय सेवाओं हेतु सुविधा मुहैया कराता है। कोर बैंकिंग समाधान (CBS) का उपयोग करके ग्राहक अपने खातों को किसी भी शाखा से, किसी भी जगह से एक्सेस कर सकते हैं। 
  • ई-कुबेर प्रणाली को या तो INFINET या इंटरनेट के द्वारा एक्सेस किया जा सकता है। INFINET सदस्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों के विशेष उपयोग के लिये क्लोज़्ड यूज़र ग्रुप नेटवर्क है और राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली के संचार हेतु रीढ़ की हड्डी है।