आरबीआई अधिसूचना: 'डीबीटी मोड के माध्यम से दिये जाएंगे अल्पकालिक सब्सिडीयुक्त फसल ऋण' | 08 Jun 2018

चर्चा में क्यों ?

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष से ₹3 लाख तक के अल्पकालिक फसल ऋण पर ब्याज सब्सिडी योजना प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • सरकार ने अल्पकालिक ऋणों पर ब्याज अनुदान हेतु 2018-19 के लिये ₹15,000 करोड़ निर्धारित किये हैं।
  • एक अधिसूचना में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कहा गया है कि ब्याज अनुदान योजना (आईएसएस) 2018-19 को पूर्व में लागू प्रावधानों के आधार पर ही अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और उत्तर-पूर्व क्षेत्र तथा अन्य क्षेत्रों में क्रियान्वित किया जाएगा।
  • कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने आरबीआई को सूचित किया है कि उसने ब्याज अनुदान योजना 2018-19 के क्रियान्वयन हेतु प्रक्रिया शुरू कर दी है।
  • अधिसूचना में कहा गया है कि अंतरिम उपाय के रूप में ब्याज अनुदान योजना को 2018-19 में तब तक 2017-18 के नियम व शर्तों पर चलाया जाएगा, जब तक नए दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हो जाते।
  • इस योजना के अनुसार, किसान ₹3 लाख तक का अल्पकालिक ऋण 7 प्रतिशत की सब्सिडीयुक्त ब्याज दर पर पा सकते हैं। 
  • फसल ऋण राशि पर 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान की गणना ऋण दिये जाने के तारीख से लेकर किसान द्वारा पुनर्भुगतान की तिथि या बैंक द्वारा निर्धारित ऋण की देय तिथि,जो भी पहले हो (अधिकतम एक वर्ष), तक की जाएगी।
  • आरबीआई की अधिसूचना में बैंकों से लाभार्थियों के कैटेगरी वाइज डाटा (सामान्य, एससी, एसटी आदि) तैयार करने का आदेश दिया गया है, ताकि इस डाटा को आईएसएस पोर्टल पर अपडेट किया जा सके और सबंधित दावों का निराकरण किया जा सके।