राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान | 27 Jan 2020

प्रीलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान में मौजूद विसंगतियाँ

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (Rashtriya Uchchatar Shiksha Abhiyan- RUSA) के क्रियान्वयन में कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।

मुख्य बिंदु:

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development- MoHRD) ने एक पूर्व संयुक्त सचिव तथा ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज़’ (Tata Institute of Social Sciences- TISS) के एक प्रोफेसर द्वारा RUSA के कार्यान्वयन में किये गए कथित भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister’s Office- PMO) से संपर्क किया है।

पृष्ठभूमि:

  • केंद्र सरकार द्वारा अक्तूबर 2013 में RUSA को प्रारंभ किया गया था।
  • RUSA का उद्देश्य राज्यों में उच्चतर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न प्रयास करना है।
  • इस अभियान के तहत राज्यों के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में समानता, सभी की पहुँच और उत्कृष्टता बढ़ाने के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
  • वर्ष 2016-17 से केंद्र सरकार RUSA पर हर साल औसतन 1,500 करोड़ रुपए खर्च करती है।

क्या है मामला:

  • वर्ष 2019 में TISS द्वारा किये गए एक ऑडिट में केरल काडर के एक आईएएस अधिकारी द्वारा RUSA फंड के 23 लाख रुपए को निजी यात्राओं में खर्च किये जाने का मामला सामने आया था।
  • ऑडिट में यह भी खुलासा हुआ था कि RUSA के नेशनल को-ऑर्डिनेटर (National Co-ordinator) ने कथित तौर पर योजना फंड से 2.02 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता को अंजाम दिया था।
  • RUSA के नेशनल को-ऑर्डिनेटर ने 1.26 करोड़ रुपए के खर्च दिखाने के लिये हाथ से लिखे टैक्सी बिल जमा किये थे।
  • मंत्रालय ने आरोपित अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिक जाँच भी शुरू कर दी है।
  • हालाँकि ऑडिट के खुलासे के बाद दोनों आरोपित अधिकारियों ने कुछ धन TISS को वापस कर दिया था।

क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी?

  • नवंबर 2013 से TISS इस अभियान को क्रियान्वित करने वाली एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है।
  • TISS के साथ हुए केंद्र सरकार के समझौते के अनुसार, यह संस्था MoHRD को RUSA के क्रियान्वयन में हुए व्यय के संबंध में जानकारी देती है तथा प्रतिपूर्ति (Reimbursement) संबंधी दावे पेश करती है।

आगे की राह:

  • कथित भ्रष्टाचार संबंधी ऐसे कदम राज्यों में उच्च शिक्षण संस्थानों के कामकाज को सुव्यवस्थित करने के केंद्र के प्रयासों को कमज़ोर करते हैं।
  • RUSA का लक्ष्य निर्धारित मानदंडों और मानकों को सुनिश्चित करके उच्च शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता में सुधार करना है।
  • देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिये प्रारंभ किये गए RUSA जैसे अभियानों की उचित निगरानी की जानी चाहिये तथा संबंधित अधिकारियों एवं ज़िम्मेदार व्यक्तियों को भी नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए इन योजनाओं के परिणामों को सकारात्मक रूप में बदलने का प्रयास करना चाहिये।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस