Rapid Fire करेंट अफेयर्स (23 September) | 23 Sep 2019

  • 22 सितंबर को गैंडों की देखरेख, सुरक्षा और संरक्षण में जागरूकता फैलाने के लिये विश्व गैंडा दिवस (World Rhino Day) मनाया जाता है। गैंडा स्तनपायी और पूरी तरह शाकाहारी प्राणी है। विश्व में गैंडे की पाँच प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से दो अफ्रीका में तथा तीन दक्षिण एशिया के देशों में मिलती हैं। एशियाई गैंडों में भारतीय गैंडा आकार में सबसे बड़ा होता है। भारतीय गैंडा पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत से लेकर नेपाल, भूटान, भारत और म्याँमार में पाया जाता था लेकिन वर्तमान में यह भारत के असम में स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क में पाये जाते हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के दुधवा नेशनल पार्क में कुछ गैंडे भी पाए जाते हैं। भारत में गैंडे वर्ष 1850 तक बंगाल और उत्तर प्रदेश के तराई इलाके में भी में पाए जाते थे। विदित हो कि सर्वप्रथम वर्ष 2010 में विश्व वन्य जीव कोष-अफ्रीका ने 22 सितंबर को 'विश्व गैंडा दिवस’ मनाने की शुरुआत की थी। भारत में गैंडों के संरक्षण तथा प्रजनन को बढ़ावा देने के लिये बिहार की राजधानी पटना में केंद्र सरकार के सहयोग से भारत का पहला राष्ट्रीय गैंडा प्रजनन एवं संरक्षण केंद्र बनाया गया है।
  • हाल ही में DRDO का एक मानवरहित विमान कर्नाटक में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस मानवरहित विमान ने चित्रदुर्ग टेस्ट रेंज से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के बाद एयरक्राफ्ट के सिस्टम में कुछ खराबी आ गई और क्रैश हो गया। TAPAS प्रायोगिक मानव रहित विमान उस समय परीक्षण उड़ान पर था। मानवरहित विमान एयरक्राफ्ट बिना किसी पायलट के उड़ सकता है, इसका उपयोग निगरानी और रक्षा से जुड़े कार्यों में किया जाता है, लेकिन अब सैन्य और व्यापारिक कार्यों में भी इसका इस्तेमाल होने लगा है। मौसम की जानकारी के लिये भी इसका उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। युद्धक क्षमता वाले स्वदेशी ड्रोन रुस्तम-2 (तापस 201) का पहला सफल परीक्षण वर्ष 2016 में किया गया था। तापस 201 मध्य ऊँचाई पर लंबी अवधि तक उड़ने वाला का मानवरहित विमान है। यह 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है तथा इस मानवरहित यान को अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की भाँति मानवरहित लड़ाकू यान के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है।
  • हाल ही में गूगल ने अपने गूगल फॉर इंडिया इवेंट में बंगलूरू में नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेंटर गूगल रिसर्च इंडिया' खोलने का ऐलान किया। इस नए प्रोजेक्ट का फोकस देश में एडवांस कंप्यूटर साइंस रिसर्च को बढ़ावा देने पर होगा। इसका उद्देश्य AI की सुविधाओं को सभी तक पहुँचाना है और यह देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को आगे बढ़ाने के लिये विभिन्न उद्योगों, विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों और शोधकर्त्ताओं के साथ काम करेगा।

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संकट की स्थिति में लोगों की मदद करने के लिये गूगल की तकनीक काफी उन्नत है। भारत में अपने साझेदारों के साथ गूगल AI-संचालित बाढ़ के पूर्वानुमानों में पहले ही से निवेश कर रहा है। इससे पहले गूगल ने अपने गूगल स्टेशन प्लेटफॉर्म के तहत 4,000 स्थानों को जोड़ा है। साथ ही गूगल ने गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र के गाँवों में BSNL के साथ मिलकर कनेक्टिविटी की भी पेशकश की थी।

  • इस वर्ष सबसे ज़्यादा पसंद की गई फिल्मों में से एक 'गली बॉय’ को बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में 92वें एकेडमी अवॉर्ड्स के लिये भारत की ऑफिशियल एंट्री के रूप में चुना गया है। रणवीर सिंह और आलिया भट्ट अभिनीत इस फिल्म का निर्देशन जोया अख्तर ने किया है। इस फिल्म का प्रीमियर बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में हुआ था और इसे मेलबर्न के इंडियन फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड भी मिला था। पौड़ी गढ़वाल जिले के एक बुजुर्ग किसान की मेहनत पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मोती बाग ऑस्कर के डॉक्यूमेंट्री खंड के लिये नामित की गई है। डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘मोती बाग’ को केरल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय डॉक्युमेंट्री फिल्म महोत्सव में भी अवॉर्ड मिल चुका है। यह उत्तराखंड से पहली डॉक्यूमेंट्री फिल्म है जो ऑस्कर की रेस में पहुँची है। एकेडमी अवार्ड्स को ऑस्कर पुरस्कारों के नाम से जाना जाता है तथा फिल्म व्यवसाय से जुड़े सर्वश्रेष्ठ निर्देशकों, कलाकारों, लेखक व तकनीशियनों को दिया जाने वाला यह प्रतिष्ठित सालाना पुरस्कार है। 16 मई, 1929 को इसका पहला पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया था।
  • अमेरिका के जेम्स डायसन फाउंडेशन ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन, अहमदाबाद की अश्वती सतीसन (Ashwathy Satheesan) को जेम्स डायसन अवॉर्ड, 2019 से सम्मानित किया है। 22-वर्षीय अश्वती सतीसन ने पार्किंसंस रोग से पीड़ित लोगों के लिये पेन जैसा उपकरण फ्लेओ (Fleo) बनाया है, जो इस रोग पार्किंसंस पीड़ित लोगों को लिखने और ड्राइंग करने में मदद करेगा। अश्वती ने कंपन प्रभावों को स्थिर करने और कम करने के लिये जाइरोस्कोपिक सिद्धांतों का उपयोग किया है, जिससे अधिक आत्मविश्वास और कुशल लेखन या ड्राइंग की सुविधा मिलती है। इस पेन में तांबे की रिंग रोटर के रूप में बैटरी के साथ मोटर से जुड़ी होती है। जेम्स डायसन अवार्ड्स ड्समें 1 लाख 80 हजार से लेकर 27 लाख रुपये तक की राशि इनाम में दी जाती है। विदित हो कि इंजीनियरिंग, प्रोडक्ट डिज़ाइनिंग और इंडस्ट्रियल डिज़ाइनिंग की शिक्षा हासिल कर रहे विद्यार्थी या फिर इन विषयों में हाल ही में स्नातक शिक्षा पूरी करने वाले विद्यार्थी इस अवॉर्ड के लिये आवेदन कर सकते हैं। वर्ष 2004 से जेम्स डायसन पुरस्कारों की शुरुआत हुई।