Rapid Fire करेंट अफेयर्स (05 October) | 05 Oct 2019

1. रिज़र्व बैंक ने रेपो दर में की कमी; विकास दर अनुमान भी घटाया

  • भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करते हुए इसे 5.4 प्रतिशत से घटाकर 5.15 प्रतिशत कर दिया है।
  • रिवर्स रेपो दर भी घटाकर 4.9 प्रतिशत और बैंक दर 5.4 प्रतिशत कर दी गई है।
  • इस वर्ष बैंक ने लगातार पाँचवीं बार रेपो दर में कमी की है।
  • रेपो दर में कमी का उद्देश्‍य आवास और वाहन ऋण की दरों में कमी लाना है जो अब इस दर के साथ सीधे जुड़ गए हैं।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिये उदार नीति जारी रखने का फैसला किया है ताकि महंँगाई नियंत्रण में रहे।

विकास दर अनुमान घटाया

रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2019-20 के लिये GDP विकास दर का अनुमान 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है। वर्ष 2020-21 के लिये यह अनुमान संशोधित करके 7.2 प्रतिशत कर दिया गया है।

IMF ने भी घटाया था विकास दर का अनुमान

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी वित्त वर्ष 2019-20 के लिये भारत की विकास दर के अनुमान को घटाया था। IMF ने वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था, जिसमें 0.30 प्रतिशत की कटौती की गई है। इस संदर्भ में IMF का कहना है कि कॉर्पोरेट और विनियमन अनिश्चितताओं तथा कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं की कमज़ोरी के कारण भारत की आर्थिक विकास दर अनुमान से अधिक कमज़ोर हुई है।

ADB ने भी की थी कटौती

एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भी वित्त वर्ष 2019-20 के लिये भारत के विकास अनुमान में कमी करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत कर दिया था। ADB ने एशियाई विकास परिदृश्य 2019 अपडेट में वित्त वर्ष 2019-20 के लिये भारत का GDP विकास अनुमान घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था।


2. 94वांँ सैन्य नर्सिंग सेवा स्थापना दिवस

  • 1 अक्तूबर को 94वांँ सैन्य नर्सिंग सेवा (Military Nursing Service- MNS) स्थापना दिवस मनाया गया।
  • MNS सशस्त्र बलों का एकमात्र महिला कोर है।
  • तत्कालीन बंबई में 10 प्रशिक्षित ब्रिटिश नर्सों के पहले आगमन के साथ 28 मार्च, 1888 को यह अस्तित्व में आया था।
  • इसकी स्थापना भारत के सैन्य अस्पतालों में नर्सिंग गतिविधियों के लिये की गई थी।
  • वर्ष 1893 में इसका नाम इंडियन आर्मी नर्सिंग सर्विस (IANS) रखा गया और वर्ष 1902 में इसे क्वीन एलेक्जांड्रा मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (QAMNS) कर दिया गया था।
  • वर्ष 1914 में पहली बार नर्सों को भारत में पंजीकृत किया गया और उन्हें QAMNS से जोड़ा गया था।
  • 1 अक्तूबर, 1926 को भारतीय टुकड़ियों के लिये एक स्थायी नर्सिंग सेवा बनाई गई और उसे इंडियन मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (IMNS) नाम दिया गया।
  • 15 सितंबर, 1943 को IMNS अधिकारी भारतीय सेना के अधिकारी बने और उन्हें कमीशन अधिकारी बनाया गया।
  • MNS का नेतृत्व सेना मुख्यालय में ADG MNS द्वारा किया जाता है, जो मेजर जनरल का पद होता है।
  • इसी तरह कमान स्तर पर इसका नेतृत्व ब्रिगेडियर MNS द्वारा किया जाता है। यह ब्रिगेडियर के पद के बराबर होता है।

सैन्य नर्सिंग सेवा की उपलब्धियाँ

  • 1947, 1965, 1971 और 1999 में पाकिस्तान के साथ हुए चार युद्धों में सैन्य नर्सिंग सेवा के अधिकारियों ने बीमार और घायल जवानों की देखभाल में प्रमुख भूमिका निभाई। वर्ष 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में इस सेवा का अप्रतिम योगदान रहा।
  • इसके अलावा सैन्य सेवा के अधिकारियों ने श्रीलंका में भारतीय शांति सेवा एवं अन्य शांति सेवा मिशनों के दौरान योगदान दिया है।
  • वर्तमान में सैन्य नर्सिंग सेवा के अधिकारी गड़बड़ी वाले राज्यों जम्मू-कश्मीर एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों तथा संयुक्त राष्ट्र मिशनों में तैनात किये गए हैं।
  • उल्लेखनीय सेवाओं, समर्पण और विशिष्ट योगदान के लिये सैन्य नर्सिंग सेवा के अधिकारियों को अब तक 3 परम विशिष्ट सेवा मेडल, 17 अतिविशिष्ट सेवा मेडल, 45 विशिष्ट सेवा मेडल तथा 3 सेना मेडल से सम्मानित किया गया है।

3. विश्व पशु दिवस (World Animal Day)

  • हर साल दुनिया भर में 4 अक्तूबर का दिन विश्व पशु दिवस (World Animal Day) के रूप में मनाया जाता है।
  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में जानवरों की स्थिति में सुधार लाने और उसे बेहतर बनाना है।
  • इस दिवस के माध्यम से पशु कल्याण आंदोलन को एकजुट करने के लिये लोगों को जागरूक करना भी इसका एक अन्य प्रमुख उद्देश्य है।
  • इसका एक उद्देश्य यह भी है कि धरती को जानवरों के लिये एक बेहतर स्थान बनाया जा सके।

कैसे हुई शुरुआत

  • विश्व पशु दिवस मनाने की शुरुआत स्त्री रोग विशेषज्ञ हेनरिक ज़िमरमन (Heinrich Zimmermann) ने की थी।
  • उन्होंने 24 मार्च 1925, को बर्लिन, जर्मनी के स्पोर्ट्स पैलेस में पहला विश्व पशु दिवस आयोजित किया था।
  • इस पहले कार्यक्रम में 5000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था। यह कार्यक्रम मूल रूप से 4 अक्तूबर के लिये निर्धारित किया गया था।
  • ऐसा असीसी के सेंट फ्रांसिस (Saint Francis of Assisi) के पर्व के साथ संरेखित करने के लिये किया गया था, लेकिन उस दिन इतने लोगों के लिये स्थान उपलब्ध नहीं था।
  • वर्ष 1929 में पहली बार इस कार्यक्रम को 24 मार्च की जगह 4 अक्तूबर को मनाया गया।
  • नेचर वॉच फाउंडेशन (Nature Watch Foundation) भागीदारी को प्रोत्साहित करता है और इस दिवस को पूरी दुनिया में आयोजित करने में मदद करता है।

भारत में क्या है स्थिति

  • पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम, 1960 के स्थान पर नया कानून/कानून में बदलाव लाने की तैयारी।
  • पशु क्रूरता मामले में अभी लोग जुर्माना देने से डरते नहीं हैं, क्योंकि यह केवल 50 रुपए है, जबकि ऑस्ट्रेलिया में इसके लिये 5 साल जेल व 25 लाख रुपए तक ज़ुर्माना लगाया जाता है।
  • देश में पशु क्रूरता के लचर कानूनों और मामूली जुर्माने के कारण जानवरों पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़े हैं।
  • पशु क्रूरता रोकथाम के लिये वर्ष 2013 में जीवित पशुओं के चिकित्सा शिक्षा में प्रयोग पर पाबंदी लगाईं गई।
  • वर्ष 2017 में कुत्ते-बिल्ली, मछली और अन्य पशुओं के पालन-पोषण नियम जारी किये गए।
  • इसके अलवा 750 किलोग्राम से अधिक सामान को घोड़ा-भैंसा-बैलगाड़ी से ले जाने पर रोक है तथा 12 से 3 बजे के बीच तेज़ धूप में जानवरों से काम नहीं करा सकते।