Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 जून, 2020 | 24 Jun 2020

पीएम केयर्स फंड के तहत धनराशि का आवंटन 

हाल ही में पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट (PM CARES Fund Trust) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों में सरकार द्वारा चलाए जा रहे COVID-19 समर्पित अस्पतालों को 50,000 ‘मेड इन इंडिया’ वेंटिलेटर की आपूर्ति के लिये 2,000 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं। इसके अतिरिक्त प्रवासी कामगारों के कल्याण के लिये 1,000 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की गई है। उल्लेखनीय है कि अभी तक कुल 2,923 वेंटिलेटर बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 1,340 वेंटिलेटरों की आपूर्ति राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों को कर दी गई है। वेंटिलेटर प्राप्त करने वाले प्रमुख राज्यों में महाराष्ट्र (275), दिल्ली (275), गुजरात (175), बिहार (100), कर्नाटक (90) और राजस्थान (75) आदि शामिल हैं। जून, 2020 के अंत तक सभी राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों को अतिरिक्त 14,000 वेंटिलेटर की आपूर्ति कर दी जाएगी। इसके अलावा प्रवासी कामगारों के कल्याण के लिये राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों को 1,000 करोड़ रुपए की धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है। इस सहायता को प्रवासियों के आश्रय, भोजन, चिकित्सा उपचार और परिवहन की व्यवस्था आदि में उपयोग किया जाना है। इस धनराशि को प्राप्त करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र (181 करोड़ रुपए), उत्तर प्रदेश (103 करोड़ रुपए), तमिलनाडु (83 करोड़ रुपए), गुजरात (66 करोड़ रुपए), दिल्ली (55 करोड़ रुपए), पश्चिम बंगाल (53 करोड़ रुपए), बिहार (51 करोड़ रुपए), मध्य प्रदेश (50 करोड़ रुपए) राजस्थान (50 करोड़ रुपए) और कर्नाटक (34 करोड़ रुपए) आदि प्रमुख हैं।

इंदिरा रसोई योजना

राजस्थान सरकार जल्द ही राजस्थान में गरीबों और ज़रूरतमंदों को रियायती दरों पर दो वक्त का पौष्टिक भोजन प्रदान करने के लिये पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर एक नई रसोई योजना शुरू करेगी। आधिकारिक सूचना के अनुसार, राज्य सरकार ‘इंदिरा रसोई योजना’ पर प्रत्येक वर्ष तकरीबन 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के अनुसार, राज्य सरकार की ‘इंदिरा रसोई योजना’ राज्य के किसी भी व्यक्ति को भूखा न रहने देने के सरकार के वादे को पूरा करेगी। ध्यातव्य है कि इस योजना के कार्यान्वयन के लिये गैर-सरकारी संगठनों (Non-Governmental Organisations- NGOs) को चुना जाएगा और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) की मदद से कार्यान्वयन की प्रभावी निगरानी की जाएगी। इस योजना के लिये अभी तक भोजन का शुल्क तय नहीं किया गया है, हालाँकि भोजन राज्य की प्रत्येक नगरपालिका क्षेत्र की आवश्यकताओं और स्वाद को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पूर्व, दिसंबर 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तमिलनाडु की ‘अम्मा कैंटीन’ (Amma Canteen) की तर्ज पर क्रमशः 5 रुपए और 8 रुपए में नाश्ता और दोपहर का भोजन प्रदान वाली योजना 'अन्नपूर्णा रसोई योजना' (Annapurna Rasoi Yojana) शुरू की थी। हालाँकि इसी वर्ष 31 मार्च को ‘अन्नपूर्णा रसोई योजना’ का कार्यकाल समाप्त हो गया था।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 जून को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस (International Olympic Day) का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मानवीय जीवन में खेल के महत्त्व को चिह्नित करना और दुनिया भर में खेल और खेलों में भागीदारी को बढ़ावा देना है। ध्यातव्य है कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (International Olympic Committee) की स्थापना 23 जून, 1894 को पेरिस में की गई थी, इसी को ध्यान में रखते हुए 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के स्थापना दिवस को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। इस अवसर पर विश्व के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, जिसमें प्रत्येक वर्ग के लोग और  खिलाड़ी शामिल होते हैं। 23 जून, 1894 को IOC की स्थापना की गई थी और यह ओलंपिक का सर्वोच्च प्राधिकरण है। यह एक गैर-लाभकारी स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो खेल के माध्यम से एक बेहतर विश्व के निर्माण के लिये प्रतिबद्ध है। यह ओलंपिक खेलों के नियमित आयोजन को सुनिश्चित करता है, सभी संबद्ध सदस्य संगठनों का समर्थन करता है और उचित तरीकों से ओलंपिक के मूल्यों को बढ़ावा देता है। वर्ष 1948 से हर चार वर्ष में एक बार ओलंपिक आयोजित होते हैं।

चीन के उपकरणों का प्रयोग नहीं करेगा भारतीय भारोत्तोलन महासंघ

भारत-चीन के संबंधों के बीच तनाव को देखते हुए, देश में चीन विरोधी स्वर काफी तेज़ हो गए हैं। ऐसे में भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (Indian Weightlifting Federation-IWF) ने चीन से आने वाले उपकरणों का प्रयोग न करने का निर्णय लिया है। भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) ने भारतीय खेल प्राधिकरण (Sports Authority of India-SAI) को पत्र लिखकर इस संबंध में सूचना दी है। भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) के अनुसार, कुछ समय पूर्व महासंघ ने चीन से कुछ उपकरण मँगाए थे, किंतु वे सभी उपकरण खराब निकले हैं। ध्यातव्य है कि वर्तमान में भारतीय टीम स्वीडन में बने उपकरणों के साथ अभ्यास कर रही है। भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) की घोषणा के अनुसार, IWF द्वारा भविष्य में अब केवल भारतीय या अन्य देशों (चीन के अलावा) की कंपनियों द्वारा निर्मित उपकरणों का प्रयोग ही किया जाएगा। भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) भारत में भारोत्तोलन के लिये नियंत्रित निकाय है। भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) का गठन वर्ष 1935 में किया गया था।