Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 मार्च, 2020 | 21 Mar 2020

विश्व गौरेया दिवस 2020

प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को दुनिया भर में विश्व गौरेया दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य गौरेया के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उसके संरक्षण की दिशा में कार्य करना है। ध्यातव्य है कि गौरेया की आबादी में तेज़ी से आ रही गिरावट को देखते हुए भारतीय पर्यावरणवविद् मोहम्मद दिलावर की नेचर फॉरएवर सोसायटी (Nature Forever Society) द्वारा इस दिवस की शुरुआत की गई थी। विश्व गौरेया दिवस पहली बार वर्ष 2010 में मनाया गया था। गौरेया भारत में पाई जाने वाली एक सामान्य चिड़िया है, किंतु बीते कुछ वर्षों में यह देश के शहरी क्षेत्रों में विलुप्ति के कगार पर है। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में बीते 40 वर्षों में अन्य पक्षियों की संख्या में वृद्धि हुई है, किंतु गौरेया की संख्या में 60 प्रतिशत की कमी आई है। दुनिया भर में गौरैया की 26 प्रजातियाँ हैं, जबकि उनमें से 5 भारत में पाई जाती हैं।

‘वंडरचिकन’ (Wonderchicken)

जीवाश्मविज्ञानी (Palaeontologists) के एक अंतर्राष्ट्रीय समूह ने आधुनिक पक्षी के सबसे पुराने जीवाश्म की पहचान की है। खोजकर्त्ताओं ने इस जीवाश्म को ‘वंडरचिकन’ (Wonderchicken) नाम दिया है। इस जीवाश्म में पक्षी की लगभग संपूर्ण खोपड़ी शामिल है। खोजकर्त्ताओं के अनुमानों के अनुसार, यह जीवाश्म डायनासोर की समाप्ति से भी लाखों वर्ष पहले का है। खोजकर्त्ताओं का मानना है कि इस नए जीवाश्म की खोज से दुनिया भर के शोधकर्त्ताओं को यह समझने में मदद मिलेगी कि क्रीटेशस अवधि (Cretaceous Period) के अंत में पक्षी बड़े पैमाने पर विलुप्त होने से बच गए, जबकि विशालकाय डायनासोर ऐसा नहीं कर सके। जीवाश्म में प्राप्त खोपड़ी के विस्तृत विश्लेषण के अनुसार, इसकी विभिन्न विशेषताएँ आधुनिक मुर्गी और बत्तख जैसे पक्षियों के समान हैं।

पी.के. बनर्जी

भारत के प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी प्रदीप कुमार बनर्जी का 83 वर्ष की उम्र में कोलकाता में निधन हो गया है। 23 जून, 1936 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी शहर में जन्मे पी.के. बनर्जी को वर्ष 1961 में अर्जुन पुरस्कार और वर्ष 1990 में पद्मश्री से नवाज़ा जा चुका है। इसके अलावा पी.के. बनर्जी वर्ष 1962 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे, उन्होंने फाइनल मुकाबले में भारत के लिये गोल भी किया था। पी.के. बनर्जी ने अपने संपूर्ण करियर में भारत की ओर से कुल 84 मैच खेले थे, जिसमें उन्होंने कुल 65 गोल किये। इसके अलावा पी.के बनर्जी ने तीन बार एशियाई खेलों में और 2 बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। भारतीय फुटबॉल में पी.के. बनर्जी के योगदान की सराहना करते हुए फीफा (FIFA) ने वर्ष 2004 में अपने सौ साल पूरे होने पर उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ मेरिट’ से सम्मानित किया था। उल्लेखनीय है कि यह फीफा का सर्वोच्च सम्मान है।

‘स्वावलंबन एक्सप्रेस’

हाल ही में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (Small Industries Development Bank of India-SIDBI) ने उद्यमियों के लिये ‘स्वावलंबन एक्सप्रेस’ शुरू करने की घोषणा की है। आधिकारिक सूचना के अनुसार, स्वावलंबन एक्सप्रेस 5 जून, 2020 को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) से चलेगी और 11 उद्यमशील शहरों की यात्रा करेगी जिसमें जम्मू, दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई, बंगलूरु, हैदराबाद, भुवनेश्वर, कोलकाता और वाराणसी शामिल हैं। स्वावलंबन एक्सप्रेस 15 दिनों में 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस दौरान कई कार्यशालाएँ और कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जिनका उद्देश्य युवाओं में उद्यमी संस्कृति को बढ़ावा देना है।