Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 अप्रैल, 2020 | 18 Apr 2020

डाक कर्मचारियों के लिये क्षतिपूर्ति

COVID-19 की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Communications and Information Technology) ने ग्रामीण डाक सेवक (Gramin Dak Sevak-GDS) सहित सभी डाक कर्मचारियों को कर्तव्य निवर्हन के दौरान बीमारी का शिकार हो जाने पर 10 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति का भुगतान करने का निर्णय लिया है। ये दिशा-निर्देश जल्द प्रभावी हो जाएंगे और COVID-19 संकट की समाप्ति तक के लिये लागू रहेंगे। ध्यातव्य है कि गृह मंत्रालय ने डाक विभाग को अनिवार्य सेवाओं के रूप में मान्यता दी है। ग्रामीण डाक सेवक सहित डाक कर्मचारी ग्राहकों को मेल डिलीवरी, डाक घर बचत बैंक, डाक जीवन बीमा देने जैसे विभिन्न दायित्त्वों का निर्वाह कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, डाक घर स्थानीय राज्य प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर देश भर में COVID-19 किट, फूड पैकेट, राशन एवं अनिवार्य दवाओं आदि की डिलीवरी भी कर रहे हैं। इस प्रकार, डाक विभाग अपने सामान्य कर्तव्यों के निर्वहन के साथ साथ COVID-19 संकट से लड़ने में भी अपना योगदान दे रहा है।

विश्वनाथन आनंद

हाल ही में विश्व प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को ‘वर्ल्ड वाइड फंड- इंडिया’ (World Wide Fund-India) के पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया है। इस पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1976 में की गई थी। इस कार्यक्रम के तहत देश के युवाओं, स्कूली बच्चों और नागरिकों को पर्यावरण के बारे में जागरूक किया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समस्या हल करने में सक्षम, महत्त्वपूर्ण विचारकों और पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिकों का निर्माण करना है। वर्ल्ड वाइड फंड (WWF) का गठन वर्ष 1961 में किया गया था। WWF पर्यावरण के संरक्षण, अनुसंधान एवं रख-रखाव जैसे विषयों से संबद्ध कार्य करता है। इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) में स्थित है। वर्ल्ड वाइड फंड का प्रमुख उद्देश्य पृथ्वी के वातावरण के क्षरण को रोकते हुए एक ऐसे भविष्य का निर्माण करना है जिसमें प्रकृति और मनुष्य एक साथ समन्वय स्थापित कर सकें। 11 दिसंबर, 1969 को तमिलनाडु के मयिलादुथुरई (Mayiladuthurai) में जन्मे विश्वनाथन आनंद 5 बार विश्व शतरंज चैंपियनशिप (World Chess Championship) जीत चुके हैं। ध्यातव्य है कि विश्वनाथन आनंद को वर्ष 1988 में मात्र 18 वर्ष की आयु में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2020 

हाल ही में भारतीय मुक्केबाजी संघ (Indian Boxing Federation-BFI) ने घोषणा की है कि भारत नवंबर-दिसंबर 2020 में आयोजित होने वाली एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2020  की मेजबानी करेगा। BFI के अनुसार, कोरोनावायरस की समाप्ति के पश्चात् एशियाई मुक्केबाजी परिसंघ (Asian Boxing Confederation) द्वारा इस संबंध में औपचारिक घोषणा की जाएगी। इससे पूर्व भारत ने वर्ष 1980 में मुंबई में पुरुष एशियाई चैंपियनशिप और वर्ष 2003 में हिसार (हरियाणा) में महिला चैंपियनशिप की मेजबानी की थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 से पुरुष और महिला चैंपियनशिप का आयोजन एक साथ किया जा रहा है। भारतीय मुक्केबाजी संघ (Indian Boxing Federation-BFI) देश में ओलंपिक मुक्केबाजी के लिये राष्ट्रीय शासकीय निकाय है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। ध्यातव्य है कि मौजूदा समय में कोरोनावायरस (COVID-19) के कारण टोक्यो ओलंपिक सहित विश्व की लगभग सभी खेल प्रयोगिताओं को कुछ समय के लिये स्थगित कर दिया गया है।

एशिया की आर्थिक वृद्धि दर में कमी 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund- IMF) के अनुमान के अनुसार, मौजूदा वर्ष में कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के कारण एशिया की आर्थिक वृद्धि दर शून्य रह सकती है। विश्लेषकों के अनुसार, यदि ऐसा होता है तो यह बीते 60 वर्ष में एशिया का सर्वाधिक खराब प्रदर्शन होगा। हालाँकि, IMF का मत है कि गतिविधियों के संदर्भ में अन्य क्षेत्रों की तुलना में एशिया का प्रदर्शन काफी बेहतर है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, COVID-19 महामारी का एशिया-प्रशांत क्षेत्र पर गंभीर और अप्रत्याशित प्रभाव होगा। उल्लेखनीय है कि एशिया की आर्थिक वृद्धि दर वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 4.7 प्रतिशत और एशियाई वित्तीय संकट के दौरान 1.3 प्रतिशत रही थी। IMF के अनुमानानुसार, इस वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3 प्रतिशत की गिरावट देखी जा सकती है। विदित हो कि कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के कारण एशिया समेत विश्व के तमाम क्षेत्रों के उत्पादन में भारी कमी आई है, जिसके कारण आर्थिक वृद्धि दर में कमी आ सकती है।