Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 मई, 2020 | 07 May 2020

फोर्ब्स इंडिया बिलियनयर्स लिस्ट 2020

हाल ही में अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स (Forbes) ने फोर्ब्स इंडिया बिलियनयर्स लिस्ट 2020 (Forbes India Billionaires list 2020) जारी की है। इस सूची में रिलायंस इंडिया के चेयरमैन मुकेश अंबानी 36.8 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ अपना पहला स्थान बरकरार रखा है और वे मौजूदा समय में भारत के सर्वाधिक अमीर व्यक्ति हैं। हालाँकि मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति में बीते वर्ष के मुकाबले 13.2 बिलियन डॉलर की कमी आई है, किंतु इसके बावजूद भी वे पहले स्थान पर मौजूद हैं। वहीं स्टॉक मार्केट (Stock Market) में गिरावट के बावजूद भारतीय व्यवसायी राधाकिशन दमानी 13.8 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। ध्यातव्य है कि यह पहली बार है जब राधाकिशन दमानी को इस सूची में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। तकरीबन 11.9 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ HCL के संस्थापक और और अध्यक्ष शिव नादर को इस सूची में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इस सूची में चौथा स्थान इन्वेस्टमेंट बैंकर (Investment Bankers) उदय कोटक (10.4 बिलियन डॉलर) को प्राप्त हुआ है, वहीं पाँचवें स्थान पर अडानी ग्रुप के अध्यक्ष के गौतम अडानी (8.9 बिलियन डॉलर), छठे स्थान पर भारती एयरटेल के संस्थापक सुनील मित्तल (8.8 बिलियन डॉलर), सातवें स्थान पर भारतीय व्यवसायी साइरस पूनावाला (8.2 बिलियन डॉलर) और आठवें स्थान पर आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमार बिड़ला (7.6 बिलियन डॉलर) मौजूद हैं। फोर्ब्स इंडिया बिलियनयर्स लिस्ट 2020 के अनुसार, भारत में बिलियानर्स की कुल संख्या 102 हो गई है, जो कि बीते वर्ष 106 थी। उल्लेखनीय है कि एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी बायजूस (BYJU’s) के संस्थापक बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) को भी इस सूची में पहली बार स्थान मिला है और इसी के साथ वे इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल होने वाले भारत के सबसे युवा अरबपति बन गए हैं। ध्यातव्य है कि बायजू रविंद्रन की कुल अनुमानित संपत्ति तकरीबन 1.8 बिलियन है।

ऑपरेशन ‘समुद्र सेतु’ 

अपनी तरह के अब तक के सबसे बड़े निकासी अभियान के तहत भारतीय नौसेना ने विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिये ऑपरेशन समुद्र सेतु की शुरूआत की है। इस निकासी अभियान की शुरूआत में नौसेना के INS जलाश्‍व (INS Jalashwa) और एक अन्य जहाज़ को मालदीव में भेजा गया है। मालदीव में भारत के उच्चायुक्त संजय सुधीर के अनुसार, भारतीय नागरिकों की निकासी के लिये व्‍यापक व्यवस्था की गई है। ध्यातव्य है कि नागरिकों की निकासी का कार्य 8 मई से शुरू किया जाएगा और अनुमान के मुताबिक लगभग 2000 से अधिक फँसे लोगों को निकला जाएगा। वापस लाए गए लोगों को केरल में कोच्चि में उतारा जाएगा और राज्य अधिकारियों की देखरेख में सौंप दिया जाएगा। भारतीय नौसेना के अनुसार, मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में फँसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिये नौसेना के तीन युद्धपोतों को रवाना किया गया है। इन युद्धपोतों में INS जलाश्‍व, INS मगर और INS शार्दुल शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है, नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, देश भर में कोरोनावायरस संक्रमण के कुल 52000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और इस वायरस के प्रभाव से तकरीबन 1700 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। 

सीमा सड़क संगठन

07 मई, 2020 को सीमा सड़क संगठन (Border Road Organization-BRO) ने अपना 60वाँ स्थापना दिवस मनाया। सीमा सड़क संगठन (BRO) की स्थापना 7 मई, 1960 को हुई थी और यह रक्षा मंत्रालय के तहत एक प्रमुख सड़क निर्माण संस्था के रूप में कार्य करता है। ध्यातव्य है कि यह संगठन सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करने में अग्रिणी भूमिका अदा कर रहा है। यह पूर्वी और पश्चिमी सीमा क्षेत्रों में सड़क निर्माण तथा इसके रखरखाव का कार्य करता है ताकि सेना की रणनीतिक आवश्यकताएँ पूरी की जाएँ। उल्लेखनीय है कि आज़ादी के पश्चात् के शुरूआती वर्षों में भारत के सामने लगभग 15000 किमी लंबी सीमा रेखा की सुरक्षा तथा अपर्याप्त सड़क साधन वाले उत्तर व उत्तर पूर्व के आर्थिक रूप से पिछड़े सुदूरवर्ती इलाके को भविष्य में उन्नत व विकसित करने का दायित्त्व था और BRO इस दायित्त्व को पूरा करने के लिये काफी तेज़ी से कार्य कर रहा है। 

लोक लेखा समिति 

संसद में कॉन्ग्रेस के नेता ‘अधीर रंजन चौधरी’ को संसद की लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) का अध्यक्ष चुना गया है। ध्यातव्य है कि परंपरा के तौर पर संसद की इस समिति के अध्यक्ष के तौर पर विपक्ष के नेता को ही चुना जाता है। समिति का कार्यकाल 01 मई, 2020 से शुरू हो चुका है, जो कि 30 अप्रैल, 2021 तक रहेगा। लोक लेखा समिति भारत सरकार के खर्चों की लेखा परीक्षा अथवा जाँच करने वाली समिति होती है। इस जाँच का आधार नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General-CAG) की रिपोर्ट होती है। इस समिति का गठन भारत सरकार अधिनियम, 1919 के अंतर्गत पहली बार वर्ष 1921 में हुआ था। इसमें लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों ही सदनों के सदस्यों को शामिल किया जाता हैं।