रायसीना डायलॉग | 11 Jan 2019

चर्चा में क्यों?


हाल ही में ‘रायसीना डायलॉग’ के चौथे संस्करण का आयोजन नई दिल्ली में किया गया। गौरतलब है कि ‘रायसीना डायलॉग 2019’ विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (Observer Research Foundation -ORF) के तत्त्वावधान में आयोजित किया गया था जिसमें दुनिया के तमाम देशों से सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रमुख बिंदु

  • नार्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोल्बर्ग के उद्घाटन भाषण से इस सम्मेलन का शुभारंभ हुआ।
  • रायसीना डायलॉग के 2019 संस्करण की थीम है ‘ए वर्ल्ड रिऑर्डर: न्यू जियोमेट्री, फ्लुइड पार्टनरशिप एंड अनसर्टेन आउटकम्स’।

RAISINA

  • इस सम्मेलन में अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार के मुद्दे से लेकर हिंद-प्रशांत महासागर में बदलते माहौल और यूरोपीय संघ में चल रही उथल-पुथल तक हर मुद्दे पर चर्चा हुई।
  • इस दो दिवसीय सम्मेलन में सोशल मीडिया की भूमिका और पर्यावरण व विकास के बीच सामंजस्य बनाने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। साथ ही सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।

उद्देश्य

  • रायसीना डायलॉग का मुख्य उद्देश्य एशियाई एकीकरण के साथ-साथ शेष विश्व के साथ एशिया के बेहतर समन्वय हेतु संभावनाओं एवं अवसरों की तलाश करना है।
  • रायसीना वार्ता एक बहुपक्षीय सम्मेलन है जो वैश्विक समुदाय के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रतिबद्ध है।
  • व्यापक अंतर्राष्ट्रीय नीतिगत मामलों पर चर्चा करने के लिये नीतिगत, व्यापार, मीडिया और नागरिक समाज के वैश्विक नेताओं को प्रति वर्ष रायसीना डायलॉग में आमंत्रित किया जाता है।

रायसीना डायलॉग से भारत को लाभ

  • भारत के पुराने सहयोगियों, जैसे-अमेरिका और रूस को छोड़कर यूरोपीय संघ व दक्षिण अमेरिकी देशों ने जिस तरह से रायसीना डायलॉग में भाग लिया वह इस बात का संकेत है कि भारत ने न सिर्फ कूटनीतिक पहुँच बढ़ाई है बल्कि कई देशों की नज़र में भारत आगे आकर वैश्विक भूमिका निभाने में सक्षम है।
  • रायसीना डायलॉग सरकार को अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विभिन्न सवालों और मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने हेतु एक मंच प्रदान करता है।

इसका नाम रायसीना डायलॉग क्यों है?

  • भारत के विदेश मंत्रालय का मुख्यालय रायसीना पहाड़ी (साउथ ब्लॉक), नई दिल्ली में स्थित है, इसी के नाम पर इसे रायसीना डायलॉग के रूप में जाना जाता है।
    रायसीना डायलॉग क्या है?
  • यह भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने हेतु एक वार्षिक सम्मेलन है जिसका आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय और ओआरएफ (Observer Research Foundation -ORF) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
  • यह एक बहु-हितधारक, क्रॉस-सेक्टरल बैठक है जिसमें नीति-निर्माताओं एवं निर्णयकर्त्ताओं, विभिन्न राष्ट्रों के हितधारकों, राजनेताओं, पत्रकारों, उच्चाधिकारियों तथा उद्योग एवं व्यापार जगत के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है जो कि एक मंच पर अपने विचार साझा करते हैं।
  • इसके अंतर्गत न केवल विभिन्न देशों के विदेश, रक्षा और वित्त मंत्रियों को शामिल किया गया है, बल्कि उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारियों, नीति-निर्माताओं, व्यापार और उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तियों तथा मीडिया एवं अकादमिक सदस्यों को भी शामिल किया जाता है।
  • ORF (Observer Research Foundation) नई दिल्ली स्थित एक स्वतंत्र थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है। यह भारतीय महासागरीय क्षेत्र में भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर आधारित सम्मेलन है।

स्रोत- ORF की वेबसाइट